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- Shivraj Singh Chouhan Chai Pe Charcha Politics; Cabinet Meeting Will Not Be Virtual From Next Week
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भोपाल13 मिनट पहलेलेखक: राजेश शर्मा
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3 मई 2017 को कैबिनेट की बैठक के बाद टिफिन पार्टी हुई थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तत्कालीन मंत्री लाल सिंह आर्य के लंच बॉक्स से खाना लेते हुए। साथ में कैबिनेट मंत्री रहे जयभान सिंह पवैया और सुरेंद्र पटवा भी दिखाई दे रहे हैं। (फाइल फोटो)
- शिवराज जब दौरे पर नहीं रहेंगे, तब हर दिन एक मंत्री से निवास पर करेंगे मुलाकात
- अगले सप्ताह से कैबिनेट की बैठक वर्चुअल नहीं होगी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है वे अब मंत्रियों के साथ चाय पर चर्चा करेंगे। भोपाल के कोलार डेम के निकट फारेस्ट गेस्ट हाउस में आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश पर मंथन बैठक में यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि वे जब भोपाल के बाहर दौरे पर नहीं जाएंगे, उस दिन एक मंत्री के साथ अपने निवास पर चाय के साथ चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगले सप्ताह से कैबिनेट की बैठक वर्चुअल नहीं होगी यानि अब मंत्री बैठक में शामिल होने मंत्रालय आएंगे।
सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी कार्य पद्धति में बदलाव करने वाले हैं। मंत्रियों के साथ चाय पर चर्चा को इसकी शुरुआत माना जा सकता है। हालांकि यह कांसेप्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है। मोदी ने 2014 में जन संवाद के लिए चाय पर जो चर्चा का कार्यक्रम शुरू किया था लेकिन 2017 में शिवराज ने आगे बढ़कर ‘टिफिन’ तक ले जा चुके हैं।
उन्होंने सभी मंत्रियों को यह संदेश भिजवा दिया था कि वे जब कैबिनेट की बैठक में आएं तो अपने घर से टिफिन साथ लेकर आएं। मुख्यमंत्री के आदेश का पालन सभी मंत्रियों ने किया। सभी मंत्री अपने-अपने टिफिन लेकर कैबिनेट बैठक में पहुंचे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी अपना टिफिन लाए थे। कैबिनेट बैठक के बाद सभी मंत्रियों ने अपने टिफिन आपस में बांटकर सहभोज किया। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने हाथों से सभी मंत्रियों को अपने टिफिन में से कुछ न कुछ खाने को दिया था।
जनता की नब्ज टटोलेंगे
सूत्रों की माने तो चाय पर चर्चा शिवराज के लिए जनता की नब्ज टटोलने का जरिया है। वे मंत्रियों से उनकी परेशानी के साथ ही विभाग के कामकाज पर बात करेंगे। इसके साथ ही यह जानकारी भी हासिल करेंगे कि मंत्रियों और ब्यूरोक्रेट के बीच पटरी बैठ रही है या नहीं? दरअसल, मुख्यमंत्री पहले निर्देश दे चुके हैं कि विधायक और मंत्री क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, लिहाजा अफसर उनके अधीन ही काम करें।
मंत्रियों से लेंगे विभागों का फीडबैक
चाय पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री, मंत्रियों से उनके विभाग का फीडबैक भी लेंगे। दरअसल, जिलों से प्रशासनिक स्तर पर विभाग की ग्राउंड रिपोर्ट सीएम कार्यालय को मिलती है और मंत्रियों की मौखिक रिपोर्ट से क्रास चैक किया जाएगा। सीएम की मंशा सरकारी येाजनाएं आम आदमी तक पहुंचे, इसके लिए वे हर तरह से फीडबैक चाहते हैं। सबसे अहम आगामी नगरीय निकाय के चुनाव हैं। मुख्यमंत्री जमीनी स्तर पर विकास कार्यों की स्थिति की जानकारी भी मंत्रियों से लेंगे।
अब बदल चुके हैं हालात
सीएम की चाय पर चर्चा करने के ऐलान के राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी में शामिल सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों की कार्यप्रणाली बदलने और उन्हें बीजेपी के अनुशासन सिखाने की कवायद हर स्तर पर चल रही है।
सिंधिया समर्थकों को दे सकते हैं टिप्स
संभवत: सिंधिया समर्थक मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री का संवाद इसी रणनीति का हिस्सा है। शिवराज कैबिनेट में अब सिंधिया समर्थक 8 मंत्री हैं। जिन्हें संगठन और सत्ता में कैसे तालमेल बैठा कर रखना है, इसके टिप्स मुख्यमंत्री उन्हें देंगे।