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- Shivraj Singh Chouhan; MP Religious Freedom Bill 2020 | Shivraj Singh Chouhan Cabinet Will Approve Bill Against Love Jihad Today
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भोपाल11 मिनट पहले
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चाैहान की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 के अध्यादेश को मंजूरी दी गई। इस कानून को आज से ही लागू किया जा रहा है।
- विधानसभा का शीतकालीन सत्र स्थगित होने पर फैसला
- यूपी की योगी सरकार के बाद मप्र में लागू होगा कानून
यूपी की योगी सरकार की तरह ही मध्यप्रदेश में भी लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 को अध्यादेश लागू करने जा रही है। शिवराज कैबिनेट ने आज अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस कानून में जो व्यक्ति या संस्थाएं इसमें सहयोग करेंगी, उनको भी अपराधी बनाया है। सरकार के लिए बेटियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। पिता की संपत्ति में उत्तराधिकार का प्रावधान किया है। सरकार इस कानून को आज से ही लागू करने जा रही है।
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल आंनदीबेन पटेल आज ही अध्यादेश को लागू करने की स्वीकृति दे सकती हैं। सरकार की तैयारी अध्यादेश को आज ही राजपत्र में प्रकाशन कर लागू करने की है। इससे पहले 26 दिसंबर को कैबिनेट ने विधेयक को मंजूरी दी थी, लेकिन 28 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र के स्थगित होने के कारण अब सरकार इस कानून को अध्यादेश के माध्यम से लागू करने जा रही है। इसे छह महीने के अंदर पास कराना होगा। ऐसे में इस बजट सत्र में इसे पेश किया जाएगा।
यूपी में भी राज्यपाल आनंदी बेन ने ही मंजूरी दी
मध्यप्रदेश से पहले उत्तरप्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश लाया गया। यहां पर 26 नवंबर को आनंदी बेन ने मंजूरी दी थी। वहां विधानसभा सत्र नहीं होने के कारण अध्यादेश के माध्यम से लाया गया, जबकि मध्यप्रदेश में विधानसभा सत्र प्रस्तावित था, लेकिन इसके स्थगित होने के कारण अब इसे अध्यादेश के रास्ते लाया गया है।
बिल के 10 मुख्य पॉइंट
- बहला-फुसलाकर, धमकी देकर जबर्दस्ती धर्मांतरण और शादी करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान होगा। यह अपराध गैर जमानती होगा।
- धर्मांतरण और धर्मांतरण के बाद होने वाले विवाह के 2 महीने पहले डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को धर्मांतरण और विवाह करने और करवाने वाले दोनों पक्षों को लिखित में आवेदन देना होगा।
- बगैर आवेदन दिए धर्मांतरण करवाने वाले धर्मगुरु, काजी, मौलवी या पादरी को भी 5 साल तक की सजा का प्रावधान है।
- धर्मांतरण और जबरन विवाह की शिकायत पीड़ित, माता- पिता, परिजन या गार्जियन द्वारा की जा सकती है।
- सहयोग करने वालों को भी मुख्य आरोपी बनाया जाएगा। उन्हें अपराधी मानते हुए मुख्य आरोपी की तरह ही सजा होगी।
- जबरन धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा।
- इस प्रकार के धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं को डोनेशन देने वाली संस्थाएं या लेने वाली संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन भी रद्द होगा।
- इस प्रकार के धर्मांतरण या विवाह में सहयोग करने वाले सभी आरोपियों के विरुद्ध मुख्य आरोपी की तरह ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- अपने धर्म में वापसी करने पर इसे धर्म परिवर्तन नहीं माना जाएगा।
- पीड़ित महिला और पैदा हुए बच्चे को भरण-पोषण का हक हासिल करने का प्रावधान किया गया है।
- आरोपी को ही निर्दोष होने के सबूत प्रस्तुत करना होगा।