कृषि: आय बढ़ाने कृषकों को मधुमक्खी पालन की बारीकियां सिखाईं, रोग प्रबंधन की दी जानकारी

कृषि: आय बढ़ाने कृषकों को मधुमक्खी पालन की बारीकियां सिखाईं, रोग प्रबंधन की दी जानकारी


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छतरपुर2 घंटे पहले

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छतरपुर | किसानों को मधुमक्खी पालन की बारीकियां सिखाई गईं।

  • उद्यानिकी विशेषज्ञों ने बताया- मधुमक्खी प्राकृतिक संतुलन बनाने के लिए अति आवश्यक

कृषकों की आय बढ़ाने एवं बेरोजगारों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उद्यानिकी विभाग द्वारा कार्यालय सहायक संचालक उद्यान छतरपुर में एक दिवसीय मधुमक्खी पालन कृषक प्रशिक्षण आयोजित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि कृषि विज्ञान केंद्र नौगांव की डॉ. वीणापाणी श्रीवास्तव ने किया। उन्होंने कृषकों को मधुमक्खी पालन के लिए प्रेरित किया एवं उद्यानिकी फसलों में कीट और रोग प्रबंधन के बारे में भी जानकारी कृषकों दी गयी। इसी तारतम्य में छतरपुर जिले से मास्टर ट्रेनर के रुप में आए बाबूराम प्रजापति ने कृषकों को मधुमक्खी पालन का प्रायोगिक एवं सैद्धांतिक प्रशिक्षण दिया। मधुमक्खी से होने वाले लाभ जैसे फसलों मे 20 से 80 प्रतिशत तक उत्पादन मे वृद्वि एवं फसल की गुणवत्ता बढ़ाने मे सहायक, मधुमक्खी के विषय से गठिया रोग का उपचार करने में सहायक है। मधुमक्खी 3 किमी. की परिधि में भ्रमण कर परागकणों से शहद तैयार करती है।

प्रजापति ने बताया कि छतरपुर, दमोह, पन्ना जिलें में फसलों पर रासायनिक दवाओं का कम उपयोग होने से शहद मे रसायन की मात्रा कम पाई है। शहद के नियमित सेवन से व्यक्ति दीर्घायु होता है एवं मधुमक्खी पालन के प्रतिफल उत्पाद रोयाल जेली, मोम, प्रोपलिस प्राप्त होते है जिनसे अधिक लाभ कमाया जा सकता है।



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