MP रिकॉर्ड बिजली की मांग: एक दिन में 15083 मेगावाट डिमांड दर्ज हुई, 25 दिनों से 14 हजार से अधिक की बिजली की मांग बनी हुई है

MP रिकॉर्ड बिजली की मांग: एक दिन में 15083 मेगावाट डिमांड दर्ज हुई, 25 दिनों से 14 हजार से अधिक की बिजली की मांग बनी हुई है


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जबलपुर21 मिनट पहले

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प्रतीकात्मक

  • प्रदेश में सबसे अधिक मांग 5882 मेगावाट पश्चिम क्षेत्र में पहुंची
  • पिछले साल तीन फरवरी को बना था 14555 मेगावाट का रिकॉर्ड

मध्यप्रदेश के इतिहास में 22 दिसंबर को बिजली डिमांड का नया रिकॉर्ड बना है। इस दिन प्रदेश में 15 हजार 83 मेगावाट बिजली की मांग पहुंच गई। प्रदेश में सबसे अधिक मांग पश्चिम क्षेत्र में 5882 मेगावाट पहुंची। प्रदेश में पिछले 25 दिनों से 14 हजार मेगावाट से अधिक की डिमांड बनी हुई है। पिछले वर्ष तीन फरवरी को अधिकतम मांग 14 हजार 555 मेगावाट का पहुंचा था।
रबी सीजन में सिंचाई से बढ़ी डिमांड
एमपी पाॅवर मैनेजमेंट कंपनी के एमडी आकाश त्रिपाठी के मुताबिक 22 दिसंबर को प्रदेश में बिजली की मांग 15,083 मेगावाट दर्ज हुई। प्रदेश के इतिहास में पहली बार बिजली की मांग 15 हजार मेगावाट से ऊपर दर्ज हुई है। इससे भी बड़ी उपलब्धि ये रही कि पूरे प्रदेश में कहीं भी बिजली कट नहीं करनी पड़ी। 04 दिसंबर को बिजली की मांग 14,856 मेगावाट पहुंची थी। कृषि क्षेत्र के रकबे में बढ़ोत्तरी और रबी सीजन में सिंचाई के चलते बिजली की डिमांड बढ़ी है।

प्रदेश में इस तरह तीनों कंपनी क्षेत्र में डिमांड बढ़ी
कहां कितनी मांग
इंदौर व उज्जैन संभाग 5,882 मेगावाट
भोपाल व ग्वालियर संभाग 5,082 मेगावाट
जबलपुर, सागर व रीवा संभाग 4,119 मेगावाट

कैसे हुई प्रदेश में बिजली सप्लाई
प्रदेश में 22 दिसंबर को बिजली की मांग 15,083 मेगावाट दर्ज हुई। उस समय बिजली की सप्लाई में ताप व जल विद्युत गृहों से 3,487 मेगावाट, इंदिरा सागर-सरदार सरोवर-ओंकारेश्वर जल विद्युत परियोजना से 1,176 मेगावाट, एनटीपीसी व नार्दन रीजन का अंश 4,019 मेगावाट, सासन अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट से 1,108 मेगावाट व आईपीपी से 1,532 मेगावाट, बिजली बैंकिंग से 1,939 मेगावाट व अन्य सोर्स से 1,822 मेगावाट बिजली सप्लाई की गई।
इन विभागों के प्रयास से रिकॉर्ड बिजली की सप्लाई हो पाई
प्रदेश में 15,083 मेगावाट बिजली की मांग की सफलतापूर्वक बिजली सप्लाई करने में एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के कंट्रोल रूम व क्षेत्रीय कार्यालय, स्टेट लोड डिस्पेच सेंटर, पावर जनरेटिंग कंपनी के विद्युत गृहों के साथ मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी व राज्य की पूर्व क्षेत्र, मध्य क्षेत्र एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कंट्रोल रूम एवं मैदानी अभियंताओं व कार्मिकों की सराहनीय भूमिका रही।



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