मूकबधिर बच्चों की पहली राइड का रोचक किस्सा: प्लेन को पास से देख सिहर उठे, रोंगटे खड़े हो गए, छलके आंसू, फ्लाइट ने उड़ान भरी तो बदन में दौड़ा करंट सा

मूकबधिर बच्चों की पहली राइड का रोचक किस्सा: प्लेन को पास से देख सिहर उठे, रोंगटे खड़े हो गए, छलके आंसू, फ्लाइट ने उड़ान भरी तो बदन में दौड़ा करंट सा


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इंदाैर9 मिनट पहलेलेखक: राजीव तिवारी

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आनंद स्कूल के चार मूक बधिर बच्चों को फ्री में फ्लाइट में घूमने का मौका मिला।

फ्लाय बिग एयरलाइंस की पहली फ्लाइट 3 जनवरी से इंदौर से अहमदाबाद के लिए पहली उड़ान भरेगी। फ्लाय बिग पहली एयरलाइंस है, जो देश में पहली बार इंदौर से अपनी फ्लाइट का संचालन शुरू करेगी। फ्लाइट शुरू करने से पहले प्रबंधन ने गुरुवार को आनंद संस्थान के चार मूकबधिर बच्चों को इंदौर से जबलपुर तक नि:शुल्क प्लेन में सफर करवाया। यह एक तरह से बच्चों के लिए जॉय राइड थी।

चार बच्चों के साथ फ्लाय बिग एयरलाइंस के सदस्यों ने उड़ान भरी।

चार बच्चों के साथ फ्लाय बिग एयरलाइंस के सदस्यों ने उड़ान भरी।

फ्लाइट सुबह 9 बजे इंदौर से रवाना हुई। वहीं, जबलपुर से दोपहर 2 बजे वापस इंदौर के लिए उड़ी। फ्लाइट में सफर करने वाले चार मूकबधिर बच्चों से दैनिक भास्कर ने बात कर अनुभव जानने की कोशिश की। पहली बार प्लेन में उड़े इन बच्चों में किसी को करंट सा लगा, तो किसी की आंखें भर आईं।

गौरी, तनुश्री, कनिष्क और विजय पाल ने भरी उड़ान।

गौरी, तनुश्री, कनिष्क और विजय पाल ने भरी उड़ान।

बच्ची के आंख से आ गए खुशी के आंसू

आनंद सर्विस सोसायटी की डायरेक्टर मोनिका पुरोहित ने बताया कि फ्लाय बिग एयरलाइंस की पहली फ्लाइट ने गुरुवार सुबह 9 बजे इंदौर एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। एयरपोर्ट डॉयरेक्टर अर्यमा सान्याल की मदद से हमारी सोसायटी के चार बच्चे तनुश्री, गौरी, विजयपाल और कनिष्क को फ्री राइड दी गई। हमारे बच्चों के लिए यह उड़ान काफी यादगार रही। पहली बार फ्लाइट में सफर करने की सभी बच्चों की उत्सुकता इतनी ज्यादा थी कि वे सुबह 7 बजे ही तैयार होकर एयरपोर्ट पहुंच गए थे। 9 बजे उड़कर करीब साढ़े 10 बजे हम जबलपुर पहुंचे। यहां से दोपहर 2 बजे हमने फिर से इंदौर के लिए उड़ान भरी।

पुरोहित ने कहा कि पहली बार हवा से बात कर रहे बच्चों में से किसी के रोंगटे खड़े हो रहे थे, तो किसी को शरीर में करंट सा दौड़ा। एक बच्ची तो इतनी इमोशनल हो गई कि उसकी आंखें छलक आईं। उसने कहा कि वह कभी सपने भी नहीं सोच सकती थी कि प्लेन में बैठेगी।

सुबह 7 बजे ही बच्चे एयरपोर्ट पर पहुंच गए थे।

सुबह 7 बजे ही बच्चे एयरपोर्ट पर पहुंच गए थे।

बच्चों की जुबानी हवा में उड़ने की कहानी…

  • विजयपाल ने अपने अनुभव शेयर करते हुए कहा कि आज हम प्लेन में पहली बार बैठे। सबसे पहले मैं बिग फ्लाइट को धन्यवाद देना चाहता हूं। हमें खुशी है कि उन्होंने हमारे बारे में सोचा और हमें उड़ान भरने के लिए बुलाया। इंदौर डायरेक्टर का भी धन्यवाद की उन्होंने यह याद रखा कि हमें भी फ्लाइट में उड़ना है। उन्होंने मैसेज किया, यह हमारे लिए एक वंडरफुल एक्सपीरियंस था। हमारे मेंटर को भी हमें सिलेक्ट करने के लिए धन्यवाद।
  • कनिष्क ने कहा कि मैं पहली बार फ्लाइट में बैठा हूं। बस दूर से देखा करता था। सोचता था कि कितनी दूर से और ऊंचाई से फ्लाइट जाती है। जब आज पहली बार मैं बैठा और फ्लाइट उड़ी तो मेरे पूरे शरीर में बिजली का करंट से दौड़ गया। बहुत बड़ा थैंक्यू देना चाहता हूं सभी को।
  • तनुश्री ने बताया कि मोनिका मैडम और ज्ञानेंद्र सर ने मैसेज किया था कि उसे फ्लाइट से घुमाने लेकर जा रहे हैं। मैसेज पढ़ा इतनी खुशी हुई कि उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती। पहला एक्सपीरियंस कैसा होगा, उसमें क्या होगा। यह सोचकर डर लग रहा था। क्योंकि इसके पहले कभी भी प्लेन में नहीं बैठी थी। बस ऊपर से उड़ते हुए देखकर सोचती थी कि प्लेन कितनी ऊपर से जाता है। आज जब पहली बार पास से देखा तो पूरा शरीर सिहर उठा और मेरे रोंगटे खड़े हो गए थे। इतना प्यार यहां मिला, इंदौर से जबलपुर आ गए, पूरे समय सिर्फ खुशनुमा माहौल था। मेंटर को धन्यवाद करते हैं।
  • गौरी ने कहा कि फ्लाइट में कभी नहीं बैठी थी। हम ज्ञानेंद्र सर और मोनिका मैडम के स्कूल में पढ़ते हैं। उन्होंने मैसेज किया था कि तुम्हें फ्लाइट में बैठना है। बहुत खुश हूं। सभी को धन्यवाद। संस्था की संचालक मोनिका पुरोहित भी साथ गईं।



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