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हरदा20 घंटे पहले
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- छह वार्डों में सप्लाई हाेता है पानी, अभी बनी रहती है समस्या
- पुराने शहर के लाेगाें काे गर्मी में नहीं करना पड़ेगा जल संकट का सामना
बिरजाखेड़ी में फिल्टर प्लांट बनने के बाद पुराने शहर के 30 हजार लोगों को पर्याप्त पानी मिलने लगेगा। 5 टंकियों से छह वार्डों में पानी पहुंचेगा। इसके लिए शीघ्र ही टेंडर होंगे। पुराने शहर के वार्ड क्रमांक 4, 5, 13, 14, 22, 23 (बंगाली कॉलोनी से लेकर खेड़ीपुरा तक) का क्षेत्र के लोगों को बिरजाखेड़ी जल संयंत्र से पानी सप्लाई होता है।
शहर से गुजरने वाली अजनाल नदी के वर्षों पुराने प्राकृतिक जल स्राेत के पास 97 लाख रुपए की लागत से फिल्टर प्लांट का निर्माण 3 साल से एनवीडीए की एनओसी नहीं मिलने के कारण अटका हुआ है। लेकिन अजनाल के सौंदर्यीकरण के साथ ही बिरजाखेड़ी पंप हाउस पर फिल्टर प्लांट की फाइल फिर खुलेगी। इसके लिए नगर पालिका कलेक्टर से चर्चा करेगी। नपा काे फिल्टर प्लांट के लिए तकनीकी मंजूरी मिल चुकी है। अब एनओसी मिलते ही काम में तेजी आएगी। जिला प्रशासन व नगर पालिका ने अजनाल के सौंदर्यीकरण का बीड़ा उठाया है। इससे बिरजाखेड़ी पर फिल्टर प्लांट निर्माण की आस जागी है।
विकल्प : नर्मदा जल हाेगा सप्लाई
गर्मी में जल संकट की स्थिति काे देखते हुए शहर की टंकियों को नर्मदा की पाइप लाइन से जोड़ने का काम शुरू हाे गया है। इसी के तहत बिरजाखेड़ी संयंत्र से भराने वाली पुराने शहर की पांच टंकियों को भी जोड़ा जा रहा है। इससे गर्मी के दिनों में अजनाल नदी में पानी कम होने पर लोगों को वैकल्पिक व्यवस्था कर पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। तािक लोगों को पानी कमी न हो।
एनवीडीए से एनओसी ली जाएगी
^शासन की टीम ने अजनाल किनारे पर्यटन काे बढ़ावा देने सर्वे किया है। इसी के तहत बिरजाखेड़ी पंप हाउस पर फिल्टर प्लांट निर्माण काे लेकर फिर से कवायद की जा रही है। अधिकारियों से चर्चा कर एनवीडीए से एनओसी ली जाएगी।
सुरेंद्र जैन, नपाध्यक्ष हरदा
शीघ्र एनओसी मिल सकती है
^राज्य शासन की टीम ने अजनाल का सर्वे किया था, बिरजाखेड़ी पर फिल्टर प्लांट की तकनीकी मंजूरी मिल चुकी है। एनवीडीए के अधिकारियों से एनओसी के लिए बातचीत हुई है। एनओसी शीघ्र मिलने की उम्मीद है।
जीके यादव, सीएमओ, नपा हरदा
गर्मी में होती है किल्लत
बिरजाखेड़ी के पुराने जलसंयंत्र से वर्तमान में करीब दो लाख लीटर पानी की रोजाना आपूर्ति होती है। लेकिन गर्मी के दिनों में अजनाल में पानी सूख जाता है। इस दौरान पेयजल आपूर्ति आधी से भी कम हो जाती है।
हर साल गर्मी में खड़ा हाेता है पेयजल संकट
गर्मी के दाैरान शहर के पुराने इलाकों में हर साल पेयजल संकट की स्थिति बनती है। इसमें खेड़ीपुरा, गढ़ीपुरा, गाडरी माेहल्ला, मानपुरा, घंटाघर का कुछ क्षेत्र शामिल है। इसके अलावा ऊंचाई वाले इलाकों में गर्मी में पानी की किल्लत हाेती है। अप्रैल, मई में अजनाल की धार टूट जाती है। इसके बाद बिरजाखेड़ी के प्राकृतिक कुओं से पुराने इलाकों में पानी सप्लाई आधी से भी कम हाे जाती है।
नपा जेसीबी से नदी में नाली खाेदकर पानी काे बिरजाखेड़ी तक लाती है। प्राकृतिक रुप से बने वर्तमान संयंत्र से 2 लाख लीटर पानी सप्लाई हो रहा है, लेकिन इसमें पानी पूरी तरह शुद्ध नहीं हो पाता है। गर्मी के दिनों में जल संयंत्र की पेयजल सप्लाई की क्षमता और कम हो जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए नया फिल्टर प्लांट का निर्माण कराया जाना है।