किसानों के समर्थन में ट्रैक्टर पर सवार होंगे कमलनाथ, 28 को विधानसभा का घेराव

किसानों के समर्थन में ट्रैक्टर पर सवार होंगे कमलनाथ, 28 को विधानसभा का घेराव


कांग्रेस मध्य प्रदेश में किसानों की खामोशी तोड़ने के प्रयास में है.

नये कृषि कानून (New agriculture law)के खिलाफ बीते 27 दिनों से किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं. प्रदेश में मुरैना सहित कई ज़िलों से किसान उस आंदोलन में शामिल होने दिल्ली भी गए. लेकिन मध्यप्रदेश में बीजेपी (BJP) सरकार ने नये बिल के समर्थन में सम्मेलन किए.

भोपाल.नये कृषि बिल (New agriculture law) के विरोध और किसानों के समर्थन में मध्य प्रदेश में कांग्रेस (Congress) विधानसभा का घेराव करेगी. 28 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र के पहले दिन कांग्रेसी ट्रैक्टर पर सवार होकर विधानसभा का घेराव करेंगे. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ भी ट्रैक्टर पर सवार होकर विधानसभा पहुंचेंगे. पार्टी ने अपने सभी विधायकों को ट्रैक्टर पर सवार होकर किसानों के साथ विधानसभा पहुंचने के निर्देश दिए हैं.

कांग्रेस पार्टी 28 दिसंबर को दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में सड़क पर उतरेगी. पार्टी नेता भोपाल में विधानसभा का घेराव करेंगे. इससे पहले कांग्रेस पार्टी देशभर में किसान आंदोलन के समर्थन में धरना उपवास कर चुकी है.  लेकिन अब विधानसभा में किसानों के मुद्दे पर बीजेपी को घेरने का प्लान उसने तैयार किया है. प्रदेश भर से कांग्रेस विधायक किसानों के साथ ट्रैक्टर पर सवार होकर विधानसभा पहुंचेंगे.

 28 को कांग्रेस का स्थापना दिवस 
28 दिसंबर को कांग्रेस का स्थापना दिवस है और इसी दिन मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र भी शुरू हो रहा है. उस दिन सुबह पीसीसी में स्थापना दिवस मनाया जाएगा. उसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ सहित पार्टी के सभी नेता विधायक मौजूद रहेंगे. पार्टी ने जो प्लान तैयार किया है उसके तहत कमलनाथ समेत सभी विधायक पीसीसी दफ्तर से ट्रैक्टर पर सवार होंगे और फिर वहां से विधानसभा पहुंचेंगे. एमपी कांग्रेस के कोषाध्यक्ष प्रकाश जैन का कहना है किसानों के मुद्दे पर बीजेपी सरकार को जगाने के लिए सभी विधायक किसानों के साथ ट्रैक्टर पर सवार होकर विधानसभा पहुंचेंगे. किसानों की आवाज़ सदन में उठाएंगे.

खामोशी तोड़ने का प्रयास
नये कृषि बिल के खिलाफ बीते 27 दिनों से किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं. मध्यप्रदेश में बीजेपी सरकार ने नये बिल के समर्थन में सम्मेलन किए. प्रदेश में मुरैना सहित कई ज़िलों से किसान उस आंदोलन में शामिल होने दिल्ली भी गए. लेकिन उसके सिवाय कहीं और से किसानों की कहीं कोई और बड़ी हलचल या विरोध नहीं है. कांग्रेस किसानों की इस खामोशी को खत्म करने की कोशिश में जुटी है. यही कारण है कि कांग्रेस अब अपने विधायकों को भी सड़क पर उतार रही है.





Source link