- Hindi News
- Local
- Mp
- Madhya Pradesh Ayurveda Diploma Course Announcement By School Education Minister Parmar
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
भोपाल5 घंटे पहलेलेखक: अनूप दुबे
- कॉपी लिंक
स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार एवं चेयरमैन महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान इंदर सिंह परमार ने समीक्षा बैठक की।
- रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण दिया जाए
मध्यप्रदेश में अब आयुर्वेद में डिप्लोमा कोर्स होगा। यह निर्देश स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार एवं चेयरमैन महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान इंदर सिंह परमार ने दिए। उन्होंने आज महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान पहुंचे और संस्थान के कार्य और गतिविधियों की समीक्षा के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने की दिशा में संस्कृत में रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण दिया जाए। परमार इसके बाद राज्य स्तरीय शासकीय योग प्रशिक्षण केंद्र पहुंचे। उन्होंने योग प्रशिक्षण केंद्र, पुस्तकालय, षट्कर्म हाल, ज्योतिष प्रयोगशालाओं का निरीक्षण किया और आवश्यक निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में निदेशक प्रभातराज तिवारी, उपनिदेशक प्रशांत डोलस सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मंत्री इंदर परमार ने आज भोपाल में योग प्रशिक्षण केंद्र, पुस्तकालय, षट्कर्म हाल, ज्योतिष प्रयोगशालाओं का निरीक्षण किया
कक्षा 1 से 4 तक की कक्षाओं में पढ़ाए संस्कृत
परमार ने निर्देश दिए कि प्रदेश के हर जिला मुख्यालय में एक शासकीय विद्यालय में अरुण (LKG) एवं उदय (UKG) से लेकर चौथी कक्षा के विद्यार्थियों को संस्कृत भाषा में पढ़ाई कराए। इससे बचपन में ही बच्चों में संस्कृति और संस्कार के गुण आएंगे। इसके पूर्व में विद्यालयों में कक्षा पांचवी से संस्कृत भाषा में शिक्षा प्रारंभ होती थी, लेकिन अब इसे जन की भाषा बनाया जाना जरूरी है।
पंचशील नगर संस्कृत बोलने वाला नगर बने
परमार ने कहा संस्कृत को जन-जन की भाषा बनाने की दिशा में कार्य करें। उन्होंने निर्देश दिए कि भोपाल शहर के पंचशील नगर को संस्कृत भाषा बोलने वाले नगर के रूप में विकसित किया जाए। उन्होंने कहा प्रदेश के सभी जिलों में कम से कम एक नगर को संस्कृत भाषी नगर के रूप में विकसित किया जाए। संस्कृत भाषा और व्याकरण की दृष्टि से एक समृद्ध भाषा है। यह अध्ययन अध्यापन से लेकर कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की भाषा के रूप में भी उपयोग की जा सकती है। इसे उपेक्षा कि नहीं बल्कि अपेक्षा की भाषा बनाएं।
वैद्यशाला उज्जैन को विश्व स्तरीय संस्थान बनाया जाए
परमार ने उज्जैन स्थित वैद्यशाला को विश्व स्तरीय संस्थान के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। इससे अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा दुनिया भारत के प्राचीन इतिहास, संस्कृति और विज्ञान से परिचित हो सकेगी। उन्होंने शासकीय आदर्श संस्कृत विद्यालय उज्जैन को महाकालेश्वर वैदिक शोध संस्थान में विलय करने के निर्देश दिए।
शासकीय कन्या आवासीय संस्कृत विद्यालय भोपाल की तर्ज पर शासकीय बालक आवासीय संस्कृत विद्यालय की स्थापना किए जाएंगे। संस्थान के पांचों आदर्श संस्कृत विद्यालयों को आवासीय संस्कृत विद्यालयों में परिवर्तित किया जाएगा। इनमें हायर सेकेंडरी स्कूल के पदों का सेटअप उपलब्ध किया जाए। सभी 28 संस्कृत विद्यालयों में भी शासकीय कन्या आवासीय संस्कृत विद्यालय भोपाल के समान किए जाएंगे।
पाठ्यक्रम एनसीईआरटी के अनुरूप होगा
परमार ने निर्देश दिए कि संस्कृत भाषा में शेष 55 पाठ्य पुस्तकों का लेखन कार्य शीघ्र पूर्ण करें। इनका बाल मनोयोग का ध्यान रखते हुए एनसीईआरटी के अनुरूप लेखन करें। संस्कृत के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को प्रोत्साहित एवं पुरस्कृत करें। संस्कृत के प्रसिद्ध विद्वानों और बुद्धिजीवियों को इस संस्थान से जोड़े। संस्कृत भाषा में रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए आवश्यक कार्ययोजना बनाए।