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खंडवा12 मिनट पहले
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- जैविकीय नियंत्रण विधि से जलकुंभी नष्ट करने के लिए वैज्ञानिक डॉ. सुशील कुमार ने जलकुंभी पर छोड़े कीट
भैरव तालाब से जलकुंभी खत्म करने के लिए मंगलवार सुबह इसमें 50 हजार नियोकेटिना कीट डाले। जैविकीय नियंत्रण विधि से जलकुंभी नष्ट करने के लिए राष्ट्रीय खरपतवार अनुसंधान निदेशालय के प्रधान वैज्ञानिक डॉ.सुशील कुमार ने जलकुंभी पर सुबह 11.55 बजे अपने हाथों से कीट छोड़े। उनके साथ ही दो निगमकर्मियों ने भी तालाब में जिन स्थानों पर वर्षभर पानी रहता है। वहां तक पहुंचकर कीट छोड़े। हालांकि जितनी मात्रा में कीट छोड़े हैं, उससे तत्काल तालाब जलकुंभी से मुक्त नहीं हो पाएगा। तीन साल पहले 4.46 हेक्टेयर (11 एकड़) में फैली जलकुंभी को इस विधि से खत्म होने में करीब तीन साल का समय लग सकता है। क्योंकि पूरे तालाब में जलकुंभी फैली हुई है। इतनी अधिक जलकुंभी खत्म करने के लिए करोड़ों कीट की ज़रुरत होगी। मंगलवार को तीन लाख रुपए लागत से तालाब में छोड़े गए कीट की संख्या समय के साथ बढेंगी। जैसे-जैसे कीटों की संख्या बढ़ेंगी वैसे-वैसे तालाब से जलकुंभी कम होते जाएगी।
7 वार्डों में सप्लाई किया जा सकता है पानी
झीलोउद्यान में स्थित कुएं का जलस्तर इसी तालाब बे कारण साल भर बना रहता है। इस कुएं से वैकल्पिक स्थिति में शहर के सात वार्ड भैरव तालाब, पदमकुंड, भवानी माता, संजय नगर, दादाजी, संतोषी माता व सिंघाड़ तलाई में पानी सप्लाई किया जाता है।
तीन साल का लगेगा समय
^आज भैरव तालाब में 50 हजार नियोकेटिना कीट छोड़े हैं। प्रजनन से इनकी संख्या बढेंगी। तालाब से जलकुंभी खत्म होने में तीन साल का समय लगेगा।
-हिमांशु भट्ट, आयुक्त, नगर निगम
ऐसे खत्म करेंगे जलकुंभी
यह कीट जलकुंभी के फूल बनने की प्रक्रिया रोक देते हैं। पौधे की बढ़वार को भी रोकते हैं। इसके लार्वा तनों के उतकों को खाकर खत्म कर देते हैं।
कीटों का प्रजनन होने पर कम होगा जलकुंभी का घनत्व
राष्ट्रीय खरपतवार अनुसंधानालय निदेशालय के प्रधान वैज्ञानिक डॉ.सुशील कुमार ने बताया जलकुंभी ब्राजील का पौधा है। नियोकेटिना कीट भी वहीं का है। इसका जीवन तीन महीने का रहता है। एक जलकुंभी के फूल में पांच से छह हजार तक के बीज होते हैं। इस तालाब में करोड़ों बीज हैa। दो चार महीने में पूरे तालाब की जलकुंभी खत्म करने करोड़ों कीट छोड़ना पडेंगे। हम इतने कीट तैयार नहीं कर सकते। इन कीटों से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता है। इनकी संख्या बढ़ने से जलकुंभी का घनत्व कम होने लगेगा और खत्म हो जाएगी।