टाइगर के बाद तेंदुओं को पसंद आया मध्यप्रदेश: देश में सबसे अधिक 3,421 तेंदुए एमपी में, 80% की रिकाॅर्ड वृद्धि ने कर्नाटक-महाराष्ट्र को पछाड़ा

टाइगर के बाद तेंदुओं को पसंद आया मध्यप्रदेश: देश में सबसे अधिक 3,421 तेंदुए एमपी में, 80% की रिकाॅर्ड वृद्धि ने कर्नाटक-महाराष्ट्र को पछाड़ा


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भोपाल17 मिनट पहले

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तेुदुए की आबादी में 80% की रिकार्ड वृद्धि के साथ मप्र में संख्या 3,421 हो गई है।

टाइगर स्टेट का दर्जा मिलने के बाद मध्य प्रदेश तेंदुओं की गणना में भी पहले स्थान पर आ गया है। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने तेंदुए की गणना के आंकड़े जारी किए हैं। देश में अब सबसे अधिक 3,421 तेंदुए मध्यप्रदेश में हैं। मध्य प्रदेश को यह तमगा कर्नाटक और महाराष्ट्र को पछाड़कर मिला है। वन विभाग को उम्मीद थी कि एमपी में 2014 की गणना के हिसाब से तेंदुओं की संख्या 2200 के आसपास होगी, लेकिन 2014 की तुलना में इनकी आबादी में 80% की वृद्धि हुई है। जबकि देश की औसत वृद्धि 60% से ज्यादा है। बता दें कि वर्ष 2000 तक प्रदेश में 3600 से ज्यादा तेंदुए थे।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को 2018 में तेंदुए की स्थिति रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा 3,421, कर्नाटक में 1783 और महाराष्ट्र में 1690 तेंदुए पाए गए हैं। जावड़ेकर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में टाइगर, शेर और तेंदुए की संख्या में वृद्धि होना वन्यजीव और जैव विविधता की गवाही है। जावड़ेकर ने कहा कि यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत में अब 12,852 तेंदुए हैं। जनसंख्या में रिकॉर्ड 60% से ज्यादा वृद्धि हुई है। इससे पहले 2014 में गणना की गई थी।

दिल्ली में रिपोर्ट जारी करते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर।

दिल्ली में रिपोर्ट जारी करते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर।

2014 में मध्य प्रदेश में 1817 तेंदुए मिले थे
2014 की गणना में प्रदेश में 1817 तेंदुए पाए गए थे। इसमें कर्नाटक दूसरे नंबर पर था। वहां 1129 तेंदुए मिले थे। भारतीय वन्यप्राणी प्रबंधन संस्थान देहरादून ने अन्य वन्यप्राणियों की गणना के आंकड़े अलग-अलग कर लिए हैं।

2014 की गणना में प्रदेश में 1817 तेंदुए पाए गए थे। इसमें कर्नाटक दूसरे नंबर पर था। वहां 1129 तेंदुए मिले थे।

2014 की गणना में प्रदेश में 1817 तेंदुए पाए गए थे। इसमें कर्नाटक दूसरे नंबर पर था। वहां 1129 तेंदुए मिले थे।

तेंदुए और भालुओं की संख्या बढ़ी
प्रदेश में दिसंबर 2017 से मार्च 2018 के बीच देशभर में बाघों की गिनती करवाई गई है। इस दौरान तेंदुए भी गिने गए। केंद्र सरकार ने बाघों के आंकड़े सार्वजनिक कर दिए, लेकिन अन्य मांसाहारी और शाकाहारी वन्यप्राणियों के आंकड़े अब तक घोषित नहीं किए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि तेंदुओं के साथ साथ भालुओं की संख्या भी बढ़ी है। पहले जिन क्षेत्रों में कभी तेंदुआ और भालू नहीं दिखाई दिए वहां भी ये अक्सर दिखाई दे रहे हैं।

मध्य प्रदेश में 2014 की गणना के हिसाब से तेंदुओं की संख्या 2200 के आसपास होगी, लेकिन 2014 की तुलना में इनकी आबादी में 80% की वृद्धि हुई है।

मध्य प्रदेश में 2014 की गणना के हिसाब से तेंदुओं की संख्या 2200 के आसपास होगी, लेकिन 2014 की तुलना में इनकी आबादी में 80% की वृद्धि हुई है।

CM शिवराज बोले- वन्य प्राणियों के संरक्षण की कोशिशों का परिणाम
टाइगर के बाद तेंदुआ स्टेट का दर्जा मिलने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा है कि वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए हमारी सरकार ने अनेक बड़े कदम उठाए हैं जिनके सकारात्मक परिणाम हमें मिल रहे हैं। हर्ष का विषय है कि वाइल्ड लाइफ इन्स्टीट्यूशन की रिपोर्ट के अनुसार भारत में सबसे ज़्यादा तेंदुए हमारे प्रदेश में हैं। इनकी संख्या 3,421 है। मैं इस अनूठी उपलब्धि के लिए मध्यप्रदेश वन विभाग और वन्य जीव संरक्षण से जुड़े सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।



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