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- 4, Including Rahul, Were Sentenced To Life In The Surendrasinh Murder Case, To Get The Wife Of The Deceased Murdered
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झाबुआ15 घंटे पहले
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प्रतीकात्मक फोटो
- मुख्य आरोपी को जमानत के बाद नौकरी मिल गई, इस दौरान 2.25 लाख के गबन का आरोप भी लगा
17 मई 2018 को हुए सुरेंद्रसिंह नायक हत्याकांड में कोर्ट ने उसके दोस्त राहुल नायक धोती सहित चार आरोपियों को दोषी पाया है। जिला जज राजेश कुमार गुप्ता ने बुधवार को फैसला सुनाया। चारों आरोपियों को आईपीसी की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। चारों को जेल भेज दिया गया। हत्या के दो दिन बाद ही आरोपियों को पुलिस ने पकड़ लिया था। पुलिस जांच में पाया गया कि राहुल ने सुरेंद्र की पत्नी को पाने के लिए उसकी हत्या सुपारी देकर कराई।
कोर्ट ने राहुल (22) पिता रमणलाल धोती नायक निवासी कालिया छोटा पिटोल, राकेश (23) पिता गुला मेड़ा निवासी रेतालुंजा, बच्चू (28) उर्फ बसु पिता धूमसिंह भूरिया निवासी उबेराव और हुमला (33) उर्फ सोमला पिता छीतू वसुनिया निवासी दोतड़ को हत्या का दोषी पाया। कोर्ट ने सजा सुनाने के साथ ही दोषियों की जमानत और मुचलके निरस्त कर दिए। प्रकरण में बापू पिता धूमसिंह अभी फरार है। पैरवरी उप संचालक अभियोजन केएस मुवेल ने की। जानकारी मीडिया प्रभारी सूरज बैरागी ने की।
जमानत भी मिली और नौकरी भी : मुख्य आरोपी राहुल नायक को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। जमानत के बाद वो अपनी नौकरी वापस पाने में भी सफल हो गया। इस दौरान राहुल ने 2 लाख 23 हजार का गबन भी किया। इसकी रिपोर्ट सोसायटी के मैनेजर ने बनाकर अफसरों को भेजी। मृतक सुरेंद्र की पत्नी ने भी उसे नौकरी पर वापस रख लेने के खिलाफ शिकायत की। उसे जिले से हटाया गया तो इंदौर से आदेश ले आया, दूसरी बार हटाया तो भोपाल से भी आदेश लेकर आ गया था।
पकड़ा गया तब बोला था राहुल, मैं उसे नहीं मारता तो वो मुझे मरवा देता
सुरेंद्र अपने घर से 17 मई 2018 की रात गया था। 18 मई की सुबह कालापीपल गांव के पास पुलिया के नीचे शव मिला था। 19 मई को पुलिस ने राहुल को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने सुरेंद्र और उसकी पत्नी के मोबाइल की डिटैल निकाली तो राहुल पर शंका हुई। पूछताछ में उसने हत्या की सारी परतें खोल दी थी। जब उससे सुरेंद्र की हत्या करवाने का कारण पूछा तो बोला, सुरेंद्र को मेरे और उसकी पत्नी के बारे में पता चल गया था। अगर मैं उसे नहीं मरवाता तो वो मुझे मरवा देता। पुलिस जांच में ये कहा गया कि वो मृतक की पत्नी को पाना चाहता था। इसलिए हत्या करवाई।
ये थी घटना : डकैती का सोना सस्ते में दिलाने का कहकर बुलाया
पुलिस जांच में आया कि राहुल के फोन के बाद ही रात 8 बजे सुरेंद्र घर से निकला था। देर रात तक नहीं लौटा तो परिवार वालों ने रिपोर्ट दर्ज कराई। घर वालों के साथ राहुल भी उसे खोजता रहा। अगले दिन सुरेंद्र की लाश मिली। पत्थरों से कुचलकर उसकी हत्या की गई थी। जांच में सामने आया कि राहुल ने सुरेंद्र को डकैती का सोना सस्ते में दिलाने का लालच देकर बुलाया था।
इस तरह की हत्या : 17 मई की रात राहुल ने सुरेंद्र को फोन पर बताया कि दो लोग कालापीपल रोड पर आंबाखोदरा पुलिया पर बैठे हैं। उनसे मिल लो। सुरेंद्र जैसे ही वहां पहुंचा पुलिया पर शराब पी रहे बच्चू, और राकेश ने धक्का देकर गिरा दिया। बच्चू ने बड़ा सा पत्थर सुरेंद्र के सिर पर पटक दिया। राहुल को फोन कर बताया कि तुम्हारा काम हो गया है। पुलिस ने राहुल, बच्चू और राकेश को पकड़ लिया। उनसे पूछताछ में दो अन्य आरोपियों के शामिल होने का पता चला। राहुल ने ढाई लाख में सुरेंद्र की हत्या की सुपारी दी थी।