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इंदौरएक घंटा पहले
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नगर निगम जल्द खाली पड़े खजाने को भरने के लिए प्रयास कर रही है। इस साल संपत्ति कर के जरिए एक अप्रैल से 31 दिसंबर 2020 तक 229 करोड़ रुपए का राजस्व मिल चुका है। हालांकि 2018 की इसी अवधि की तुलना में यह काफी कम है। 2019 की इसी अवधि में नगर निगम को संपत्ति कर से 248 करोड़ रुपए का राजस्व मिला था। 2020 में नगर निगम के कर्ताधर्ता ने 248 करोड़ रुपए के संपत्ति कर की वसूली का लक्ष्य तय किया था, जो प्राप्त नहीं किया जा सका। निगम राजस्व विभाग के अपर आयुक्त एसके चैतन्य ने बताया वित्तीय वर्ष की आखिरी तिमाही में और वसूली बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मार्च तक सभी तरह के करों, शुल्कों और किराए में वसूली बढ़ाई जाएगी। 31 दिसंबर 2020 में जल कर के 21.10 करोड़ रुपए घर-घर कचरा कलेक्शन और बल्क कचरा कलेक्शन शुल्क से 31 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि जमा हो चुकी है। सेवन स्टार रैंकिंग के लिए आवासीय क्षेत्र से 75 और व्यावसायिक क्षेत्र से 90 प्रतिशत शुल्क की वसूली अनिवार्य है और यह लक्ष्य नगर निगम ने प्राप्त कर लिया है। इंदौर देश का इकलौता शहर है, जिसने इतने प्रतिशत की वसूली का आंकड़ा पार किया है। कचरा शुल्क की वसूली भी पिछले साल से ज्यादा हुई है।