करिअर गाइडेंस: लॉजिकल और क्यूरियस स्टूडेंट्स के लिए फिलॉसफी में करिअर के हैं शानदार मौके,ऑक्सफोर्ड सहित कई यूनिवर्सिटीज ऑफर करती है शॉर्ट टर्म कोर्सेज

करिअर गाइडेंस: लॉजिकल और क्यूरियस स्टूडेंट्स के लिए फिलॉसफी में करिअर के हैं शानदार मौके,ऑक्सफोर्ड सहित कई यूनिवर्सिटीज ऑफर करती है शॉर्ट टर्म कोर्सेज


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20 मिनट पहले

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फिलॉसफी में पारंपरिक करिअर की बात करें तो फिलॉसफी अध्यापन का मौका प्रदान करता है। इस विषय में बीए, बीएड करके स्कूलों में सोशल साइंस के शिक्षक बन सकते हैं। एमए, पीएचडी करने के बाद कॉलेजों में अध्यापन के अवसर हैं। उच्च शिक्षा में देशभर में इस विषय की पढ़ाई होती है। रिसर्च के क्षेत्र में भी काम करने का अवसर है। आज तर्क के अलावा नैतिकता की भी हर जगह आवश्यकता है, चाहे वह बिजनेस हो या राजनीति या फिर शिक्षा जगत।

बारहवीं के बाद फिलॉसफी बना सकता हैं करिअर

अगर आप 12वीं के बाद इस सब्जेक्ट में एडमिशन लेते हैं, तो करिअर के कई रास्ते खुल जाते हैं। दरअसल, यह सब्जेक्ट स्टूडेंट्स को एमबीए करने की राह दिखाता है। एमबीए करने या सिविल सर्विस परीक्षा में फिलॉसफी को एक विषय के रूप में रखने के लिए स्नातक या स्नातकोत्तर स्तर पर स्टूडेंट्स फिलॉसफी की पढ़ाई कर रहे हैं। आर्ट्स के विषयों में फिलॉसफी का महत्व इसलिए भी बढ़ रहा है, क्योंकि स्टूडेंट्स इसमें लॉजिक की पढ़ाई करते हैं। इसके पेपर कैट या फिर सिविल परीक्षा की तैयारी में मददगार साबित होते हैं।

प्रतियोगिता परीक्षा में फिलॉसफी की अहम भूमिका

फिलॉसफी के कोर्स में नैतिकता के विभिन्न पहलुओं से भी अवगत कराया जाता है। फिलॉसफी कोर्स में पढ़ाई गई बातें हर जगह काम आती है और अभ्यर्थी के व्यक्तित्व को भी बेहतर बनाती हैं। फिलॉसफी को चुनकर बीए और एमए करने वाले छात्रों के करिअर की बात करें तो वे प्रतियोगिता परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। वे अच्छे प्रबंधक बन सकते हैं। अच्छे वकील बन सकते हैं और अच्छे पत्रकार भी बन सकते हैं। फिलॉसफी से बीए करने के बाद अगर छात्र एमबीए करते हैं तो एमबीए के लिए आयोजित कैट परीक्षा में रिजनिंग के प्रश्न करीब 30 फीसदी होते हैं। इसमें फिलॉसफी की पृष्ठभूमि वाले छात्र काफी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।

सिविल सर्विस में फिलॉसफी का विशेष योगदान

अगर वकील बनने की बात करें तो एक अच्छा वकील वह होता है, जो अदालत में तर्क से अपनी बात मजबूती से रख सके। फिलॉसफी में तर्क करने की क्षमता विकसित की जाती है। इस नजरिए से बीए के बाद एलएलबी करने पर छात्र में अच्छा वकील बनने की भी काफी संभावनाएँ हैं। सिविल सर्विस में भी फिलॉसफी को मुख्य विषय के रूप में ले सकते हैं। यहां भी करिअर संवारने में यह विषय मददगार है। इसी तरह अगर मीडिया या पत्रकारिता में जाते हैं तो वहां किसी भी घटना या मुद्दे पर आप गंभीर तथा तर्कपूर्ण विश्लेषण करके खुद को अच्छा पत्रकार साबित कर सकते हैं। फिलॉसफी में एस्थेटिक्स की पढ़ाई होती है, इसलिए आगे चलकर आर्ट क्रिटिक के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाई जा सकती है। इकोलॉजिकल समस्याओं में एथिक्स का क्या इस्तेमाल है, इसमें फिलॉसफी उपयोगी साबित होता है। इसलिए देशभर में चल रहे विभिन्न तरह के एनजीओ में भी काम करने के अवसर हैं।

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