एंटी माफिया मुहिम: 50 साल से था दो भाइयों का कब्जा, 35 मिनट में खाली कराई 40 करोड़ रुपए की सरकारी जमीन

एंटी माफिया मुहिम: 50 साल से था दो भाइयों का कब्जा, 35 मिनट में खाली कराई 40 करोड़ रुपए की सरकारी जमीन


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ग्वालियर14 मिनट पहले

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सिरोल में दो भाइयों के कब्जे से 40 करोड़ रुपए की जमीन को मुक्त कराया गया।

  • 10 हजार स्क्वॉयर फीट में बना रखा था मकान
  • मकान तोड़ते समय एक पुरानी तिजोरी भी मिली है

50 साल से था पहाड़ी पर कब्जा, 10 हजार स्क्वॉयर फीट में खुद के लिए बना रखा था मकान। सोमवार दोपहर 2 बजे सिर्फ 35 मिनट में जिला प्रशासन ने जेसीबी चलाकर दो भाइयों से 40 करोड़ रुपए की शासकीय जमीन को मुक्त करा लिया है। यह कार्रवाई कलेक्ट्रेट पहाड़ी के पीछे सिरोल में की गई है। कार्रवाई सिरोल इलाके में थी इसलिए काफी संख्या में पुलिस फोर्स भी मौजूद रहा। जिस कारण कोई विरोध नहीं कर सका।

10 हजार स्क्वॉयर फीट में बना रखा था मकान और फार्म हाउस

10 हजार स्क्वॉयर फीट में बना रखा था मकान और फार्म हाउस

जिला प्रशासन की एंटी माफिया मुहिम के तहत कार्रवाई के लिए बनाई गई सूची में सिरोल के रूस्तम सिंह और जसबंत सिंह का भी नाम था। सिरोल में सनवैली टाउनशिप के पीछे पहाड़ियां और उससे जुड़ी शासकीय जमीन पर रूस्तम सिंह गुर्जर, जसवंत सिंह गुर्जर का करीब 50 साल पुराना कब्जा था। जिस जमीन को वह अपनी बताकर 10 हजार स्क्वॉयर फीट एरिया में अपना आलीशान मकान बनाए हुए थे उस जमीन का खसरा नंबर 90 और 91 जिला प्रशासन के रिकॉर्ड में सरकारी था। इसी आधार पर सोमवार को जिला प्रशासन की टीम एसडीएम झांसी रोड विनोद भार्गव, तहसीलदार कुलदीप के नेतृत्व में सिरोल इलाके में पहुंची। पहले से ही विश्वविद्यालय थाना और सिरोल थाना सहित लाइन का फोर्स वहां तैयार था। क्योंकि रूस्तम सिंह और जसवंत सिंह की सिरोल के क्षेत्रीय लोगों में अच्छी ​​​​​​ पकड़ है। जिला प्रशासन को आशंका थी कि कहीं लोग आक्रोश में कोई प्रदर्शन न कर दें। पुलिस फोर्स देखकर आसपास के लोगों के हाथ पैर फूल गए। रूस्तम सिंह और जसवंत सिंह ने जमीन अपनी होने का दावा किया, लेकिन प्रशासन कुछ सुनने के तैयार नहीं था। एसडीएम झांसी रोड के एक इशारे पर नगर निगम के मदाखलत अमले ने जेसीबी को चला दी। कुछ ही मिनट में 10 हजार स्क्वॉयर फीट में बना निर्माण जमींदोज कर दिया गय। इसके साथ ही पहाड़ी को भी खाली कराया गया है। एसडीएम विनोद भार्गव के अनुसार यह पूरी जमीन सरकारी है और वर्तमान में 40 करोड़ रुपए इसकी कीमत है।

तोड़फोड़ में निकली पुरानी तिजोरी

जब मदाखलत का दस्ता रूस्तम और जसवंत का अवैध मकान तोड़ रहे थे तो वहां एक पुरानी तिजोरी मिली है। यह तिजोरी काफी पुरानी और मजबूत है। इसे उठाकर एक तरफ रखा गया है। इसमें क्या है यह तो पता नहीं चल सका है, लेकिन इस तिजोरी को जिनका कब्जा था उनको ही सुपुर्द कर दिया गया है।



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