MP: वाह रे सिस्टम! बुजुर्ग बिल भर चुके 44000 का, जेल भेजे गए 2000 के चक्कर में

MP: वाह रे सिस्टम! बुजुर्ग बिल भर चुके  44000 का, जेल भेजे गए 2000 के चक्कर में


नाकाम सिस्टम ने एक बुजुर्ग को जेल भिजवा दिया.

गड़बड़ सिस्टम की वजह से पुलिस और कानून ने एक 74 साल के बुजुर्ग को इस कड़कड़ाती ठंड में जेल भेज दिया. जेल भेजा, वह भी सिर्फ 2000 रुपए के चक्कर में. बुजुर्ग का कहना है कि उसे पता ही नहीं किस जुर्म की सजा दे दी.



  • Last Updated:
    December 25, 2020, 10:40 AM IST

नरसिंहपुर. जिले के 74 साल के बुजुर्ग ने सोचा भी नहीं होगा कि उम्र के इस पड़ाव पर भी कोई सजा भुगतनी पड़ेगी, सजा वह भी जेल. कमाल की बात यह है कि जेल हुई तो वह भी महज 2000 रुपए के चक्कर में और वह भी तब जब बुजुर्ग को अपने जुर्म का पता ही नहीं.

दरअसल, नरसिंहपुर जिले के माल्हनवाड़ा गांव के किसान रामप्रसाद कौरव, रमेश कौरव और सुमंत कौरव को आठ साल पुराने बिजली चोरी के दो अलग-अलग मामलों में जेल भेज दिया गया. जेल से लौटकर 74 वर्षीय किसान रामप्रसाद कौरव ने बताया कि उन्हें पिछले 8 सालों से बकाया होने की कोई सूचना नहीं थी, क्योंकि उस समय का 44000 बिजली के बिल का बाकी उन्होंने चुकाया था.

पैनल्टी सहित भर दिया था बिल

जेल से छूटकर राम प्रसाद कौरव ने बताया कि 2012 में उनके खिलाफ बिजली चोरी का मुकदमा बना था. उस वक्त मेरे बेटे ने पैनल्टी और बाकी का जोड़कर 44000 रुपए जमा कर दिए थे। लेकिन, पिछले हफ्ते पुलिस ने फिर बुला लिया और कोर्ट से ही जेल भेज दिया. हमारे पास कोई सूचना होती तो हम पैसे भर देते, क्योंकि मामला महज 2000 रुपए का है. अगर बिल बकाया था तो पुराने बिल में जुड़कर आना चाहिए था. लेकिन न ये राशि बिल में जुड़कर आई और न ही किसी तरह की अन्य पैनल्टी की हमें सूचना दी गई. सीधा जेल भेज दिया गया.भाई का कोई लेना-देना नहीं, फिर भी भेज दिया जेल

वहीं एक अन्य मामले में गांव के ही किसान सुमंत बताते हैं कि उनके नाम पर 6000 बकाया था, जो चक्रवृद्धि ब्याज के चलते पच्चीस हजार से ज्यादा का वसूला गया. इस मामले में हम दोषी हो सकते हैं, लेकिन मेरे मझले भाई रमेश का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है. इसके बावजूद रमेश और उन पर संयुक्त प्रकरण बनाकर दोनों को जेल भेज दिया गया.

पुलिस बोली- हमने केवल अपना काम किया

दूसरी ओर, इस मामले में बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बिजली चोरी के मामले में बिल बकाया के अलावा कंपाउंडिंग राशि का मामला भी होता है. इसी कम्पाउंडिंग की महज 2000 रुपए की राशि के चलते तीनों को जेल जाना पड़ा. पुलिस का कहना है कि उसने केवल अपना काम किया है.







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