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- : Kamal Nath Delhi Return Or Madhya Pradesh Congress PCC Chief; Decided In Core Group Meeting
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भोपालएक घंटा पहले
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पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ PCC चीफ रहेंगे या दिल्ली जाएंगे, 3 जनवरी को आयोजित कोर ग्रुप की बैठक में हो सकता है तय
- नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ना लगभग तय, डा.गोविंद सिंह और बाला बच्चन में से किसी एक मिल सकती है जिम्मेदारी
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बने रहेंगे या फिर दिल्ली में उन्हें कोई जिम्मेदारी दी जाएगी? यह 3 जनवरी को दिल्ली में आयोजित कोर ग्रुप की बैठक में तय हो सकता है। हालांकि कमलनाथ कह चुके हैं कि वे फिलहाल मप्र में ही रहेंगे। लेकिन कमलनाथ नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ देंगे,यह लगभग तय हो चुका है। आगे यह जिम्मेदारी किसे मिलेगी,केंद्रीय नेतृत्व ही तय करेगा। लेकिन माना जा रहा है कि सीनियर विधायक डा.गोविंद सिंह और बाला बच्चन नेता प्रतिपक्ष पद के प्रबल दावेदार हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह डा.गोविंद सिंह की पैरवी कर रहे हैं, जबकि कमलनाथ कैंप बाला बच्चन के लिए लॉबिंग कर रहा है। नेता प्रतिपक्ष कौन होगा? इसको लेकर कमलनाथ ने कहा है कि यह विधायक आपसी सहमति के आधार पर तय करंगे।
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि कमलनाथ 6 जनवरी तक दिल्ली में रहेंगे। वे 3 जनवरी को होने वाली कोर ग्रुप की बैठक में शामिल होंगे। यह बैठक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर बुलाई गई है।जिसमें अगले एक महीने में पार्टी के अध्यक्ष पद सहित कार्यसमिति के 12 सदस्यों के चुनाव कराने के लिए तैयार को लेकर निर्णय होना है। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की भूमिका भी इस दौरान तय होने की संभावना है। क्योंकि सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल और AICC के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा को निधन के बाद 10 जनपद के भरोसेमंद नेता कमलनाथ हैं। ऐसे में उन पर कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी लेने का दबाब गांधी परिवार से रहेगा।
नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ने जानकारी साेनिया गांधी को दे चुके हैं कमलनाथ
सूत्रों के अनुसार कमलनाथ ने 18 दिसंबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ने के बारे में सोनिया गांधी को बता दिया था। अब फैसला दिल्ली को लेना है। इसके संकेत पहले भी मिले थे, लेकिन उप चुनाव के चलते यह फैसला नहीं हो पाया था।
कमलनाथ के मप्र में ही रहने की वजह बन सकते हैं निकाय चुनाव
प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव तीन महीने के लिए टल गए हैं। इसलिए यह माना जा रहा है कि अब मार्च के महीने में ही यह चुनाव होंगे। प्रदेश अध्यक्ष की कमान उनके पास होने से चुनाव प्रचार की कमान भी कमलनाथ के पास ही होगी।