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- Chandraketu, Who Brought In 24 Lakh Accounts, Said He Was Made Mohra, Jabalpur Investigation Completed, Investigation Officer Left For Noida
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जबलपुर2 घंटे पहले
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गमछा पहने चंद्रकेतू दुबे। इसी के खाते में बिट क्वाइन से 24 लाख फिर 1.70 लाख रुपए आए थे।
- UP में अरेस्ट MP के पुलिसकर्मियों का मामला: जांच अधिकारी गुरुकरन सिंह ने केस से जुड़े लोगों के बयान किए दर्ज, 27 को देंगे रिपोर्ट, नोएडा रवाना
धोखाधड़ी के आरोपी को धमका कर 28.70 लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में यूपी की नोएडा पुलिस की गिरफ्त में आए जबलपुर साइबर सेल के पुलिसकर्मियों का काला-चिट्ठा खुलने लगा है। बुधवार को मामले में अहम किरदार के तौर पर सामने आए चंद्रकेतु का बयान जांच अधिकारी गुरुकरन सिंह ने दर्ज किए। सूत्रों की मानें, तो चंद्रकेतु ने दावा किया कि वह तो 54 हजार रुपए की शिकायत करने गया था। पैसे रिफंड के झांसे में फंसकर जैसे-जैसे पुलिसवाले कहते गए, वो करता गया।
जबलपुर की जांच पूरी, अब नोएडा की बारी
जांच अधिकारी बनाए गए SP साइबर सेल भोपाल गुरुकरन सिंह ने दो दिन जबलपुर में रहकर प्रारंभिक जांच पूरी की। यहां 2018 में दर्ज मेट्रिमोनियल और 27 अक्टूबर को मिले 54 हजार की शिकायत संबंधी आवेदन जब्त किए। नोएडा की सेक्टर 20 थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार एसआई पंकज साहू, राशिद परवेज खान व आरक्षक आसिफ अली के रिश्वतकांड की जांच करने बुधवार शाम नोएडा रवाना हो गए।

दस्तावेजों की जांच करते हुए एसपी गुरुकरन सिंह।
दो दिन की जांच में ये किया
विभागीय जांच अधिकारी गुरुकरन सिंह ने आरोपियों के साथ गए आरक्षक विजय के बयान दर्ज किए। इसके अलावा, निरीक्षक हरिओम दीक्षित, SP अंकित शुक्ला, आवेदक चंद्रकेतु दुबे सहित अन्य स्टाफ के बयान दर्ज किए। सभी संदेही पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के मोबाइल कॉल डिटेल भी निकलवाई है। वहीं, शिकायत के बाद की गई कार्रवाई की जानकारी ली है। चंद्रकेतु, आसिफ के साथ सभी संदेही अधिकारियों के बैंक खातों की भी जानकारी ली गई है। गुरुकरन सिंह के साथ मामले में सहयोगी के तौर पर ट्रेनी आईपीएस प्रियंका शुक्ला, एसआई रितेश पांडे शामिल रहे।
ऐसे चला घटनाक्रम
- एसआई राशिद परवेज, पंकज साहू व आरक्षक आसिफ अली अपराध 176/2018 धारा 420, 468, 471, 120 बी भादवि व धारा आईटी एक्ट की विवेचना के लिए दिल्ली जाने की अनुमति लेकर 15 दिसंबर को निकले थे।
- मामले की विवेचना न करते हुए 16 दिसंबर को तीनों शिकायत संख्या 449/20 (रोजी-पे नाम के मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनी) की जांच करने नोएडा पहुंचे। सूर्यभान यादव को सेक्टर 62 स्थित उसके कार्यालय से उठाकर दिल्ली की सड़कों पर घुमाते रहे।
- जबलपुर लेकर जाकर आपराधिक प्रकरण में जेल भेजने की धमकी देकर 16 से 18 दिसंबर के बीच 1.70 लाख रुपए चंद्रकेतु दुबे के खाते में ट्रांसफर कराए और तीन लाख रुपए नकद लिए। बिट क्वाइन के माध्यम से 24 लाख रुपए चंद्रकेतु के खाते में और फिर चंद्रकेतु से आरक्षक आसिफ अली के खाते में ट्रांसफर कराया।
- तीनों पुलिस कर्मी सूर्यभान यादव के सेक्टर-18 स्थित निजी बैंक खाते को डी-फ्रिज कराकर उसमें जमा 58 लाख में 50 लाख निकालने का सौदा तय किया था, जबकि सूर्यभान 20 लाख से अधिक देने पर राजी नहीं था। इस खाते में एक करोड़ से अधिक की राशि थी। 42 लाख रुपए सूर्यभान पहले ही निकाल चुका था।
- 18 दिसंबर को निजी बैंक के सामने आरोपी सूर्यभान को लेकर एसआई राशिद व पंकज साहू पहुंचे, तभी सूर्यभान का साथी मनोज तिवारी पांच लोगों के साथ पहुंचा और मारपीट कर परवेज का पिस्टल छीन कर फरार हो गया। राशिद की शिकायत पर नोएडा सेक्टर 20 थाने में धारा 395 का प्रकरण दर्ज हुआ।
- नोएडा पुलिस ने उसी रात सूर्यभान यादव, शशिकांत यादव को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी मनोज तिवारी और उसके साथी अब भी फरार हैं। आरोपियों द्वारा रिश्वत का खुलासा करने पर दोनों एसआई पंकज व राशिद व आरक्षक आसिफ 20 दिसंबर को निलंबित कर दिए गए।
- नोएडा पुलिस ने दोनों एसआई व आरक्षक के खिलाफ धारा 384 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार करते हुए न्यायिक जांच में भेज दिया। वहीं, एसपी साइबर सेल अंकित शुक्ला व निरीक्षक हरिओम दीक्षित की भूमिका संदिग्ध होने पर तत्काल प्रभाव से मुख्यालय अटैच कर दिया गया है।
- एसपी साइबर सेल गुरुकरन सिंह को जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया। 27 दिसंबर तक उन्हें रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। 22 को वे जबलपुर पहुंचे। दो दिन जांच करने के बाद वे बुधवार को नोएडा रवाना हुए।

तीनों पुलिस कर्मी व पिस्टल लूट के आरोपी (फाइल फोटो)
आगे क्या होगा
गुरुकरन सिंह ने बताया, वे नोएडा पुलिस से दोनों FIR के संबंध में जानकारी लेंगे। वहां की पुलिस द्वारा अब तक जांच में आए तथ्यों की जानकारी लेंगे। आरोपी पुलिस कर्मियों व सूर्यभान से भी मिलकर पूछताछ करेंगे। 27 को रिपोर्ट एडीजी स्टेट साइबर सेल को सौंपेंगे। सीएम पहले ही तीनों रिश्वतखोर पुलिस कर्मियों को बर्खास्त करने का आदेश दे चुके हैं। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।