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जबलपुर5 मिनट पहले
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चार आरक्षकों ने आंख पर पट्टी बांधकर इंसास राइफल खोला और जोड़ दिए
- आईजी जबलपुर भगवत सिंह चौहान ने पुलिस लाइन का वार्षिक निरीक्षण करने के साथ दरबार लगाकर सुनी समस्याएं
- पुलिस की हेल्थ, एजुकेशन और बिल्डिंग सहित चार महत्वपूर्ण सुझाव को अनुशंसा सहित पुलिस मुख्यालय भेजेंगे आईजी
चार नव आरक्षकों ने आंख पर पट्टी बांधकर इंसास राइफल को खोलकर बांध दिया। उनकी कुशलता से खुश होकर आईजी जबलपुर भगवत सिंह चौहान ने एक-एक हजार रुपए का इनाम दिया। आईजी पुलिस लाइन का शुक्रवार को वार्षिक निरीक्षण करने पहुंचे थे। परेड और सलामी लेने के बाद उन्होंने पुलिस कर्मियों की कुशलता और अनुशासन को परखा।
अच्छे प्रदर्शन पर इनाम दिया तो खराब प्रदर्शन पर सजा भी दी। आईजी ने दरबार लगाकर पुलिस कर्मियों की समस्याओं को भी सुना। इस दौरान पुलिस विभाग से जुड़े चार महत्वपूर्ण सुझाव उन्हें इतने जमे कि उसे पुलिस मुख्यालय अनुशंसा के साथ भेजने की बात कह दी।

रक्षित निरीक्षक सौरव तिवारी की अगुवाई में मार्च परेड का प्रदर्शन किया गया
आईजी चौहान सुबह 9.30 बजे पुलिस लाइन परेड ग्राउंड पर वार्षिक निरीक्षण करने पहुंचे। वार्षिक परेड निरीक्षण के दौरान रक्षित निरीक्षक सौरव तिवारी की अगुवाई में शामिल पुलिस कर्मियों का अनुशासन देखते ही बन रहा था। परेड ग्राउंड पर मार्च में प्रशिक्षण पूर्ण कर आने वाले चार नव आरक्षक दक्ष हल्दकार, संतोष कुमार, ऋषि रोहित, दिलीप कुमार ने आंखों पर पट्टी बांधकर इंसास राइफल खोलने व जोड़ने पर एक-एक हजार का इनाम दिया।

पुलिस कर्मियों का ड्रेस देखा, खराब पर सजा, तो अच्छे पर इनाम दिए
बलवा ड्रिल का रिहर्सल
आईजी ने परेड ग्राउंड में बलवा ड्रिल का रिहर्सल भी देखा। रिहर्सल में ब्रज वाहन द्वारा दंगाई बने पुलिस कर्मियों को तितर-बितर करने टीयर गैस चलाए गए। इसके बाद उन्होंने सभी थानों की मोबाइलों का निरीक्षण किया। पुलिस लाइन में क्वाटर गार्ड कमांडर सूबेदार योगेश चौकसे व कर्मचारियों ने सलामी दी। वाहन ड्राइवरों को 10 मिनट में स्टैपनी खुलवाने का टार्गेट दिया। पांच ड्राइवरों को पांच-पांच सौ रुपए का इनाम दिया। वहीं इससे अधिक समय लगाने पर सजा दी। इसी तरह 10 पुलिस कर्मियों को उनके खराब यूनिफार्म पर सजा दी तो 30 को प्रशंसा पत्र दिए।

सैनिक सम्मेलन में पुलिस कर्मियों ने दिए सुझाव, सुनाई अपनी समस्या
सैनिक सम्मेलन में आए ये महत्वपूर्ण सुझाव
- पुलिस अस्पताल को सेना और फैक्ट्री अस्पताल की तर्ज पर पूर्ण विकसित बनाया जाए।
- आर्मी स्कूलों की तर्ज पर पुलिस स्कूल भी जिले में खुलनी चाहिए। इसमें पुलिस कर्मियों के बच्चों को पढ़ाई का मौका मिले।
- पुलिस के नए भवन की डिजाइन में मालखाना व रिकार्ड के रख-रखाव के लिए एक बड़ा कमरा रैक वाला होना चाहिए।
- केंद्रीय कर्मियों की तरह पुलिस के भी रिटायर्ड कर्मियों को सीजीएचएस जैसी कोई हेल्थ स्कीम की सुविधा मिलनी चाहिए।
ये रहे मौजूद
आईजी के वार्षिक निरीक्षण के दौरान एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा, एएसपी अमित कुमार, अगम जैन, गोपाल प्रसाद खांडेल, शिवेश सिंह बघेल, संजय कुमार अग्रवाल, सभी सीएसपी व एसडीओपी, शहर के सभी टीआई, रक्षित निरीक्षक सौरभ तिवारी सहित थानों से 310 अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।