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- From March, Three Lakh Consumers’ Homes Will Be Equipped With Sim Smart Meters, The More Electricity Bill Will Be Consumed.
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अनूप दुबाेलिया | भाेपाल23 मिनट पहले
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सांकेतिक फोटो
- अभी रीडिंग में गड़बड़ी की वजह से उपभोक्ताओं को भरना पड़ता है ज्यादा बिल
ऊर्जा विभाग ने बिजली की बिलिंग और रीडिंग सिस्टम में बड़े बदलाव की तैयारी कर ली है। विभाग ने उपभाेक्ताओं की तीन कैटेगरी बनाई है। शहर के 3 लाख उपभाेक्ताओं के यहां वाले स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इन स्मार्ट मीटराें में सिम लगी रहेगी। मीटर में लगी सिम के जरिए बिजली कंपनी के सर्वर तक अपने आप रीडिंग पहुंच जाएगी।
इन उपभाेक्ताओं काे ईमेल और रजिस्टर्ड माेबाइल नंबर पर बिल भेजे जाएंगे। मीटर में लगी सिम के जरिए बिजली कंपनी के सर्वर तक अपने आप रीडिंग पहुंच जाएगी। ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव के संजय दुबे के मार्च से ये मीटर लगना शुरू हो जाएंगे। जहां बिजली चाेरी होती है उन इलाकों में रीडर ही रीडिंग लेंगे।
यहां स्मार्ट मीटर लगेंगे
जिन इलाकाें में बिजली चाेरी नहीं हाेती है, वहां उपभाेक्ताओं के घर ये मीटर लगाए जाएंगे। इसमें ज्यादातर नए शहर के हिस्से शामिल हाेंगे। एक मीटर की कीमत करीब 15 हजार रुपए है।
यहां नहीं लगेंगे
10 किलाेवाॅट से ज्यादा बिजली लाेड वाले उपभाेक्ताओं के यहां ये मीटर नहीं लगेेंगे। इनके मीटराें की ऑटाेमैटिक रीडिंग(एएमआर) हाेगी। माॅडम के जरिए जाेन ऑफिस के सर्वर में खपत दर्ज हाे जाएगी।
यहां ग्रुप मीटर लगेंगे
बिजली चाेरी वाले इलाकाें में ग्रुप मीटर लगेंगे। इन मीटराें के एक बाॅक्स में 12 पाेर्ट हाेते हैं, जाे खंभे पर लगाया जाता है। इन सभी उपभाेक्ताओं का रीडिंग का डाटा जाेन पर लगे सर्वर में पहुंच जाएगा।
36% बिजली चोरी
स्मार्ट मीटराें में सिम और एएमआर मीटराें में माॅडम लगा हाेगा। जिससे उपभाेक्ता के यहां हाेने वाली बिजली खपत माॅडम के जरिए कंपनी के बिलिंग साफ्टवेयर नेक्स्ट जनरेशन बिलिंग (एनजीबी) में दर्ज हाे जाएगी। खासबात यह है कि 36 फीसदी बिजली चाेरी हो जाती है।
बिजली चोरी वाले इलाकों में रीडर पहुंचेंगे, गूगल मैपिंग से नजर रखी जाएगी…
बिजली चोरी वाले इलाकों में मीटर रीडराें पर गूगल मैपिंग से नजर रखी जाएगी। यह सिस्टम जीपीएस आधारित हाेगा। रीडर जिस लाेकेशन पर जाएगा, मैप के जरिए वह स्थान सर्वर के डाटा में सेव हाे जाएगा। मीटर रीडर बताई गई जगह पर गया है या नहीं है, यह जाेन ऑफिस में सर्वर से ही ट्रेस कर लिया जाएगा।
बदलाव की यह है वजह
विभाग काे जानकारी मिली है कि 25 से 30 फीसदी उपभाेक्ताओं के बिल असेसमेंट के नाम पर थमाए जा रहे हैं। एडजस्टमेंट के नाम पर भी मनमानी बिलिंग की जा रही है। शहर के कई इलाकाें के उपभाेक्ताओं द्वारा मीटर रीडर से सेटिंग करके मनमानी रीडिंग कराई जा रही थी। इससे कंपनी और उपभाेक्ता दाेनाें काे नुकसान हाे रहा है।
अभी यह है व्यवस्था
निजी एजेंसियाें के जरिए स्पाॅट बिलिंग कराई जा रही है। इसके तहत हैंड हेल्ड डिवाइस लेकर रीडर घर, दुकानाें, दफ्तराें में जाकर माैजूदा रीडिंग लेकर उपभाेक्ताओं काे बिल देते हैं। पिछले महीने की रीडिंग समेत उपभाेक्ताओं का अन्य डाटा बिजली कंपनी द्वारा एजेंसी काे मुहैया कराया जाता है।
यह कवायद भी- बिजली चोरी रोकने अब अलग से बनेंगे विद्युत पुलिस थाने
बिजली चाेरी राेकने के लिए कई प्रयाेग कर चुके ऊर्जा विभाग द्वारा अब विद्युत पुलिस थानाें की स्थापना की जाएगी। ये थाने पुलिस थानाें से अलग हाेंगे। अभी देश में पंजाब, राजस्थान व गुजरात में राज्य सरकाराें ने यह प्रयाेग किया है।
ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने इन थानाें की स्थापना काे लेकर प्रदेश की तीनाें वितरण कंपनियाें के एमडी से जमीन के बारे में जानकारी मांगी है। पीएस ने कहा है कि अपने क्षेत्राें में थाने स्थापित किए जाने के संबंध में परीक्षण करें। इसके लिए कितनी जमीन की जरुरत है, इसका आंकलन करके जल्द जानकारी भेजें। बिजली कंपनी ने भाेपाल में दाे साल पहले एसएएफ के जवानाें की मदद ली थी।