आस अभी बाकी: गीता ने हाथ जोड़कर कहा- आप मेरे पिता नहीं, छोटी थी पर पिता का चेहरा याद है, स्वामी बोले – एक चांटे के कारण जुदा हुई थी बेटी

आस अभी बाकी: गीता ने हाथ जोड़कर कहा- आप मेरे पिता नहीं, छोटी थी पर पिता का चेहरा याद है, स्वामी बोले – एक चांटे के कारण जुदा हुई थी बेटी


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इंदौर5 मिनट पहले

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गीता ने तेलंगाना से मिलने आए परिवार को पहचानने से इंकार कर दिया। उसने ज्ञानेंद्र पुरोहित के जरिए परिवार से बात की।

2015 में पाकिस्तान से भारत लौटी गीता के माता-पिता की खोज लगातार जारी है। अब तक कई परिवार गीता को अपनी खोई हुई बेटी बताते हुए दावा कर चुके हैं, लेकिन गीता के माता-पिता मिल नहीं पाए। परिवार को खोजने इंदौर की एक सामाजिक संस्था कुछ दिनों पहले गीता को महाराष्ट्र और तेलंगाना लेकर गई थी। अब तेलंगाना के एक परिवार ने दावा किया है कि गीता उनकी बेटी है। वह उससे मिलने शुक्रवार को इंदौर पहुंचे, जहां संस्था के ज्ञानेंद्र पुरोहित और मोनिका पुरोहित की मदद से वे डीआईजी ऑफिस में गीता से मिले। हालांकि गीता ने हाथ जोड़कर उन्हें पहचानने से मना कर दिया।

स्वामी आने भाई श्यामसुंदर के साथ गीता से मिलने तेलंगाना से आए थे।

स्वामी आने भाई श्यामसुंदर के साथ गीता से मिलने तेलंगाना से आए थे।

तेलंगाना के थारुपल्ली पेदापल्ली के रहने वाले बोल्ली स्वामी अपने भाई श्याम सुंदर के साथ शुक्रवार दोपहर गीता से डीआईजी ऑफिस में मिले। करीब एक घंटे की मुलाकात में काफी बातें हुईं, लेकिन अंत में गीता ने उन्हें पहचानने से इंकार कर दिया। हालांकि स्वामी को पूरा यकीन है कि गीता ही उनकी खोई हुई बेटी है। वे तो डीएनए तक करवाने को तैयार हैं।

गीता ने हाथ जोड़कर कहा आप मेरे पिता नहीं लग रहे।

गीता ने हाथ जोड़कर कहा आप मेरे पिता नहीं लग रहे।

गीता बोली – हम 5 भाई बहन थे
तेलंगाना से आए परिवार से मिली गीता ने पुरोहित के जरिए बात की। गीता ने पूछा कि आपके बच्चे कितने हैं। इस पर उन्होंने बताया एक बेटी दो बेटे। इस पर गीता ने कहा कि उसे अच्छे से याद है कि उसकी वे दो बहन और तीन भाई थे। परिवार में सब मिलाकर 7 लोग थे। परिवार द्वारा फोटो दिखाने पर उसने पहचानने से साफ मना कर दिया।

डीआईजी ऑफिस में गीता ने स्वामी से मुलाकात की।

डीआईजी ऑफिस में गीता ने स्वामी से मुलाकात की।

मुझे मेरे पिता का चेहरा याद है
गीता ने बताया कि उसके घर के पास डबल स्टोरी अस्पताल, मंदिर, नदी और रेलवे स्टेशन है। ट्रेन इलेक्ट्रिक नहीं, डीजल इंजन वाली चला करती थी। गीता ने कहा कि आप मेरे पापा नहीं लग रहे हैं, क्योंकि मुझे मेरे पिता का चेहरा हल्का-हल्का चेहरा याद है। भले ही मैं छोटी थी, पर मेरे दिमाग में उनकी धुंधली तस्वीर आज भी छपी हुई है। हांलाकि स्वामी ने कहा कि गीता उन्हीं की बेटी है।

हम डीएनए टेस्ट करवाने को तैयार
स्वामी ने कहा कि सोशल मीडिया में गीता के बारे में जानकारी मिली, इसलिए यहां आए थे। गीता हमारी बेटी है, उसे देखने के लिए इतनी दूर आए हैं। हम डीएनए टेस्ट करवाने को तैयार हैं। गीता हमें नहीं पहचान पा रही है। हमें अभी भी उम्मीद है कि गीता हमारी ही बेटी है। हम सरकार से डीएनए टेस्ट करवाने के लिए अपील करेंगे।

डीआईजी ने कहा कि जल्द ही गीता को लेकर एक टीम उन क्षेत्रों में जाएगी।

डीआईजी ने कहा कि जल्द ही गीता को लेकर एक टीम उन क्षेत्रों में जाएगी।

गुस्से में चांटा मारा तो वह रूठ कर चली गई थी
गीता के खो जाने को लेकर उन्होंने कहा कि हमारा छोटा सा घर था, जो अचानक से किसी कारणवश जल गया था। पिता ने गीता को गुस्से में एक चांटा मार दिया था, इसके बाद वह गुस्से में कहीं चली गई थी। इसके बाद से हम उसे खोज रहे थे। उस समय एक व्यक्ति ने बताया था कि वह एक ट्रेन में बैठकर चली गई है। हमने 5 से 6 साल तक उसे तलाशते रहे। सोशल मीडिया पर देखकर गीता को हमने पहचाना है।

परिवार ने जो बताया उसमें बहुत सी बातें मिलती हैं
मोनिका पुरोहित ने बताया कि जो परिवार आया है, वह बहुत आस लेकर आया है। जो बातें वे बता रहे हैं, उसमें से बहुत कुछ गीता की बताई बातों से मिलान हो रही हैं। इसके अलावा तेलंगाना के दो और परिवार हैं जो गीता को अपनी बेटी बता रहे हैं। हमने भी जो रिसर्च किया है उसमें यही आया है कि महाराष्ट्र और तेलंगाना बॉर्डर पर ही कहीं ना कहीं उसका घर हो सकता है। सरकार से मदद को लेकर कहा कि पुलिस-प्रशासन से काफी सहायता मिल रही है।

गीता को लेकर जल्द जाएंगे उन क्षेत्रों में
डीआईजी हरिनारायण चारी ने कहा कि गीता के माता-पिता को खोजने के लिए व्यापाक अभियान चलाया गया है। गीता से जो जानकारी पता चली थी। उससे हमें लगा था कि यह महाराष्ट्र या तेलंगाना से हो सकती है। गीता जहां रह रही है, उस संस्था से लोग लगातार संपर्क कर रहे हैं। गीता को उस गांव में लेकर जाने की तैयारी है। गीता उन जगहों को देखकर यदि कुछ बता पाएगी तो फिर डीएनए के आधार पर उसके माता-पिता को सौंपा जाएगा।

अब तक 24 दंपती कर चुके हैं दावा
2015 में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की मदद से गीता को पाकिस्तान से भारत लाया गया था। इसके बाद गीता को इंदौर में रखा गया, तब से वह यहीं पर रह रही है। इंदौर लाए जाने के बाद देशभर के कई दंपतियों ने गीता के माता-पिता होने का दावा किया, लेकिन किसी का डीएनए मैच नहीं होने से 27 साल की गीता के परिवार की तलाश अब भी अधूरी है। अब तक 24 परिवार गीता को अपनी बेटी बता चुके हैं।



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