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- Kamal Nath | Madhya Pradesh Congress Announcement In Support Of Farmers; Kamal Nath’s On Kisan Andolan
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भोपाल8 मिनट पहले
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कृषि काननों के खिलाफ एवं किसानों के समर्थन में कांग्रेस ने आंदोलन का ऐलान किया है। प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मीडिया को इसकी जानकारी दी।
- कमलनाथ का आरोप- कानून की बुनियाद कमजोर, कॉन्ट्रेक्ट फॉर्मिंग के लिए मजबूर हो जाएंगे किसान
- MP की 70% इकॉनामी कृषि पर आधारित, फिर भी 20% किसानों को ही MSP का मिलता है लाभ
कृषि कानूनों के खिलाफ और दिल्ली में जारी किसान आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस ने बड़ा ऐलान किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि कृषि कानूनों के खिलाफ अब सड़कों पर आंदोलन करेंगे। इसके लिए 15 जनवरी को सभी जिलों में दोपहर 12 से 2 बजे तक चकाजाम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 23 जनवरी को किसानों की अगुवाई में राजभवन का घेराव किया जाएगा। कमलनाथ ने मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार किसानों को खत्म करने का काम कर रही है। कृषि कानूनों की बुनियाद ही कमजोर है। इस कानून का केवल हम ही विरोध नहीं करे रहे, बल्कि एनडीए के घटक दल भी कर रहे हैं। क्योंकि यह एमएसपी खत्म करने वाला कानून है। केंद्र कृषि क्षेत्र का निजीकरण करना चाहती है। इसकी वजह यह है कि आजादी के बाद से ही आरएसएस और जनसंघ की सोच निजीकरण की रही है। मध्य प्रदेश देश में सबसे ज्यादा गेहूं पैदा करने वाला राज्य है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के इस कानून से कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग के लिए किसान मजबूर हो जाएगा। MP की 70% इकॉनामी कृषि पर आधारित है। बावजूद इसके प्रदेश में 20% किसानों को ही एमएसपी का फायदा मिलता है। इससे सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश के किसान प्रभावित होंगे।
कांग्रेस का आंदोलन
15 जनवरी को पूरे प्रदेश में दोपहर 12 से 2 बजे तक चकाजाम।
16 जनवरी को छिंदवाड़ा में किसान सम्मेलन होगा।
20 जनवरी को मुरैना में किसान सम्मेलन।
23 जनवरी को भोपाल में राजभवन का घेराव।
कमलनाथ ने दोहराया- MP में ही रहूंगा
कमलनाथ ने एक बार फिर दोहराया कि वे मध्य प्रदेश में ही राजनीति करेंगे। इसको लेकर सवाल के जवाब में उन्होंने कहा-पद का कुछ नहीं कह सकता लेकिन रहूंगा मप्र में ही रहूंगा। जब कमलनाथ यह बताया, उस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा व अरुण यादव भी मौजूद रहे। लेकिन तीनों नेताओं में से किसी ने कुछ नहीं बोला।