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ग्वालियर20 घंटे पहले
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श्योपुर के दांतरदा क्षेत्र में ओले गिरने से खेतों में बिछी गेहूं की फसल
- आज भी बारिश के साथ गिर सकते हैं ओले
पश्चिमी विक्षोभ और राजस्थान के ऊपर बने चक्रवात से मौसम में आए बदलाव के कारण हुई बारिश ने दिन का तापमान कम कर दिया। शनिवार को सुबह से बादल छाए रहे। ग्वालियर में दोपहर और शाम को हल्की बूंदाबांदी तो रात को तेज बारिश हुई।
वहीं श्योपुर और मुरैना में बारिश के साथ ओले गिरने से अंचल में ठिठुरन बढ़ गई। इसके साथ ही दिन के पारे में गिरावट दर्ज की गई। मुरैना में 15, श्योपुर में 16 और ग्वालियर में 18.6 डिग्री अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। हालांकि बादलों के कारण रात का पारा बढ़ गया।
मौसम विभाग ने शाम 5:30 बजे तक 0.4 एमएम रिकार्ड किया। इस वजह से दिन का पारा 2.2 डिग्री नीचे आ गया। दिन में बादल छाने और बारिश होने से सर्दी ज्यादा महसूस हुई। मौसम वैज्ञानिक सीके उपाध्याय के अनुसार अरब सागर की तरफ से आ रही नमी के कारण बादल छाए हुए हैं।
सबलगढ़ में आसमानी बिजली गिरने से किशोर की हुई मौत
मुरैना जिले सबलगढ़ क्षेत्र के बनवारा गांव में शनिवार को दोपहर करीब डेढ़ बजे आकाशीय बिजली गिरने से अंकेश (14) पुत्र भूरा केवट की मौत हो गई। घटना के वक्त वह खेत पर अपने दादा बाबू केवट को खाना देने गया था।
आगे क्या : अगले सप्ताह से फिर तेवर दिखाएगी सर्दी
पाकिस्तान के ऊपर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। साथ ही राजस्थान पर चक्रवात बना हुआ है। इन कारणों के चलते अरब सागर से आ रही नमी के कारण बादल छाए हुए हैं। अगले दो दिन में ग्वालियर और चंबल संभाग में बारिश के साथ चने के आकार के ओले गिर सकते हैं। पश्चिमी विक्षोभ का असर खत्म होने के बाद सात जनवरी से फिर से सर्द हवाएं चलेंगी। तब रात के तापमान में गिरावट आएगी।
-वेदप्रकाश सिंह, मौसम वैज्ञानिक
गेहूं, चना, सरसों के लिए फायदेमंद
फसलों के लिए पानी की जरूरत होती है। सर्दी के मौसम में होने वाली बारिश से गेहूं, चना और सरसों की फसल को फायदा होगा। इन फसलों को पानी मिलने से पैदावार अच्छी होगी। यदि आगे सर्दी ज्यादा होती है तो आलू, मटर और अरहर की फसल को पाला मार सकता है।
-एसके सिंह, कृषि वैज्ञानिक