हड़ताल पर सफाई कर्मचारी, शहरवासी हुए परेशान: 9 मांगों को लेकर सफाई कर्मचारी अड़े, शहर में नहीं लगी झाडू, कचरा भी नहीं उठाया

हड़ताल पर सफाई कर्मचारी, शहरवासी हुए परेशान: 9 मांगों को लेकर सफाई कर्मचारी अड़े, शहर में नहीं लगी झाडू, कचरा भी नहीं उठाया


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ग्वालियर14 मिनट पहले

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मुरार क्षेत्रीय कार्यालय पर हंगामा करते सफाई कर्मचारी।

  • अफसर समझाने पहुंचे तो मांगों से कराया अवगत
  • शहर में हर जगह फैला है कचरा

शहर में रविवार को न झाडू लगी है न ही घरों से कचरा लेने डोर टू डोर वाले वाहन आए हैं। सफाई कर्मचारी अपनी 9 मांगों को लेकर हड़ताल पर डटे हुए हैं। रविवार सुबह शहर के मुरार और ग्वालियर सर्कल में सफाई कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर हंगामा किया है। सफाई कर्मचारियों को समझाने के लिए नगर निगम के अफसर भी पहुंचे, लेकिन बातचीत से समाधान नहीं निकल पाया है। इस कारण शहर में गंदगी बिखरी दिखाई दी है। इससे शहरवासी भी परेशान हो गए।

सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के कारण शहर में कचरा बिखरा है।

सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के कारण शहर में कचरा बिखरा है।

क्या पड़ा असर

सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने का असर रविवार को शहर की सफाई व्यवस्था पर पड़ा है। शहर में मुरार और ग्वालियर सर्कल में न तो झाडू लगी है न ही कचरा उठाने सफाई कर्मचारी पहुंचे हैं। इस कारण कचरा सड़कों पर बिखरा पड़ा दिखाई दिया है।

क्षेत्रीय कार्यालय पर किया हंगामा

सफाई कर्मचारी सिर्फ हड़ताल पर ही नहीं है बल्कि उन्होंने मुरार में अल्पना टॉकीज के सामने क्षेत्रीय कार्यालय मुरार के बाहर पहुंचकर हंगामा भी किया। हंगामे की सूचना मिलते ही नगर निगम उपायुक्त सतपाल सिंह चौहान वहां उन्हें समझाने पहुंचे, लेकिन सफाई कर्मचारियों ने अपनी मांगे गिनाते हुए नारेबाजी कर दी। इसके बाद उपायुक्त लौट आए।

यह है सफाई कर्मचारियों की मांग

– ठेके पर कार्य करने वाली सभी एजेंसियों व ईको ग्रीन का ठेका समाप्त कर नगर निगम में समायोजित किया जाए।

– डब्ल्यूएचओ और सफाई कर्मचारियों को श्रम विभाग के अनुसार 8 घंटे के काम का वेतन मिले। इससे ज्यादा समय काम करने पर अतिरिक्त भत्ता मिले।

– विनियमित कर्मचारियों को शासन की गाइड लाइन के आधार पर चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर नियमित कर भत्ता दिया जाए।

– योग्य कर्मचारियों को क्लर्क के काम पर लगाया जाए।

– वेतन सेल खत्म कर क्षेत्रीय कार्यालय से वेतन देने के पुराने मापदंड को अपनाया जाए।

– साप्ताहिक अवकाश सुनिश्चित किया जाए।

– किसी सफाई कर्मचारी की मृत्यु के बाद आर्थिक सहायता मिलने में लगने वाले समय को कम किया जाए।

– नगर निगम में सफाई कर्मचारियों की डीपीसी हर छह माह में हो। दो साल से नहीं हुई है।

– सफाई कर्मचारियों को भी सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए।



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