फ्लोटिंग सोलर प्लांट: ओंकारेश्वर बांध के पास बनेगा फ्लोटिंग प्लांट, दो साल में मिलने लगेगी 600 मेगावाट बिजली

फ्लोटिंग सोलर प्लांट: ओंकारेश्वर बांध के पास बनेगा फ्लोटिंग प्लांट, दो साल में मिलने लगेगी 600 मेगावाट बिजली


Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

खंडवा18 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

ओंकारेश्वर बांध के पास इसी स्थान पर फ्लोटिंग सोलर प्लांट लगाया जाएगा।

  • 400 मेगावाट बिजली खरीदने के लिए सहमति दे चुकी मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी

विश्व का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर (पानी पर तैरता) प्लांट ओंकारेश्वर बांध के पास बनना प्रस्तावित है। इंटरनेशनल फाइनेंस कार्पोरेशन, वर्ल्ड बैंक और पॉवर ग्रिड ने परियोजना विकास में सहयोग के लिए सैद्धांतिक सहमति दे दी है। 600 मेगावाट वाले इस प्रोजेक्ट में अनुमानित निवेश 3 हजार करोड़ रुपए है।

परियोजना से दो साल में विद्युत उत्पादन की संभावना है। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग ने बताया कि इसी माह पावर ग्रिड द्वारा परियोजना क्षेत्र से खंडवा सब-स्टेशन तक ट्रांसमिशन लाइन रूट सर्वे शुरू किया जाएगा।मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा परियोजना से 400 मेगावाट बिजली खरीदने के लिए सहमति दी जा चुकी है। केरल के वायनाड में 105 मेगावाट क्षमता का तैरता सोलर प्लांट स्थापित है।

2 हजार हेक्टेयर जल क्षेत्र में सोलर पैनल लगाए जाएंगे

बैकवाटर में फ्लोटिंग सोलर पैनल तैरेंगे। बांध के लगभग 2 हजार हेक्टेयर जल क्षेत्र में सोलर पैनल लगाकर बिजली का उत्पादन होगा। सोलर पैनल जलाशय में पानी की सतह पर तैरते रहेंगे। बांध का जलस्तर कम-ज्यादा होने पर यह स्वत: ही ऊपर-नीचे एडजस्ट होते रहेंगे। तेज लहरों और बाढ़ का इन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सूर्य की किरणों से निरंतर बिजली का उत्पादन मिलता रहेगा।

  • 2000 हेक्टेयर जल क्षेत्र सौर परियोजना के लिए आवश्यक होगा।
  • 600 मेगावाट परियोजना में 25,00,000 प्लेटें लगना संभावित है।
  • 3000 करोड़ रुपए अनुमानित लागत है इसकी।



Source link