कलेक्टर ने सभी अफसरों पर जुर्माना ठोका है.
कलेक्टर ने वन विभाग, डीएफओ (DFO) कार्यालय, पुलिस अधीक्षक, नगर निगम कार्यालय सहित अन्य विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि सीएम हेल्पलाइन (CM Helpline) की शिकायतें निपटाने में देर या गड़बड़ी न करें
जबलपुर ज़िले में अफसर शिकायतों पर भी ध्यान नहीं दे रहे थे. ये शिकायतें CM हेल्पलाइन में दर्ज की गयी थीं. जब पेंडिंग शिकायतों की संख्या बढ़कर 462 पर पहुंच गयी तो कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने खुद ध्यान दिया. कलेक्टर ने पूरी लिस्ट निकलवायी और देखा कि किस अधिकारी के महकमे में ये शिकायतें पेंडिंग हैं. ऐसे कुल 53 अधिकारी थे जिन्होंने सीएम हेल्पलाइन की इन शिकायतों पर गौर नहीं किया था. ये एसडीएम से लेकर तहसीलदार और नायब तहसीलदार स्तर तक पर पदस्थ हैं. कलेक्टर ने सभी अधिकारियों पर 100 -100 रुपये का जुर्माना लगा दिया.
रेड क्रॉस में जमा करना होगा पैसा
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई सर्वोच्च प्राथमिकता वाली सीएम हेल्पलाइन योजना में भी लापरवाह अफसरों ने शिकायतों के निपटारे में लापरवाही बरती. ऐसे लापरवाह अधिकारियों पर कलेक्टर ने अर्थदंड की कार्रवाई की है. ये कार्रवाई इन अफसरों की सेवा पुस्तिका में भी दर्ज की जाएगी.इनसे वसूली गयी राशि रेडक्रॉस में जमा की जाएगी.नप गए ये अफसर
जुर्माना भुगतने वाले अधिकारियों में संयुक्त कलेक्टर भी शामिल हैं. वहीं वन विभाग, डीएफओ कार्यालय, पुलिस अधीक्षक,नगर निगम कार्यालय सहित अन्य विभाग के अधिकारियों को भी कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि सीएम हेल्पलाइन की शिकायतें निपटाने में देर या गड़बड़ी न करें. जो लापरवाही करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. कलेक्टर ने सभी 53 अधिकारियों से जुर्माने की राशि को रेड क्रॉस में जमा करने के निर्देश दिए हैं.
नकारेपन का अंजाम
शिकायतों का निपटारा जब अधिकारियों से न हो सका तो सीएम हेल्पलाइन में आवेदन करने वाले 462 शिकायत कर्ताओं की शिकायत पर भी विभाग के अधिकारी हीला हवाली करते रहे.अब उन्हें इसका अंजाम जुर्माना देकर भुगतना पड़ा.