जैविक कृषि प्रोत्साहन कार्यक्रम: गुजरात में 2003 से ही हाे रही है काॅन्ट्रैक्ट फाॅर्मिंग, बच्चाें काे भी प्रेरित करें उनसे सीखें

जैविक कृषि प्रोत्साहन कार्यक्रम: गुजरात में 2003 से ही हाे रही है काॅन्ट्रैक्ट फाॅर्मिंग, बच्चाें काे भी प्रेरित करें उनसे सीखें


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होशंगाबाद14 मिनट पहले

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  • किसानों से संवाद करने आईं राज्यपाल ने सुनाए किस्से, बाेलीं-

पवारखेड़ा कृषि कॉलेज में मंगलवार काे हुए जैविक कृषि प्रोत्साहन कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल पहुंचीं। उन्होंने जैविक उत्पादाें की प्रदर्शनी देखी। किसानाें से संवाद करते हुए कहा- कृषि कानून में काॅन्ट्रैक्ट फाॅर्मिंग (अनुबंध पर खेती) पहली बार नहीं है। गुजरात में 2003 से ही काॅन्ट्रैक्ट फाॅर्मिंग हाे रही है। किसान काे आलू और अनार बाेने से पहले ही विदेश की कंपनी किसानाें से कीमत तय कर जाती है। अब किसान ऑनलाइन बेच रहे हैं। किसान अपने बच्चाें काे भी इसके लिए प्रेरित करें और उनसे सीखें। राज्यपाल ने अपने मंत्री बनने की कहानी से लेकर गुजरात में किए गए कार्यों काे किसानों के सामने रखा। उन्होंने बताया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में उनकी ताकत को पहचाना और राजस्व मंत्री गुजरात में बनाया। आनंदीबेन ने गुजरात में महिलाओं के लिए किए गए कामाें का उल्लेख किया। कार्यक्रम में जबलपुर कृषि विवि कुलपति डॉ बिसेन ने पवारखेड़ा के बारे में विस्तार से बताया उन्होंने बताया कि इस संस्थान से 53 प्रकार की गेहूं की नई किस्म इजाद की गई है। आजादी से पहले से यह संस्थान काम कर रहा है कार्यक्रम में विधायक डाॅ. सीतसरन शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष कुशल पटेल सहित प्रशासन का अमला माैजूद रहा। आभार कलेक्टर धनंजय सिंह ने माना।

किसान जमीन में जहर डाल रहे, कृषि काॅलेज में बने ओपीडी

मप्र के कृषि मंत्री कमल पटेल ने जमीन को जहरीला होने से बचाने के लिए राज्य में कृषि ओपीडी बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्हाेंने कहा जमीन भी शरीर की तरह है। यह भी बीमार होती है। इसलिए अस्पतालों की तरह कृषि काॅलेजाें में कृषि ओपीडी हाेनी चाहिए। किसान जमीन में रासायनिक जहर डाल रहे हैं। कृषि विज्ञान केन्‍द्र और कृषि विवि में टोलफ्री नंबर हो और व्हाट्सअप नंबर हो जिस पर किसान अपनी समस्या बता सकें और उनका समाधान मिल सके। कृषि वैज्ञानिकों को गांव गांव जाकर जमीन के उपचार और उपज बढ़ाने के उपाय बताने होंगे।

कृषि कानून के फायदे गिनाए
प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने मंच से कृषि कानून के फायदे बताए। उन्होंने कहा कृषि कानून से बिचौलिए हटेंगे और किसानों की आय बढ़ेगी। किसान एमएसपी नहीं एमआरपी पर अपना उत्पाद बेच सकेगा।

आकर्षण का केंद्र रही 7 फीट की लौकी

राज्यपाल ने बताया होशंगाबाद के किसान राजभवन में 7 फीट की लौकी लेकर पहुंचे थे। इसे देखने के बाद उन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा तय की। मंगलवार को भी लौकी आकर्षण का केंद्र रही। ​​​​​​​



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