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- MP Bhopal Deen Dayal Upadhyay Mobile Hospital Yojana Banned By Mission Director NHM MD Chhavi Bhardwaj
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भोपाल13 मिनट पहले
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तस्वीर दीनदयाल चलित अस्पताल की है, जिसमें प्राथमिक उपचार सहित कई तरह की जांचों की सुविधा दी गई थी, अब इन्हें बंद कर दिया गया है।
- जांच में गड़बड़ियां मिलीं, चेतावनी दी गई, लेकिन सुधार नहीं हुआ
- MP में 150 दीनदयाल चलित अस्पतालों का संचालन होता है
राज्य सरकार ने दूरदराज के ग्रामों में गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने दीनदयाल चलित अस्पताल के लिए लाखों रुपए खर्च कर रही है। वहीं, एम्बुलेंस में संचालित चलित अस्पताल की मैदानी हकीकत यह है कि उसमें ना तो डॉक्टर मिल रहे थे और न ही दवाएं। यही नहीं, मरीज नहीं आए तो फर्जी तरीके से डेटा फीड कर लिया गया। इसकी जांच की गई तो लापरवाही सामने आई। इसके बाद दीनदयाल चलित अस्पतालों के संचालन पर रोक लगा दी गई है।
सोमवार को देर शाम इस संबंध में NHM की MD छवि भारद्वाज ने आदेश जारी कर दिया। संचालन बंद करने की सबसे बड़ी वजह चलित अस्पताल में आने वाले मरीजों का फर्जी डाटा फीड करना पाया गया। पिछले दिनों NHM के अफसरों द्वारा धार जिले में की गई जांच में चलित अस्पताल में कई तरह की गड़बड़ी पकड़ी थी। इसकी जांच रिपोर्ट एनएचएम भोपाल को भेजी गई थी। दीनदयाल चलित अस्पताल चलाने की जिम्मेदारी सरकार द्वारा जिगित्जा हेल्थ केयर कंपनी को दी गई थी।
कई जिलों में गड़बडिय़ां सामने आईं
कई जिलों में ये बात भी सामने आई थी कि जिन मरीजों का डाटा डॉक्टर्स द्वारा फीड किया गया, वो कभी इलाज कराने पहुंचे ही नहीं। इस तरह की ढेरों गड़बड़ी पकड़ में आने के बाद ये कार्रवाई की गई है। प्रदेशभर में 150 चलित अस्पताल संचालित हो रहे थे। एक अस्पताल में करीब 1500 से ज्यादा मरीज इलाज के लिए पहुंचते थे।

एमडी छवि भारद्वाज ने जारी किया आदेश।
चलित अस्पतालों में सुविधाएं, लेकिन मिलती नहीं थीं
शासन के नियमानुसार, एक अस्पताल में उपलब्ध पूरी सुविधाओं की तरह पूरी व्यवस्थाओं से लैस एंबुलेंस वाहन में दीनदयाल चलित अस्पताल संचालित किया जाता है। वहीं चलित अस्पताल के नाम पर ग्रामीण अंचलों में बिना सुविधा दिए सरकार से पूरी राशि वसूल रहे हैं। वहीं लंबे समय से चल रहे दीनदयाल चलित अस्पताल में जीवन रक्षक प्रणाली के लिए अति आवश्यक आक्सीजन सिलेंडर के साथ-साथ अन्य जांचों व उपचार के लिए आवश्यक उपकरण माइक्रोस्कोप, गांव में संदेश देने के लिए साउंड सिस्टम स्पीकर सहित अन्य सुविधाएं दी जाती हैं। एंबुलेंस में बने अस्पताल में एक चिकित्सक (एमबीबीएस) के अलावा लैब टेक्नीशियन, एक नर्स, ड्रायवर की व्यवस्था होना अनिवार्य है। लेकिन इनके अनुपस्थित होने की शिकायतें लगातार मिल रही थीं।
योजना का उद्देश्य (Deendayal Chalit Aspatal Yojana Objectives)
- राज्य सरकार द्वारा इस योजना के माध्यम से मध्यप्रदेश के सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना है।
- दूर दराज के इलाकों में जहां अस्पताल नहीं हैं वहां प्रारंभिक जांच, उपचार और इलाज की सुविधा प्रदान करना।
- महिलाओं की प्रसव संबंधी जांच करना और उन्हें अन्य जानकारी प्रदान करना।
- आदिवासी इलाकों में स्वास्थ्य संबंधी शिक्षा प्रदान करना।
क्या है योजना (Deendayal Chalit Aspatal Yojana)
दीनदयाल चलित अस्पताल योजना के अंतर्गत निम्नलिखित स्वास्थ्य सेवाएं निशुल्क उपलब्ध कराई जाती है।
- चिकित्सीय परामर्श।
- प्राथमिक उपचार।
- प्राथमिक जांच।
- निशुल्क दवा वितरण।
- प्रसव पूर्व एवं प्रसव उपरांत स्वास्थ्य परीक्षण व आवश्यक दवाइयों का वितरण।
- मलेरिया व टीबी जांच के लिए रक्त एवं खखार पट्टी वितरण।
- जटिल स्वास्थ्य संबंधी प्रकरणों की पहचान व आवश्यक उपचार के लिए शासकीय चिकित्सा संस्थानों में मरीजों को रेफर करना।
- परिवार नियोजन के विभिन्न माध्यमों के संबंध में जानकारी।
- टीकाकरण- विभिन्न जनकल्याणकारी कार्यक्रमों का प्रचार प्रसार करना, स्वास्थ्य संबंधी परामर्श।