सांसद के भतीजे से मारपीट में नया खुलासा: आधी रात जबलपुर पुलिस की दिखी बर्बरता, दरवाजा तोड़कर कॉलेज कैम्पस से छात्रों को ले गए, 24 की आज थी परीक्षा

सांसद के भतीजे से मारपीट में नया खुलासा: आधी रात जबलपुर पुलिस की दिखी बर्बरता, दरवाजा तोड़कर कॉलेज कैम्पस से छात्रों को ले गए, 24 की आज थी परीक्षा


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जबलपुर27 मिनट पहले

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छात्र राहुल सिंह के कमरे का नजारा

  • दहशत में छात्र, कॉलेज प्रबंधन को छात्रों ने लिखित रूप से हुए घटनाक्रम की दी जानकारी

सांसद राकेश सिंह के भतीजे तनिष्क सिंह के साथ रविवार की रात मारपीट की घटना के बाद पुलिस का बर्बर चेहरा सामने आया है। पुलिस ने आधी रात सुभाष छात्रावास में धावा बोल दिया। जिस कमरे को खोलने में छात्रों को तनिक भी देरी हुई उसे लात मारकर तोड़ दिया गया। टूटे दरवाजे और क्षतिग्रस्त हिस्से पुलिस की ज्यादती की गवाही दे रहे थे।

छात्र इस घटना से दहशत में हैं। इन छात्रों को 14 किमी दूर खमरिया थाने में रखा गया। इसमें से 24 छात्रों की आज परीक्षा थी, वे तैयारी तक नहीं कर पाए। छात्रों ने पूरे घटनाक्रम के बारे में लिखित जानकारी कॉलेज प्रबंधन को दी है। उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि सांसद अपने पद का दुरुपयोग कर सकते हैं।

छात्रों द्वारा डीन को सौंपा गया पत्र

छात्रों द्वारा डीन को सौंपा गया पत्र

दहशत में छात्रों ने डीन को सौंपा पत्र
छात्रों की तरफ से सौंपे गए पत्र में कहा गया कि रात में पूर्व छात्र डॉक्टर नरेंद्र सिंह तोमर के वाहन क्षतिग्रस्त होने की सूचना पर सुभाष छात्रावास के कुछ छात्र कमिश्नर निवास के सामने पहुंचे थे। उनका वाहन क्षतिग्रस्त मिला। टक्कर मारने वाले अज्ञात वाहन सवार सहित 25 अन्य लोग वहां पहुंचे और छात्राें के साथ मारपीट की। रात एक बजे पुलिस आई और पूछताछ करने शहर से 14 किमी दूर ले गई। जबकि अधिकतर छात्र न ताे घटनास्थल पर मौजूद थे और न ही उन्हें इस बारे में कुछ मालूम था। खबरें भी भ्रामक व अर्द्धसत्य आई हैं। चूंकि प्रकरण सांसद से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा है, इसलिए छात्रों ने आशंका जताई है कि सांसद द्वारा पद के दुरुपयोग, पुलिस बल द्वारा शक्ति प्रदर्शन, मानसिक प्रताड़ना सहित अन्य द्वारा हिंसा की आशंका हो सकती है। छात्रों ने डीन से प्रकरण के निराकरण कराने का अनुरोध किया है।

कृत्रिम गर्भाधान की ट्रेनिंग लेने आए गौ-सेवक को भी उठा ले गई पुलिस

कृत्रिम गर्भाधान की ट्रेनिंग लेने आए गौ-सेवक को भी उठा ले गई पुलिस

कुल 82 लोग ही मिले पूरे हास्टल में
छात्रावास के अधिकतर छात्र घर गए हुए हैं। हास्टल में जूनियर व सीनियर मिलाकर 51 छात्र हैं। 31 गौ सेवक एक महीने की एआई (कृत्रिम गर्भाधान) की ट्रेनिंग लेने हास्टल में रुके हैं। इसमें जबलपुर सहित, उमरिया, कटनी, मंडला आदि जिलों के लोग शामिल हैं। 51 में 24 छात्रों की आज यूजी सर्जरी की दोपहर दो से पांच बजे की ऑनलाइन परीक्षा थी। नाम न छापने की शर्त पर छात्रों ने बताया कि हमें तो पता भी नहीं था कि बाहर क्या हुआ। हम सब में कई सो गए तो कुछ परीक्षा के चलते पढ़ाई कर रहे थे। तभी बड़ी संख्या में पुलिस हास्टल में घुस आई। कई कमरों में लात मारकर दरवाजा तोड़ कर छात्रों को अपराधियों की तरह निकालने लगी।

छात्र के कमरे कर रहे पुलिस ज्यादती की गवाही

छात्र के कमरे कर रहे पुलिस ज्यादती की गवाही

हास्टल में भी पुलिस पूछताछ कर सकती थी
छात्रों में रोष इस बात का है कि यदि पूछताछ ही करनी थी तो हास्टल में भी पुलिस कर सकती थी। सभी को गाड़ियों में भरकर खमरिया थाने ले जाया गया। वहां पूरी रात सभी जागते रहे। बाद में दरी बिछवाई गई। सुबह चाय-बिस्किट व पानी देकर छोड़ दिया गया। अपराह्न तीन बजे भास्कर टीम पहुंची तो कई छात्र सोते हुए तो कई ब्रश करते हुए मिले। घटना का जिक्र करते हुए वे घबराहट में दिखे। परिचय देने पर जुबान खोले। बोले कि वे तो पढ़ने आए हैं। बाहर किसने क्या किया, हमें तो पता ही नहीं। बेवजह पुलिस घसीट ले गई।

हास्टल की सीसीटीवी फुटेज खंगालती पुलिस

हास्टल की सीसीटीवी फुटेज खंगालती पुलिस

सीसीटीवी खंगाल रही पुलिस
पुलिस जवानों का सोमवार को भी परिसर में मौजूदगी बनी हुई थी। हास्टल के हर बरामदे में सीसीटीवी लगी है। इसके कंट्रोल रूम में पुलिस घटनाक्रम के समय से लेकर देर रात तक की फुटेज खंगालती रही। पर ऐसा कोई अहम सबूत पुलिस को नहीं मिला, जिससे ये साबित हो कि हास्टल से बड़ी संख्या में छात्र विवाद करने निकले हों।

टूटा हुआ दरवाजा

टूटा हुआ दरवाजा

शाम को तीनों छात्रों को छोड़ दिया
पुलिस ने 79 छात्रों को जहां सुबह ही छोड़ दिया था। वहीं हिरासत में लिए गए राहुल सिंह, गोविंद चतुर्वेदी और प्रभात दंडोतिया को शाम चार बजे छोड़ दिया गया। सूत्रों की मानें तो तीनों की सांसद के भतीजे तनिष्क सिंह से पहचान कराई गई। उसने बताया कि उक्त तीनों छात्र घटनाक्रम में नहीं थे। तीनों छात्रों ने भी पूछताछ में बताया कि वे पूर्व वेटरनरी विभाग के छात्र रहे डॉक्टर नरेंद्र सिंह तोमर की खराब हो गई कार को धक्का लगाने गए थे। मारपीट के घटनाक्रम से उनका कोई लेना देना नहीं था।



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