एमपी में सबसे बड़ा साइबर अटैक: लोगों के WhatsApp हो रहे हैक, कंटेंट चोरी कर ब्लैकमेलिंग की प्लानिंग

एमपी में सबसे बड़ा साइबर अटैक: लोगों के WhatsApp हो रहे हैक, कंटेंट चोरी कर ब्लैकमेलिंग की प्लानिंग


सायबर पुलिस मामले की जांच कर रही है. (सांकेतिक फोटो)

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में हैकर्स ने साइबर अटैक (Cyber Attack) किया है. लोगों के व्हाट्सएप (Whatsaap) अकाउंट को हैक कर उनके कंटेंट को चोरी करने के बाद ब्लैकमेलिंग और धोखाधड़ी (Fraud) की साजिश रची गई है.

भोपाल. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में हैकर्स ने साइबर अटैक (Cyber Attack) किया है. लोगों के व्हाट्सएप (Whatsaap) अकाउंट को हैक कर उनके कंटेंट को चोरी करने के बाद ब्लैकमेलिंग और धोखाधड़ी (Fraud) की साजिश रची गई है. राजधानी भोपाल (Bhopal) में एक दिन में 40 से ज्यादा व्हाट्सएप हैक की शिकायतें आई हैं. सायबर पुलिस को जामताड़ा मॉड्यूल पर शक है. भोपाल में 40 से ज्यादा लोगों के वॉट्सएप को हैक करने के मामले सामने आए हैं. साइबर पुलिस मामले की जांच कर रही है.

भोपाल एएसपी रजत सकलेचा ने लोगों से सावधान रहने की अपील की है. उन्होंने कहा कि पुलिस के द्वारा ऐसे मामलों के लिए आम जनता को लेकर एक एडवाइजरी जारी की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि कि बगैर सोचे-समझे किसी को ओटीपी शेयर न करें. सावधानी से साइबर अपराधियों से निपटा जा सकता है. पुलिस को जामताड़ा मॉड्यूल पर शक है. साथ ही ये गैंग ब्लैकमेल और धोखाधड़ी कर सकती है.

ऐसे करते हैं व्हाट्सएप हैक
पुलिस अधिकारी ने बताया कि हैकर्स लॉगइन करने से पहले वॉट्सएप की ओर से इंटरनेट यूजर नंबर पर भेजे गए ओटीपी एसएमएस को जालसाज अपना बताकर यह जालसाजी कर रहे हैं. इसी ओटीपी नंबर को हासिल कर जालसाज संबंधित व्यक्ति की वॉट्सएप एप्लीकेशन को अपने फोन में लॉगइन कर लेते है. वॉट्सएप से बैकअप री-स्टोर कर डाटा के साथ छेड़छाड़ भी कर रहे हैं.ये आया ताजा मामला

एक होटल कारोबारी के साथ भी एक ऐसी घटना सामने आई है. उन्होंने पुलिस को बताया है कि उनके पास एक एसएमएस आया. एसएमएस जिस नंबर से भेजा गया, वह उनके करीबी दोस्त का ही था. इसमें लिखा था कि मैंने गलती से आपको अपना ओटीपी भेज दिया है. आप क्या इसे मुझे वॉट्सएप कर सकते हैं. दोस्त के नंबर से आए एसएमएस को दत्ता ने उसी नंबर पर भेज दिया. इसके बाद ही उनका वॉट्सएप हैक हो गया.

जामताड़ा मॉड्यूल पर शक
व्हाट्सएप हैकिंग के पीछे जामताड़ा मॉड्यूल पर शक है. गिरोह लॉकडाउन के समय से एमपी में सक्रिय है. ओटीपी हासिल कर डेटा का गलत इस्तेमाल करना मकसद रहता है. यदि वॉट्सएप के बैकअप से उन्हें आपत्तिजनक कंटेंट मिलता है तो जालसाज फिरौती की रकम भी मांग सकते हैं. देश के कुछ हिस्सों में ऐसा पहले भी हो चुका है, लेकिन भोपाल में ऐसा पहली बार हुआ है.








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