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- Kamal Nath Said Do Not Consider The Body Election As Small, Leave The Tera Mera And Select The Candidates Who Win Unanimously.
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भोपाल2 घंटे पहले
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पूर्व सीएम कमलनाथ के निवास पर हुई निकाय प्रभारी और जिला अध्यक्षों की बैठक।
- कांग्रेस ने नगरीय निकाय के प्रभारी और जिला अध्यक्षों की बैठक पारित किए पांच प्रस्ताव
- कमलनाथ बोले- जनता से जुड़े मुद्दों को पूरी दमदारी से उठाएं, किसान आंदोलन के समर्थन में अभियान चलाएं
कांग्रेस पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस और बिजली की बढ़ी हुई कीमतों को वापस लेने के लिए शिवराज सरकार पर दबाव बनाएगी। नगरीय निकाय चुनाव पूरी दमदारी के साथ कांग्रेस लड़ेगी। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को कांग्रेस का पूर्ण समर्थन है और उनके पक्ष में अभियान भी चलाया जाएगा। इसे लेकर प्रदेश कांग्रेस ने रविवार को नगरीय निकाय के प्रभारियों और जिला कांग्रेस अध्यक्षों की बैठक में पांच प्रस्ताव पारित किए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के आवास पर हुई बैठक में सभी जिला अध्यक्ष मौजूद थे।
बैठक में कमलनाथ ने पदाधिकारियों को हिदायत दी कि निकाय चुनाव को छोटा न समझें। इनके परिणाम विधानसभा और लोकसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हम जैसा बीज बोएंगे, वैसा ही पौधा तैयार होगा। तेरा-मेरा छोड़कर सर्वसम्मति से जीतने वाले उम्मीदवारों का चयन करें। निकाय चुनाव को तीन माह के लिए टालने पर आपत्ति जताते हुए कहा गया कि जब मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव करा लिए गए तो फिर इन चुनाव को कराने में क्या परेशानी है।
जनता को मुद्दों को पूरी दमदारी से उठाएं कांग्रेसी
निकाय चुनाव की तैयारी, किसान आंदोलन, महंगाई, स्वास्थ्य और कानून व्यवस्था के साथ बेरोजगारी के मुद्दे पर चर्चा की गई। कमलनाथ ने नगरीय निकाय प्रभारी और जिला अध्यक्षों से कहा कि जनता से जुड़े मुद्दों को पूरी दमदारी के साथ उठाएं। किसान आंदोलन के समर्थन में अभियान चलाएं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार इन कानूनों के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और मंडी व्यवस्था को खत्म करना चाहती है।
इन पांच प्रस्तावों पर हुई चर्चा
- किसान आंदोलन के समर्थन में प्रस्ताव पारित करते हुए कानूनों को वापस लेने की मांग की गई। इसमें कहा गया कि खाद, बीज, डीजल, दवा की कीमतों में लगातार वृद्धि के कारण लागत का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा पारित किये गये तीन कृषि कानूनों के कारण किसान बर्बाद हो जाएंगे। प्रस्ताव पारित करते हुए काले कानूनों को वापस लेने की मांग की गई।
- MP में नगरीय निकाय चुनाव तीन माह बढ़ा दिए गए। इसके पीछे कोरोना महामारी को कारण बताया गया। जबकि इसी महामारी में देश के अन्य राज्यों में चुनाव संपन्न हुए हैं, प्रदेश में 28 उपचुनाव संपन्न हुए हैं। भाजपा की रैलियां व कार्यक्रम आज भी जारी हैं। भाजपा ने अपनी संभावित पराजय के डर से इन चुनावों को आगे बढ़ाया है। कांग्रेस ने मांग की है कि नगरीय निकाय चुनाव तत्काल कराए जाएं।
- प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल स्थिति में पहुंच गई हैं। शहडोल में 27 से अधिक बच्चों की अकाल मृत्यु, कोरोना मरीजों के इलाज में लापरवाही, अस्पतालों में कभी आक्सीजन की कमी, कभी बिस्तरों, कभी डाक्टरों, कभी नर्सों की कमी, यह सामान्य सी बात हो गई है। बहन-बेटियों के साथ दरिंदगी की घटनाएं सामने आ रही है, बहन-बेटियों को पूजन से पहले सुरक्षा की आवश्यकता है। सरकार तत्काल इन्हें सुरक्षा प्रदान करे।
- महंगाई से राहत का वादा कर सत्ता में आई भाजपा सरकार के राज में पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं, रसोई गैस की कीमतों में 100 रुपए का इजाफा हो चुका है, बिजली की दर में दो प्रतिशत की वृद्धि की गई है। महंगाई बेतहाशा बढ़ रही है। इसे सरकार फौरन वापस लेकर जनता को राहत दे।
- शिवराज सरकार में बेरोजगारी का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। आज युवा बेरोजगारी को लेकर बेहद आक्रोशित है। प्रदेश में हर वर्ग रोजगार की मांग को लेकर सड़कों पर आंदोलन कर रहा है। शिवराज सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है, जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके। युवाओं के रोजगार से संबंधित कई योजनाओं को बंद कर दिया गया है। युवाओं को रोजगार देने का काम किया जाए।