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- 70 Herons Died In Three Days; Herons And Crows Dying In The Crematorium Ghat Road, Golmaal Baba Area
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खंडवाएक घंटा पहले
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श्मशान घाट रोड व गोलमाल बाबा क्षेत्र में मृत पाए गए बगुले। इनके सेंपल लेकर भोपाल जांच के लिए भेजे हैं।
- डर : कौवे मरने पर क्षेत्रवासियों को बर्ड फ्लू का खतरा लगा, डॉक्टर्स को दी सूचना
- इंतजार : भोपाल भेजा सैंपल, 3 दिन बाद आएगी रिपोर्ट, इसके बाद ही होगी पुष्टि
कोरोना के बाद अब पक्षियों की मौतें हो रही हैं। सोमवार सुबह श्मशान घाट मार्ग पर गोलमोल बाबा व चमारिया नाला के आसपास 20 से ज्यादा बगुले व तीन कौवे मरे हुए मिले। रहवासी सुधीर रायकवार व शकुंतला कदम ने बताया तीन दिन में हमने 70 मरे हुए बगुलों को नाले में फेंका है।
सोमवार को बगुले के साथ कौवे भी मरे हुए मिलने पर बर्ड फ्लू होने का संदेह होने पर पशु चिकित्सा विभाग को सूचना दी। पशु विभाग के चिकित्सक नवीन तिवारी, डॉ. कुमुद तिवारी ने दस्ताने पहनकर मरे हुए दो बगुले व एक कौवे का सैंपल लेकर भोपाल के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई-सिक्यूरिटी एनिमल डिजीज प्रयोगशाला भेजा। 3 दिन बाद रिपोर्ट आएगी। इसके बाद ही जिले में बर्ड फ्लू के दस्तक की पुष्टि हाे पाएगी। पशु रोग अन्वेषण प्रयोगशाला प्रभारी डॉ. नीरज कुमुद ने बताया इंदौर व मंदसौर में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है।
सोमवार को खंडवा के श्मशान मार्ग पर अलग-अलग हिस्सों में कौवे व बगुलों के मरने की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर सैंपल लिया। हरसूद में एक बगुले की मरने की खबर आई है। उसका भी सैंपल लिया है। मरे हुए बगुले व कौवे में बर्ड फ्लू जैसे लक्षण नहीं मिले हैं। रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो इससे इंसानों को भी खतरा है।
पक्षियों की हो रही मौतों से लोगों को सतर्क व दूरियां बनाकर रहना होगा। मास्क पहनकर ही मरे हुए पक्षियों तक जाए। किसी के खेत, घर या आंगन में कोई पक्षी मरा हुआ मिलता है तो उसे दस्ताने पहनकर ही उठाकर डिस्पोज करें।
1 सप्ताह से एक-दो पंछी तो रोज मर रहे हैं, कौवे भी मरे दिखे
गोलमोल बाबा क्षेत्र की शकुंतला कदम ने बताया हम मंदिर परिसर में रोज सुबह धूप में बैठते हैं। पिछले एक सप्ताह से रोज एक-दो-एक बगुले ऊंची उड़ान से नीचे जमीन पर आकर ऊंघ रहे हैं। इसके बाद जगह पर ही मर रहे हैं, लेकिन आज (सोमवार) सुबह बगुलों के साथ ही दो-तीन कौवे भी मरे हुए देखे गए। इंदौर में बर्ड फ्लू की खबर के बाद सतर्कता के चलते पुलिस, मीडिया व पशु विभाग के डॉक्टरों को सूचना दी।
पोल्ट्रीफार्म पर खतरा, प्रशासन ने संचालकों को किया अलर्ट
पोल्ट्रीफार्म में अब तक मुर्गा-मुर्गियों के मरने की जानकारी सामने नहीं आई है फिर भी विभाग ने संचालकों को अलर्ट कर दिया है कि वे पक्षियों के मरने की सूचना स्वास्थ्य विभाग, पशु चिकित्सा विभाग को तत्काल दें। साथ ही कहा कि बाहर से आने वाले मुर्गा-मुर्गियों को अलग रखें। जहां से भी माल आ रहा है वहां से पूरी जानकारी लें कि वहां पक्षियों में कोई बीमारी तो नहीं है। बगुलों व कौवों का मरना पोल्ट्री उद्योग के लिए खतरा है।
एक्सपर्ट व्यू डॉ. नीरज कुमुद, प्रभारी पशु रोग अन्वेषण प्रयोगशाला, खंडवा
मरे हुए बगुले व कौवे का प्रारंभिक परीक्षण करने पर बर्ड फ्लू के लक्षण दिखाई नहीं दिए। यह इन्फ्लूऐंजा-ए वायरस हो सकता है जो पक्षियों में होता है। इससे पक्षियों की शत प्रतिशत मौत होती है। इस वायरस से पक्षियों में जुकाम व बुखार आने से मौत होती है। संक्रमित पक्षी के संपर्क में आने से इन्फ्लूएंजा वायरस मनुष्य में भी फैल सकता है।
इसके चलते मनुष्य काे भी तीव्र जुकाम और बुखार हाेने लगता है। बर्ड फ्लू मुख्यत: मुर्गियों का बड़ा ही संक्रामक रोग है। मनुष्यों में बर्ड फ्लू के लक्षण साधारण फ्लू से मिलते-जुलते हैं। जैसे सांस लेने में तकलीफ, तेज बुखार, जुकाम और नाक बहना, ऐसी शिकायत होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र को तुरंत इसकी सूचना दें। सामान्यत: बर्ड फ्लू वायरस 70 डिग्री तापमान पर नष्ट हो जाता है।