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- Permission For Project Operated Since 1968 Ends On 31 December, Action If Environment Is Not Approved
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पन्ना17 घंटे पहले
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एनएमडीसी की खदान और प्लांट।
- अभी खदान में अगले 10 सालों तक खनन के लिए भंडार मौजूद है
- हीरा खदान की पर्यावरण स्वीकृत नहीं मिलने के कारण बंद की गई है खदान
एनएमडीसी मझगुवां में 1968 से संचालित एशिया की एक मात्र मैकेनाइज्ड हीरा खदान की अनुमति 31 दिसंबर 2020 के बाद समाप्त हो जाने पर इसे बंद कर दिया गया है। हीरा खदान की पर्यावरण स्वीकृत नहीं मिलने के कारण बंद की गई है।
पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर उत्तम कुमार शर्मा ने महाप्रबंधक एनएमडीसी को पत्र देकर एनएमडीसी द्वारा हीरा खनन बंद करने के लिए लिखा है। जिस पर एनएमडीसी प्रबंधन द्वारा कार्य बंद कर दिया गया। एनएमडीसी प्रबंधन ने खनन का समय बढ़ाने के लिए भारत सरकार को पत्र लिखा था।
जिस पर अभी अनुमति नहीं मिलने के कारण 1 जनवरी से कार्य पूर्णतः बंद कर दिया गया है। गौरतलब है कि एशिया में एकमात्र पन्ना जिले के मझगुवां में मैकेनाइज्ड एनएमडीसी खदान संचालित थी। जिसकी खनन अनुमति की समय सीमा न बढ़ाए जाने के कारण बंद की गई।
एनएमडीसी में हीरे का सर्वाधिक उत्पादन होता था और भारत सरकार को प्रतिवर्ष करोड़ों का राजस्व प्राप्त होता था। यही नहीं एनएमडीसी मझगुवां के कारण पन्ना का व्यापार भी काफी चलता था। संस्था बंद हो गई तो जिले का व्यापार भी बुरी तरह प्रभावित होगा।
अब तक 13 लाख कैरेट हीरा दे चुकी खदान
एनएमडीसी हीरा खदान पन्ना टाइगर रिजर्व के गंगऊ अभयारण्य अंतर्गत वन भूमि रकबा 74.018 हेक्टेयर में संचालित है। जिसके संचालन की अवधि 31 दिसंबर 2020 को समाप्त हो गई है। एनएमडीसी खदान में वर्ष 1968 से लेकर अब तक करीब 13 लाख कैरेट हीरों का उत्पादन किया जा चुका है।
प्रबंधक बोले- अनुमति के लिए आवेदन लंबित है
परियोजना के महाप्रबंधक एसके जैन ने बताया कि अनुमति की अवधि समाप्त हो जाने के कारण 1 जनवरी 21 से खनन बंद कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अनुमति के लिए आवेदन लंबित है। उन्होंने बताया कि वन्य जीव संरक्षण विभाग सहित पर्यावरण की अनुमति मिलते ही उत्पादन यथावत होने लगेगा। उन्होंने कहा कि खदान में अभी अगले 10 सालों तक हीरा खनन के लिए भंडार मौजूद है।
कर्मचारियों ने केंद्रीय राज्य मंत्री को सौंपा ज्ञापन, परियोजना शुरू करने की उठाई मांग
नए साल के पहले दिन केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते एनएमडीसी परियोजना मझगुवां पहुंचे तो कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलकर मंत्री कुलस्ते को ज्ञापन सौंपा। कर्मचारियों ने मंत्री को परियोजना के संचालन में उत्पन्न संकट की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि खनिज संपदा प्रकृति में विशेष परिस्थितियों में निर्मित होती है, जिसका स्थानांतरण असंभव होता है। खनन कार्य खनिज संपदा के प्राप्ति स्थल पर ही करना होता है। उन्होंने इसे जल्द से शुरू कराने की मांग की है।
क्षेत्र के ग्रामीणों की बढ़ी चिंताएं
इस परियोजना के आसपास स्थित ग्रामों के निवासी जिन्हें परियोजना से शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल सहित अन्य बुनियादी सुविधाएं मिलती हैं, वह भी परेशान हैं।