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भोपाल6 मिनट पहले
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अपहरणकर्ताओं के बीच करीब 18 घंटे रहने के बाद हुजैफा अपने घर पहुंच गए। उनके घर पहुंचने पर परिजनों ने राहत की सांस ली।
- 16 लाख रुपए की उधारी वापस लेने रचा था अपहरण कांड
- अगर पुलिस पीछे नहीं पड़ती तो हत्या तक कर देते
भोपाल के सिल्वर हाइट्स कॉलोनी, कोहेफिजा में रहने वाले मशहूर हीरा कारोबारी सैय्यद हनीफ के बेटे हुजैफा अब सही सलामत घर पहुंच गए हैं, लेकिन अब भी उनके दिमाग में आरोपियों के चंगुल में बिताए 18 घंटे का खौफ है। आरोपी उन्हें 16 लाख रुपए नहीं लौटाने पर जान से मारने की धमकी देते रहे। दहशत और मौत से जूझने के बाद उन्होंने दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में कहा कि अगर पुलिस का प्रेशर नहीं बढ़ता, तो आरोपी उनकी हत्या भी कर सकते थे।
पुलिस के लगातार दबिश देने के कारण अपहरणकर्ता इतने घबरा गए थे कि थाने तक पहुंचाने के लिए खुद ही अपनी कार की चाबी तक दी। बाद में खुद भी थाने पहुंच कर FIR वापस लेने के लिए मन्नतें करते रहे। पुलिस को हुजैफा तो सही सलामत मिल गए, लेकिन आरोपी भाग निकले। टीआई अनिल वाजपेयी ने बताया कि पहले मकसद हुजैफा को सही सलामत छुड़ाना था। वह काम पूरा हो गया। आरोपियों को पकड़ने के लिए टीमें लगाई गई हैं। जल्द ही उन्हें भी पकड़ लिया जाएगा।
जैसा हुजैफा ने बताया…
शनिवार रात के करीब 10:30 बज रहे थे। दरवाजे की डोरबेल बजी। 11 साल के सबसे बड़े बेटे ने दरवाजा खोला। सामने परिचित आसिफ दिखा। उसे अंदर आने को कहा, लेकिन वह बात करने के बहाने घर के बाहर ले गया। नीचे पहुंचते ही आसिफ के साथी सलमान ने गाड़ी की चाबी और मोबाइल फोन छीनते हुए मारपीट कर जबरन कार में बैठा लिया। वे सेफिया ग्राउंड ले जाए। फोन पर करीब 10 सेकंड की पापा से बात कराई और फोन बंद कर रोड के रास्ते शिवपुरी के लिए निकल गए। वे उन्हें उनके बिजनेस पार्टनर अजमुद्दीन के पास ले गए।
आरोपी आसिफ अजमुद्दीन काजी का दामाद है। असदुद्दीन और तीनों अपहरणकर्ता उन्हें वहां से अपने दूसरे परिचित के घर ले गए। मकान मालिक ने उन्हें खाना खिलाया और आराम से रखते हुए आसिफ को इस तरह की हरकत ना करने की सलाह दी, लेकिन वह नहीं माने। अब तक दोपहर के 2 बज चुके थे। तभी आरोपियों को पुलिस के उनके घरों पर दबिश देने के बारे में जानकारी मिली।
उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था। आसिफ मुझे अजमुद्दीन के पास छोड़कर अपने साथियों के साथ वहां से भाग गया। पुलिस का प्रेशर देख अजमुद्दीन ने अपनी गाड़ी की चाबी देते हुए पुलिस स्टेशन जाने को कहा। वहां पहुंचने के कुछ देर बाद ही अजमुद्दीन भी पहुंच गए। वह मामला वापस लेने के लिए दबाव बनाने लगा। अब तक भोपाल से कोहेफिजा पुलिस भी रवाना हो चुकी थी। देर रात करीब 12 बजे पुलिस टीम शिवपुरी पहुंच गई। पुलिस की कार्रवाई के बाद वहां से भोपाल ले आए। सुबह पांच बजे घर पहुंचे और यहां पुलिस को बयान आदि देने के बाद दोपहर करीब 2 बजे तक अपने घर पहुंच पाए।
यह है पूरा मामला
हुजैफा ने बताया कि उन्होंने अजमुद्दीन के साथ मिलकर एक प्रोजेक्ट शुरू किया था। इसके लिए उन्होंने अजमुद्दीन से आसिफ खान के माध्यम से 20 लाख रुपए लगवाए थे। पहले लाभ हो रहा था, लेकिन बाद में नुकसान होने लगा, तो वे अलग हो गए। हमने उन्हें करीब 4 लाख रुपए वापस कर भी कर दिए थे, लॉकडाउन के कारण सब बंद होने से पैसा लौटाने में देरी होने लगी। लॉकडाउन खत्म होने के बाद हम दोबारा उन्हें रुपए वापस लौटाने की कोशिश कर रहे थे। वह जल्द से जल्द पैसा वापस चाह रहे थे। इसलिए वे उन्हें जबरन अपहरण कर ले गए थे।