थाने में कुत्ते: पासपोर्ट पर आए विदेशी नस्ल के कुत्तों से भर गया उज्जैन का माधवनगर थाना, पुलिस भी हुई हैरान

थाने में कुत्ते: पासपोर्ट पर आए विदेशी नस्ल के कुत्तों से भर गया उज्जैन का माधवनगर थाना, पुलिस भी हुई हैरान


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उज्जैन21 मिनट पहले

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माधवनगर थाने में लेकर पहुंचे विदेशी नस्ल के कुत्ते

  • एडीएम और वेटनरी डॉक्टर की टीम ने लॉकडाउन में एक ब्रीडर से जब्त किए थे कुत्ते
  • कोर्ट के आदेश पर मेडिकल के बाद पुलिस ने कुत्तों को अपनी कस्टडी में लिया

उज्जैन का माधव नगर थाना सोमवार को विदेशी नस्ल के कुत्तों से भर गया। एक दर्जन से अधिक चुवावा, मैस्टिफ, बुलडॉग, लैब्राडोर नस्ल के कुत्ते लेकर पीएफए (पीपुल्स फॉर एनीमल) नाम की एनजीओ के सदस्य थाने पहुंचे थे। विदेशी नस्ल के कुत्ते थाने में देख पुलिस भी हैरान हो गई। पहले तो मामला पुलिस को भी समझ में नहीं आया लेकिन बाद में पता चला कि कोर्ट ने आदेश दिया है कि कुत्तों की मेडिकल जांच के बाद पुलिस उन्हें अपनी कस्टडी में ले। इसके बाद पुलिस ने लिखा पढ़ी करके कुत्तों का लालपुर स्थित पशु चिकित्सालय में मेडिकल कराया।

लॉकडाउन में प्रशासन ने ब्रीडर से जब्त किए थे कुत्ते

लॉकडाउन के दौरान उज्जैन के नानाखेड़ा थाना क्षेत्र के मगरिया गांव में ब्रीडर रंजीत के फार्म हाउस से विदेशी नस्ल के कुत्तों को तत्कालीन एडीएम और पशु चिकित्सक की टीम ने जब्त किए थे। स्थानीय लोगों ने शिकायत की थी कि फार्म हाउस में कुत्तों की दशा बहुत ही दयनीय है। ब्रीडर से कुत्तों को जब्त करने के बाद प्रशासन ने उन्हें पीएफए नाम की एनजीओ को सुपुर्दगी में दे दिया।

ब्रीडर रंजीत ने अदालत में लगाई है याचिका

नानाखेड़ा थाने के एसआई तरुन कुरील ने बताया कि कुत्तों को वापस दिलाने संबंधी एक याचिका ब्रीडर रंजीत ने अदालत में लगाई है। रंजीत का यह भी आरोप है कि एनजीओ ने कुत्तों को अपने पास रखने के बजाए लोगों में बांट दिए। अदालत के आदेश पर कुत्तों का सोमवार को मेडिकल परीक्षण कराया गया है।

एनजीओ कुत्तों को फिर से ब्रीडर को नहीं देना चाहती है

एनजीओ के सदस्यों का कहना है कि कुत्तों को जब ब्रीडर के फार्म हाउस से रेस्क्यू किया गया था तब उनकी हालत बहुत ही खराब थी। उन्हें खाने-पीने को कुछ भी नहीं दिया जाता था। अब कुत्तों की दशा बहुत ही अच्छी है। भोपाल से बुलडॉग और मैस्टिफ नस्ल के कुत्ते को लेकर आईं काजल का कहना है कि इसे हमने बहुत ही जतन से पाला है। इनकी फीडिंग और डाइट का हमेशा ख्याल रखा। समय-समय पर डॉक्टरों से चेकअप भी कराते रहे हैं।



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