असफलता से हारी जिंदगी: सिविल जज बनने का सपना टूटा तो मेघा ने फांसी लगाकर दे दी जान

असफलता से हारी जिंदगी: सिविल जज बनने का सपना टूटा तो मेघा ने फांसी लगाकर दे दी जान


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ग्वालियर3 मिनट पहले

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गुरुवार दोपहर पोस्टमार्टम हाउस के बाहर खड़े मेघा के परिजन

  • डीडी नगर में बुधवार रात की घटना
  • गुरुवार दोपहर 12 बजे हुआ पोस्टमार्टम

एक महिला का सिविल जज बनने का सपना टूटा तो उसने अपनी जान दे दी। बुधवार दोपहर छत्तीसगढ़ सिविल जज परीक्षा का परिणाम आया है। इसमें महिला का चयन नहीं हुआ तो वह उदास हो गई। रात को उसने फांसी लगाकर जान दे दी। घटना का पता चलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को निगरानी में लेकर गुरुवार दोपहर पोस्टमार्टम कराया गया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

महाराजपुरा के डीडी नगर निवासी 26 वर्षीय मेघा पत्नी प्रदीप सिंह यादव की शादी दो साल पहले ही हुई थी। लंबे समय से वह सिविल जज के लिए तैयारी कर रही थी। वह लॉ की पढ़ाई भी पूरी कर चुकी थी। वर्ष 2019 में उसने छत्तीसगढ़ सिविल जज की परीक्षा दी थी, पर कोरोना महामारी के चलते काफी समय तक रिजल्ट नहीं आ सका। बुधवार को छत्तीसगढ़ सिविल जज परीक्षा का परिणाम आया है। दोपहर मेघा ने बड़े ही उत्साह के साथ अपना रिजल्ट देखा, लेकिन जब उसे पता लगा कि उसका चयन नहीं हुआ है तो वह उदास हो गई। पति, सास व अन्य परिजन ने भी उसे खूब समझाया, कहा आगे और भी मौके मिलेंगे, पर वह नहीं मानी। बुधवार रात उसने अपने दुपट्‌टे से फंदा बनाकर फांसी लगा ली। घटना का जब तक पता लगा उसकी मौत हो चुकी थी। तत्काल ​ पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंचकर बारीकी से जांच की है, लेकिन कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस ने शव को निगरानी में लेकर मर्ग कायम कर लिया है।

सभी ने समझाया पर वह नहीं मानी

परिवार के लोग घटना के बाद किसी से बात करने को तैयार नहीं हैं। आसपास के लोगों का कहना है कि मेघा काफी होशियार महिला थी। अपने भविष्य को लेकर उसे काफी चिंतित थी। बुधवार को सिविल जज का रिजल्ट आने के बाद भी उसे सब ने समझाया था, लेकिन असफलता उसके मन में घर कर गई थी।



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