MP विधानसभा: अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का चुनाव शीतकालीन सत्र में होगा या नहीं, 27 दिसंबर की सर्वदलीय बैठक में तय होगा

MP विधानसभा: अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का चुनाव शीतकालीन सत्र में होगा या नहीं, 27 दिसंबर की सर्वदलीय बैठक में तय होगा


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भोपाल15 मिनट पहले

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विधानसभा अध्यक्ष और-उपाध्यक्ष का निर्वायन शीतकालीन सत्र में होगा या नहीं, 27 दिसंबर को सर्वदलीय बैठक में तय होगा।

  • 29 दिसंबर को अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के निर्वाचन की अधिसूचना हो चुकी है जारी
  • अध्यक्ष पद के लिए दौड़ में विंध्य से वरिष्ठ विधायक गिरीश गौतम सहित 6 विधायक

विधायकों की संख्या के हिसाब से विधानसभा अध्यक्ष बीजेपी का ही होगा। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्वाचन होगा या नहीं यह स्थिति विधानसभा के शीतकालीन सत्र के संचालन के लिए प्रोटेम स्पीकर द्वारा 27 दिसंबर को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में साफ होगी। हालांकि विधानसभा सचिवालय सत्र के दौरान 29 दिसंबर को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के निर्वाचन की अधिसूचना जारी कर चुका है।

दरअसल, सर्वदलीय बैठक में कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखकर सत्र के स्वरूप पर निर्णय होगा। इस बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ, संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा और कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डा.गोविंद सिंह के अलावा सपा और बसपा विधायक शामिल होंगे।

बीजेपी सूत्रों ने बताया कि इस संवैधानिक पद की दौड़ में बीजेपी के 6 विधायक हैं। इसमें से विंध्य के वरिष्ठ विधायक गिरीश गौतम सबसे आगे हैं। इसके बाद भी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डा. सीतासरन शर्मा को फिर से मौका मिल सकता है। पार्टी स्तर पर इसे लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। शीतकालीन सत्र को लेकर 27 दिसंबर को बैठक बुलाई गई है। इसमें अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को लेकर विचार विमर्श हो सकता है। 29 नवंबर को सीएम हाउस में मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री के बीच हुई बैठक में इसके लिए प्रारंभिक तौर पर चर्चा हुई थी।

उपाध्यक्ष बीजेपी से होगा, नरोत्तम दे चुके हैं संकेत

गृह एवं संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा पहले ही संकेत दे चुके हैं कि विधानसभा में बहुमत होने के कारण अध्यक्ष का पद भाजपा के खाते में ही जाएगा, लेकिन उपाध्यक्ष का पद भाजपा, कांग्रेस को नहीं देगी। मिश्रा के मुताबिक उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को देने की परंपरा रही है, लेकिन कमलनाथ सरकार के दौरान यह परंपरा तोड़ी गई। उस समय यह पद विपक्षी दल भाजपा को देने के बजाय सरकार ने अपने पास रखा था।

अध्यक्ष पद के ये हैं दावेदार

गिरीश गौतम

रीवा जिले की देवतालाब सीट से विधायक गिरीश गौतम को विधानसभा अध्यक्ष पद का दावेदार माना जा रहा है। गिरीश गौतम विंध्य से आते हैं। वे चार बार के विधायक हैं। क्षेत्रीय समीकरण और वरिष्ठता के अधार पर गौतम को यह पद दिया जा सकता है।

राजेंद्र शुक्ल

राजेंद्र शुक्ला रीवा विधानसभा सीट से पांचवीं बार विधायक हैं। शिवराज सरकार में मंत्री रहे हैं और इस बार भी मंत्री पद के दावेदार थे, लेकिन सिंधिया समर्थकों की एंट्री से वे मंत्री नहीं बन पाए। ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम की चर्चा ज्यादा है।

नागेंद्र सिंह

सतना जिले की नागौद विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक नागेंद्र सिंह भी विधानसभा अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हैं। नागेंद्र सिंह इससे पहले शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके हैं। 2014 में वे खजुराहो लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुके हैं। विंध्य में जातिगत समीकरण साधने के लिए उन्हें इस पद का दावेदार माना जा रहा है।

केदार शुक्ला

सीधी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक केदार शुक्ला का नाम भी विधानसभा अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल है। उनके मंत्री बनने की चर्चा भी है, लेकिन वरिष्ठता के आधार पर केदार शुक्ला को विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा है।

सीतासरन शर्मा

होशंगाबाद से छठवीं बार विधायक चुने गए सीतासरन शर्मा का नाम भी इस दौड़ में शामिल हैं। वे 2013- 2018 तक विधानसभा में अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान के करीबी होने के चलते उन्हें पार्टी एक बार फिर से इस पद पर बैठा सकती है।

यशपाल सिंह सिसोदिया

मंदसौर सीट से विधायक बने यशपाल सिंह सिसोदिया के नाम की चर्चा भी विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए चल रही है। सिसोदिया को मंत्री बनाए जाने की बात भी सामने आई थी, लेकिन जगदीश देवड़ा और हरदीप सिंह डंग के मंत्री बनने से उनका पत्ता कट गया। लिहाजा अब जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए उनके नाम की चर्चा भी इस पद के लिए चल रही है।



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