दीवानगी का आलम: राजेश खन्ना का ऐसा दीवाना, जो हर साल सोने की अंगूठी लेकर उनका जन्मदिन मनाने मुंबई उनके घर जाता था, काका की तरह उसने भी 15 साल की लड़की से की थी शादी

दीवानगी का आलम: राजेश खन्ना का ऐसा दीवाना, जो हर साल सोने की अंगूठी लेकर उनका जन्मदिन मनाने मुंबई उनके घर जाता था, काका की तरह उसने भी 15 साल की लड़की से की थी शादी


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भोपाल2 मिनट पहलेलेखक: राजेश गाबा

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राजेश खन्ना का दीवाना बटनलाल कुशवाहा

आज बॉलीवुड के सुपरस्टार राजेश खन्ना का 78वां जन्मदिन है। उनके चाहने वाले दुनियाभर में हैं। भोपाल के रंगमहल में पान की दुकान चलाने वाले बटन लाल की दीवानगी का आलम ये है कि उन्होंने अपना सरनेम ही खन्ना कर लिया है। वे राजेश खन्ना को भगवान की तरह पूजते हैं। उनके जन्मदिन पर बटन लाल मुंबई उनके घर मिठाई और सोने की अंगूठी लेकर जाते थे। वे राजेश खन्ना को अपने हाथों से अंगूठी पहनाते और मिठाई खिलाते। वे हर बार दो सोने की अंगूठी बनवाते थे एक जैसी। जिस पर बी और के लिखा होता था यानी बटनलाल और खन्ना। राजेश खन्ना जब भी भोपाल आते तो अपने इस फैन की दुकान पर जरूर आते थे। उनकी दीवानगी का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है, उन्होंने 15 वर्ष की लड़की से शादी सिर्फ इसलिए की थी, क्योंकि जब राजेश खन्ना ने शादी की थी उस वक्त डिंपल कपाड़िया की उम्र भी सिर्फ 15 साल थी। उन्होंने भी राजेश खन्ना का अनुसरण करते हुए दो ही बच्चे किए। काका के जन्मदिन पर दैनिक भास्कर ने काका के इस दीवाने से जाना राजेश खन्ना से जुड़ी उनकी यादों को।

राजेश खन्ना के जन्मदिन पर उनके घ्नर मुंबई में बटनलाल कुशवाहा।

राजेश खन्ना के जन्मदिन पर उनके घ्नर मुंबई में बटनलाल कुशवाहा।

बटनलाल बताते हैं कि वे पहले हाथ ठेले पर पान की दुकान लगाते थे। वे संघर्ष के दिनों में जैसे-तैसे गुजारा करते थे। जवानी के दिनों में वे राजेश खन्ना के जैसी हेयर स्टाइल रखते थे। इसके अलावा अंदाज देखकर सभी लोग उन्हें राजेश खन्ना बोलने लगे थे। इसके बाद 1966 में आई राजेश खन्ना की फिल्म राज देखी तो उन्हीं के मुरीद हो गए। फिर एक के बाद एक फिल्मों में राजेश खन्ना के साथ उनका नाता जुड़ता गया, जो अब तक बरकरार है।

बटनलाल का पूरा घर राजेश खन्ना की तस्वीरों से पटा हुआ है

बटनलाल का घर राजेश खन्ना की तस्वीरों से पटा पड़ा है। इसके अलावा पान की दुकान पर भी जहां जगह खाली है, वहां काका की ही तस्वीर मिलेगी। जब पहली बार ये राजेश खन्ना से मिले तो मिलने की खुशी में बटन लाल ने सारा दिन अपनी दुकान से ग्राहकों को पान भी फ्री खिलाए थे।

राजेश खन्ना के साथ भोपाल में बटनलाल।

राजेश खन्ना के साथ भोपाल में बटनलाल।

जब सोने की अंगूठी दी गिफ्ट

बटनलाल हर साल राजेश खन्ना को एक सोने की अंगूठी उनके जन्म दिन पर गिफ्ट करने मुंबई जाते थे। एक जैसी दो सोने की अंगूठी बनवाते थे। एक अंगूठी उन्होंने राजेश खन्ना को दी, दूसरी खुद पहनी। इन अंगूठी पर बी और के जरूर लिखवाते थे। कुशवाह की दीवानगी से उनके परिवार को कोई प्रॉब्लम नहीं है। पूरा परिवार और रिश्तेदार भी उनका साथ देते हैं। राजेश खन्ना को याद करते हुए दुकान का नाम सुपरस्टार राजेश खन्ना रखा।

राजेश खन्ना के साथ भोपाल एयरपोर्ट पर बटनलाल।

राजेश खन्ना के साथ भोपाल एयरपोर्ट पर बटनलाल।

आखिरी सांस तक रहेगी दोस्ती

सुपर स्टार रहे राजेश खन्ना भले ही 18 जुलाई 2012 को दुनिया को विदा कर गए लेकिन बटनलाल उन्हें आज भी अपने जेहन में जिंदा रखे हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक मेरी सांस चलती रहेगी ये दोस्ती जिंदा रहेगी। अपनी दोस्ती के किस्से बताते-बताते बटनलाल भावुक हो जाते हैं। वे हर साल राजेश खन्ना का जन्मदिन केक काटकर और मिठाइयां बांटते हैं। बटनलाल का घर राजेश खन्ना की तस्वीरों से पटा पड़ा है। इसके अलावा पान की दुकान पर भी जहां जगह खाली है, वहां काका की ही तस्वीर मिलेगी। बटनलाल की इसी चाहत को देखकर राजेश खन्ना उनकी दुकान पर आए थे।

बटनलाल कुशवाहा की दुकान।

बटनलाल कुशवाहा की दुकान।

नहीं जला था तीन दिन तक चूल्हा

बटनलाल ने कहा कि ‘जब काका की डेथ हुई थी तब मेरे घर में तीन दिन तक चूल्हा नहीं जला, ऐसा लगा था जैसे मेरा सब कुछ चला गया। घर में मातम का माहौल रहा। घर का मुखिया चला गया। मुझे लोग मेरे नाम से नहीं उनके नाम से लोग जानते हैं। मेरे लड़के की शादी उन्हीं के कारण हुई।’

पत्नी को भी पहली बार राजेश खन्ना की फिल्म दिखाई थी

1966 में पहली बार बटनलाल ने राजेश खन्ना की फिल्म राज देखी थी, तभी से वे उनके कायल हो गए थे। इसके बाद वे राजेश खन्ना के ऐसे दीवाने हुए कि अभी तक वे दूसरे एक्टर की फिल्म न खुद देखते हैं न ही परिवार के किसी सदस्यों को देखने देते हैं। अपनी पत्नी को भी उन्होंने पहली बार राजेश खन्ना की ही फिल्म दिखाई थी

111 बार देखी एक ही फिल्म

यह काका के प्रति दीवानगी ही है कि बटनलाल हर फिल्म देखने बैंड बाजे के साथ टाकीज जाते थे। हर फिल्म का पहला शो वे इसी अंदाज में नाचते-गाते जाते थे। फिल्म प्रेमनगर को टाकीज में 111 बार देख चुके हैं।



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