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- Architect Of Australia Built The Oldest Phalka Bazaar Church In 1800
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ग्वालियरएक घंटा पहले
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शहर का सबसे पुराना फालका बाजार चर्च
- भारतीय संस्कृति की झलक दिखाता है यह चर्च
ग्वालियर शहर का सबसे पुराना फालका बाजार का संत जॉन महा गिरजाघर सन 1800 में बना। कैथलिक चर्च को ऑस्ट्रेलिया के जाने माने आर्किटेक्ट कर्नल माइकल फ्लोज ने बनाया। ऑस्ट्रेलिया से सिंधिया वंश के तत्कालीन महाराज जीवाजीराव ने महल के आर्किटेक्चर डिजाइन के लिए बुलाया था। जब वे यहां आए तो उन्होंने अपने परिवार के लिए प्रार्थना और रहने की जगह मांगी थी। तब वे फालका बाजार में रहे और यहीं पर इस महागिरजाकर का निर्माण किया। एडवोकेट राजू फ्रांसिस ने बताया कि कर्नल माइकल फ्लोज विश्व के जाने माने आर्किटेक्ट इंजीनियर थे। महाराज चाहते थे कि वे उनके महल का आर्किटेक्चर लंदन के बकिंघम पैलेस जैसा बनाकर दें। काफी समय कर्नल को यहां ठहरना पड़ा जिस कारण गिरजाघर भी बना। चर्च में दो अष्ठ धातु के रियासत कालीन घंटे भी लगे हैं। रियासत की मोहर नाग का चिह्न भी है। कर्नल की एक मूर्ति जयविलास पैलेस म्यूजियम में है।
ईसाई धर्म के वरिष्ठ सदस्य एडवोकेट राजू फ्रांसिस ने बताया कि कर्नल माइकल फ्लोज विश्व के जाने माने आर्किटेक्ट इंजीनियर थे। उसी का परिणाम है कि फालका बाजार में शहर का सबसे पुराना और सांस्कृतिक महत्व का गिरजाघर संत जॉन महा गिरजाघर के नाम से अस्तित्व में आया।
रियासत कालीन दो घंटे भी लगे हैं
यह चर्च कितना प्राचीन है इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि चर्च में रियासत कालीन दो अष्ठ धातु के घंटे भी लगे हैं। काफी भारी हैं जो आज के जमाने में छत पर नहीं चढ़ाए जा सकते। इन पर रियासत की मोहर नाग का चिन्ह भी उकेरा गया है। साथ ही कर्नल साहब की एक मूर्ति जयविलास पैलेस के म्यूजियम में भी रखी गई है।
अदभुत कला का नमूना है महा गिरजाघर
राजू फ्रांसिस की माने तो यह फालका बाजार का महा गिरजाघर भारतीय संस्कृति और ईसाई धर्म संस्कृति का अदभुत नमूना है। इसमें दोनों संस्कृति की झलक दिखाई पड़ती है। बाहर मुख्य दरवाजे से लेकर अंदर तक का दृश्य ईसाई धर्म की छाप छोड़ता है, लेकिन चर्च के ऊपर गोल गुंबद और घंटे भारतीय संस्कृति की झलक दिखलाते हैं।
नाम पड़ गया कर्नल साहब की ड्योढ़ी
जिस जगह फालका बाजार चर्च है उस जगह को कर्नल साहब की ड्योढ़ी भी कहा जाता है। क्योंकि कर्नल साहब ने ही यह चर्च की स्थापना की थी। इसलिए अब यह जगह इसी नाम से प्रसिद्ध है।
कुल 22 चर्च हैं
शहर में इस समय कुल 22 चर्च हैं। चर्च और पैरा चर्च, जो छोटे चर्च होते हैं उनको पैरा चर्च कहा जाता है। इन 22 गिरजाघर में से 17 बड़े चर्च हैं और 5 पैरा चर्च हैं।