सीएम के एक्शन के बाद भी नहीं सुधरे हालात: नगर निगम आयुक्त की छु्ट्‌टी तो कर दी साहब, पर सड़क से कचरा अभी भी नहीं उठा

सीएम के एक्शन के बाद भी नहीं सुधरे हालात: नगर निगम आयुक्त की छु्ट्‌टी तो कर दी साहब, पर सड़क से कचरा अभी भी नहीं उठा


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ग्वालियर34 मिनट पहले

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सीएम की फटकार और निगम आयुक्त की छुट्‌टी के बाद भी नहीं सुधरे हालात, हर जगह कचरा फैला है

  • मंगलवार को भी शहर में फैली रही गंदगी
  • बाड़ा पर सफाई कर्मचारी करते रहे प्रदर्शन

ग्वालियर में सफाई कर्मचारियों को समय पर वेतन न मिलने और शहर में जगह जगह गंदगी के ढेर पर नाराज सीएम शिवराज सिंह ने सोमवार को कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में नगर निगम आयुक्त संदीप माकिन की छुट्‌टी के आदेश तो दे दिए। पर उसके बाद भी शहर में कचरा नहीं उठा है। न तो मंगलवार को सफाई कर्मचारियों को वेतन मिला है न ही उन्होंने हड़ताल खत्म की है। सीएम के एक्शन के बाद भी शहर में सफाई और सफाई कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर हालात जस के तस हैं, जबकि नगर निगम से कोई इस मामले में मुंह खोलने को तैयार नहीं है। सफाई कर्मचारियों का कहना है कि वेतन आधा अधूरा आया है। किसी को एक महीने तो किसी को बिल्कुल भी नहीं मिला है। इसलिए हड़ताल जारी है। साथ ही झूठा मामला दर्ज होने पर सफाई कर्मचारी और भी आक्रोशित हैं।

महाराज बाड़ा पर सुबह से शाम तक इसी तरह खड़े रहे सफाई कर्मचारी, नहीं किया काम

महाराज बाड़ा पर सुबह से शाम तक इसी तरह खड़े रहे सफाई कर्मचारी, नहीं किया काम

ऐसे हुए सीएम नाराज

शहर में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का पांचवा दिन है। नए साल में एक भी दिन सड़क से कचरा नहीं उठा है। हर तरफ गंदगी है। इसी दौरान सोमवार को सीएम शिवराज सिंह कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस ले रहे थे। दोपहर में ग्वालियर का टर्न आया तो सबसे पहले वह नगर निगम कमिश्नर संदीप माकिन पर बिगड़ पड़े। उनका कहना था कि शहर में सफाई करने वाले ही सड़क पर कचरा फैला रहे हैं। उनको वेतन नहीं मिल रहा है। स्वच्छता का यह बुरा हाल है। आप नगर निगम कमिश्नर हो, अब यह सहन नहीं होगा। इसके बाद मुख्य सचिव से कहा इनको देखो छुट्‌टी कर दो। शाम को नगर निगम आयुक्त संदीप माकिन के तबादला आदेश भी आ गए।

इसलिए हो रही है वेतन में देरी

अभी करीब 1500 से अधिक सफाईकर्मी ठेका पर नौकरी कर रहे हैं। इनका वेतन बनाने की प्रक्रिया काफी लंबी है। सबसे पहले वार्ड ऑफिस पर हाजिरी भरी जाती है। यहां से हाजिरी रजिस्टर नगर निगम मुख्यालय पहुंचता है। उसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग और आखिर में लेखा शाखा में आता है। इसके बाद चेक पर निगम आयुक्त के हस्ताक्षर होते हैं। इसके बाद भी पैसा सफाई कर्मचारी को नहीं मिलता। यहां से पैसा राज सिक्योरिटी एजेंसी पर जाता है। वहां से सफाई कर्मचारियों को वेतन मिलता है। इतनी लंबी प्रक्रिया होगी तो वेतन में देरी होगी ही।

सफाई कर्मचारियों का कहना

सफाई कर्मचारी संघ के नेता सुधीर डागौर का कहना है कि सफाई कर्मचारी अपनी 9 मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। तीन महीने से वेतन नहीं मिला है यह सबसे बड़ी मांग है। सीएम के एक्शन के बाद भी किसी को एक महीने तो किसी को कुछ दिन का वेतन मिला है। तीन महीने क वेतन किसी के हाथ में नहीं आया है। इसके साथ ही वेतन की प्रक्रिया इतनी लंबी क्यों है। सभी सफाई कर्मचारियों को नगर निगम में सीधे मर्ज किया जाए। जिससे वेतन आसानी से मिल सके।

क्या है अभी स्थिति

-वर्ष 2016 में ठेका प्रथा पर 939 सफाई कर्मचारियों को रखा गया था। इसके बाद 200 सफाई कर्मचारी और रखे गए। अभी वर्ष 2019 में ईको ग्रीन के 450 कर्मचारियों को भी यहीं मिला लिया गया। इनको मिलाने के बाद से ही सफाई कर्मचारियों का वेतन नहीं मिला है।

कलेक्टर ने हाथ में लिया मामला

इस मामले में कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने पूरा मामला अपने हाथ में लिया है। उनका कहना है कि वह पर्सनली पूरे मामले को देख रहे हैं। कचरा उठाने और वेतन संबंधी मुद्दों पर बात की जा रही है।



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