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- Hindu Organizations Said On Breaking The Temple FIRs Should Be Taken Against Those Who Take Action Like Executioners
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सागर18 मिनट पहले
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- कलेक्टोरेट में हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों ने किया प्रदर्शन
रीवा के इटावा बायपास स्थित परशुराम आश्रम को ढहाए जाने के विरोध में शनिवार को कलेक्टोरेट में हिन्दू संगठनों ने प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा। हिन्दू संगठनों का नेतृत्व कर रहे ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष पं.भरत तिवारी ने कहा कि धर्म विरोधी कार्यशैली बर्दास्त नहीं की जाएगी।
चाहे वह सरकार हो या प्रशासन। हम पुरजोर विरोध करेंगे। यदि सरकार ने दोषियों पर कार्यवाही नहीं की तो प्रदेश में सड़कों पर विरोध करेंगे। शिवसेना नेता पप्पू तिवारी ने कहा कि एक तरफ भाजपा हिंदुत्व का राग अलापती है। दूसरी ओर हिंदुओं के धर्म स्थलों को निशाना बना रही है। रीवा की करतूत से शिवराज सरकार का धर्म विरोधी एजेंडा उजागर हो गया है।
सरकार का धर्म विरोधी एजेंडा उजागर
धर्माधिकारी पं. विपिन बिहारी महाराज ने कहा कि जिस समय प्रशासन उस आश्रम पर बुलडोजर चला रहा था। उस समय वहां साधु-संत भजन-कीर्तन कर रहे थे। ऐसे निर्दयी लोगों पर शीघ्र कार्यवाही होनी चाहिए। संत पुजारी संघ के अध्यक्ष पं. शिवप्रसाद तिवारी ने कहा कि आश्रम गहरी आस्था का केंद्र था। परिसर में हनुमान मंदिर, परशुराम मंदिर और शनि मंदिर थे। प्राणप्रतिष्ठा द्वारा स्थापित मूर्तियों तक को विस्थापित नहीं किया गया। स्थानीय प्रशासन की जल्लाद जैसी भूमिका नजर आती है।
मंदिर की फिर से स्थापना की जाए
परशुराम सेना के अध्यक्ष पं. योगेश दीक्षित ने कहा कि सरकार और प्रशासन पुनः मंदिर निर्माण और मूर्तियों की स्थापना कराए। साथ ही दोषियों पर एफआईआर हो। प्रदर्शन करने वालों में बजरंग सेना अध्यक्ष अभिषेक जैन,आदर्श केशरवानी, राजेश साहू, संत पुजारी संघ से डॉ पं.प्रमोद शास्त्री, पं. रामचरण शास्त्री, पं. संजय बाजपेयी, पं. रघु शास्त्री, पं.राजेश तिवारी, पं.शिवनारायण शास्त्री, पं.गोलू तिवारी, पं.आशीष चौबे, पं.गौरव दीक्षित, राहुल चौबे, डॉ रामचंद शर्मा, सुशील तिवारी, राजेन्द्र देवलिया, वारिज तिवारी सहित कई हिन्दू संगठनों के लोग शामिल हैं।
रीवा में भगवान परशुराम आश्रम तोड़ना निंदनीय
रीवा जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने के नाम पर भगवान परशुराम आश्रम को तोड़कर ब्राह्मण समाज की भावनाओं को आहत किया गया है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह बात मप्र सर्व विप्र महासंगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव मिश्रा ने कही।
यहां जारी विज्ञप्ति में कहा कि एक ओर जहां प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह भगवान परशुराम की जन्मस्थली जानापाव में परशुराम मंदिर की नींव रखते हैं और परशुराम जयंती पर अवकाश घोषित किया जाता है। वहीं दूसरी ओर प्रशासन के नुमांइदे उनके विचारों को धता बताते हुए मनमानी करने पर उतारू हैं। रीवा में परशुराम आश्रम पर बुल्डोजर नहीं चला। बल्कि समाज की आस्था को खंडित करने का कुत्सित प्रयास किया गया है।