हरियाणा हरिकेन के नाम से विख्यात थे कपिल देव, पहले ही मैच में उनसे डर गए थे पाकिस्तानी बल्लेबाज

हरियाणा हरिकेन के नाम से विख्यात थे कपिल देव, पहले ही मैच में उनसे डर गए थे पाकिस्तानी बल्लेबाज


कपिल देव ने भारत को पहली बार वर्ल्ड कप विजेता बनाया था.

अपने 16 साल के करियर में कपिल देव (Kapil Dev) ने 134 टेस्ट मैचों में 434 विकेट लिए. साथ ही 8 शतकों की बदौलत 5248 रन बनाए.

नई दिल्ली. भारतीय टीम को पहला वर्ल्ड कप जिताने वाले पूर्व कप्तान कपिल देव (Kapil Dev) का जन्म आज के दिन 6 जनवरी 1959 को चंडीगढ़ में हुआ था. भारत को तेज गेंदबाजी में प्रतिष्ठा दिलाने वाले कपिल देव हरियाणा हरिकेन के नाम से मशहूर थे. दुनिया के सफलतम ऑलराउंडरों में से एक कपिल ने गेंदबाजी के अलावा बल्लेबाजी में भी कई रिकॉर्ड अपने नाम किया है. इसके अलावा उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने पहली बार 1983 में विश्व कप का खिताब भी हासिल किया था.

इस वजह से बने तेज गेंदबाज
जब कपिल 15 साल के थे तो उन्हें मुंबई में एक ट्रेनिंग कैंप में भेजा गया. कैंप भारत के उभरते क्रिकेट सितारों के प्रशिक्षण के लिए लगा था. पहले दिन उन्हें खाने में दो रोटी और एक सूखी सब्जी मिली. यह देखकर कपिल ने खाना खाने से इंकार कर दिया. इसके बाद वह कैंप मैनेजर केके तारापुर के कमरे में पहुंचे. कपिल ने तारापुर से कहा कि इस खाने से उनका काम नहीं चलेगा. तारापुर जोर से हंसते हुए बोले कि एक दिन पहले ही तुम आए हो, तुम शिकायत करने लगे…यूनियन बना ली और इसके लीडर भी बन गए. बताओ क्या दिक्कत है. कपिल देव ने कहा कि सर मैं फास्ट बॉलर हूं और दो रोटी से मेरा काम नहीं चलेगा. इस पर तारापुर ने कहा कि रोटी तो तुम्हें और मिल जाएगी लेकिन एक बात समझ लो कि भारत में 40 साल में कोई फास्ट बॉलर पैदा नहीं हुआ है. कपिल के आंखों में आंसू आ गए और उसी समय उन्होंने तय किया कि वह भारत के सबसे तेज गेंदबाज बनेंगे.

पहली बार विरोधी बल्लेबाज ने पहना हेलमेट
कपिल देव से पहले किसी भी विरोधी टीम का बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों के सामने हेलमेट नहीं पहनता था. कपिलदेव ने 16 अक्टूबर 1978 में पाकिस्तान के खिलाफ फैसलाबाद टेस्ट में डेब्यू किया था. जब कपिल दूसरा ओवर डाल रहे थे तो उनकी एक गेंद सादिक मोहम्मद के नाक के बगल से निकल गई. कपिल की इस बॉल से सादिक घबरा गए और उन्होंने खेल रोककर हेलमेट मंगवाई. इसके बाद कपिल की अगली गेंद सादिक की हेलमेट से टकराकर विकेट के पीछे चार रनों के लिए चली गई. इस तरह से भारत को पहला तेज गेंदबाज मिला.

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कपिल देव का करियर
अपने 16 साल के करियर में कपिल देव ने 134 टेस्ट मैचों में 434 विकेट लिए. साथ ही 8 शतकों की बदौलत 5248 रन बनाए. वह 400 विकेट लेने वाले और 5 हजार रन बनाने वाले इकलौते खिलाड़ी हैं. इसके अलावा अपने टेस्ट करियर में उन्होंने सिर्फ 20 बार नो बॉल फेंकी. कपिल देव विकेटों के बीच तेज भागने के लिए मशहूर थे. 184 टेस्ट पारियों में वह कभी रन आउट नहीं हुए.

कपिल देव ने भारत की ओर से कुल 225 वनडे मैच खेले और 27.45 की औसत से 253 विकेट झटके हैं. बल्लेबाजी में उन्होंने 95.07 की स्ट्राइक रेट से 3783 रन बनाए हैं. वनडे क्रिकेट में सबसे पहले 200 विकेट लेने का कारनामा कपिल देव ने किया था.








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