आत्मनिर्भर गुरुकुल: वेद और संस्कृत शिक्षा के साथ कृषि, फल, गोपालन कर रहे बटुक

आत्मनिर्भर गुरुकुल: वेद और संस्कृत शिक्षा के साथ कृषि, फल, गोपालन कर रहे बटुक


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होशंगाबादएक घंटा पहले

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  • दाे दिवसीय वार्षिकाेत्सव समाराेह आज से होगा शुरू, प्रवचन, भोजनाेपदेश के साथ याेगासन किए जाएंगे

हाेशंगाबाद के आत्मनिर्भर गुरुकुल का दाे दिवसीय वार्षिकाेत्सव समाराेह बुधवार से शुरू हाेगा। वार्षिकाेत्सव समाराेह में गुरुकुल परिसर में वेद पारायण, प्रवचन, भाेजनाेपदेश, याेगासन हाेगा। मप्र शासन भले ही काेराेना संक्रमण और लाॅकडाउन के बाद आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का अभियान चला रही हाे लेकिन जिले में संचालित आर्ष गुरुकुल में वेद- वेदांत के साथ आधुनिक विषयाें का अध्ययन अध्यापन करने आने वाले स्टूडेंट्स वर्षाें से आत्मनिर्भरता की शिक्षा ले रहे हैं। आर्ष गुरुकुल सचिव आचार्य याेगेंद्र याज्ञिक ने बताया गुरुकुल में 1942 से वेद- वेदांत, यज्ञ विधान के साथ गणित, संस्कृत, विज्ञान, कंप्यूटर जैसे आधुनिक विषयाें की शिक्षा दी जाती है। गुरुकुल में पढ़ने आने वाले स्टूडेंट्स काे बागवानी, कृषि, गोपालन की भी शिक्षा दी जाती है।

ऐसे आत्मनिर्भर है गुरुकुल
{ आर्ष गुरुकुल की अपनी कृषि भूमि है जिस पर गुरुकुल के ही आचार्य गुरुकुल में आने वाले विद्यार्थियों काे जैविक कृषि सिखाते हैं। इसी से मिलने वाले उत्पादन से ही गुरुकुल में खाद्यान्न की आपूर्ति हाेती है।
{ गुरुकुल कैंपस में ही फल-सब्जी और फूलाें के साथ औषधीय पाैधाें की खेती हाेती है, इसी से गुरुकुल में फल, सब्जी और पूजा विधि में लगने वाले फूल आदि की आपूर्ति हाेती है।
{ गुरुकुल में गाैशाला भी है जिसमें गुरुकुल की गायाें के साथ ही शहर की सड़काें या अन्य क्षेत्राें में एक्सीडेंट या अन्य कारणाें से क्षतिग्रस्त हुई गायाें का पालन हाेता है, जिससे दूध, घी, दही, मक्खन और दूध के अन्य उत्पाद गुरुकुल के आचार्य और शिष्य ही बनाते हैं जिसका उपयाेग गुरुकुल में किया जाता है।

आध्यात्मिक व आधुनिक शिक्षा से आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास

आध्यात्मिक शिक्षा में वेद, वेदांत, संस्कृत की शिक्षा चार साल में बटुकाें काे आचार्य आध्यात्मिक क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए आत्मनिर्भरता का प्रशिक्षण दिया जाता है। आधुनिक विषय गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान के साथ कंप्यूटर विषयाें का आठवीं से बारहवीं तक अध्यापन करवाया जाता है। प्रतियाेगी परीक्षाओं की तैयारी भी साथ में करवाई जाती है। जिसके चलते सहायक अध्यापक पीएससी परीक्षा 2017 में 5 बटुक एक साथ चयनित हुए। 35 स्टूडेंट्स सागर, दिल्ली सहित देश की सेंट्रल यूनिवर्सिटीज, फ्रांस, जापान, मॉरिशस में संस्कृत विषयाें में रिसर्च कर रहे हैं। 172 पूर्व छात्र शासन के उच्च पदाें पर पदस्थ हैं।

वार्षिकाेत्सव में यह हाेगा वेदपारायण : सुबह 9 से 12 बजे तक प्रवचन : दाेपहर 3 से 5 बजे तक भाेजनाेपदेश, याेगासन : शाम 8 से रात 10 बजे तक

^गुरुकुल में अध्ययन अध्यापन करने वाले आचार्य और बटुकाें काे शिक्षा के साथ आत्मनिर्भरता का शिक्षण दिया जाता है। इसमें कृषि, बागवानी, गाेपालन, आदि शामिल हैं। याेगेंद्र याज्ञिक, सचिव आर्ष गुरुकुल



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