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- 7 Days Chicken And Chicken Business Is Locked In Indore, Daily Business Of 42 Lakhs, Poultry Farm People Said Started Work By Taking Loans, What Will Happen Now
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इंदौर8 मिनट पहले
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आजाद नगर, खजराना सहित शहर के अन्य क्षेत्रों में निगम की टीम ने मुर्गे-मुर्गी को दुकान से हटाया।
काेराेना के नए स्ट्रेन और बर्ल्ड फ्लू की दस्तक ने इंदौरियों को टेंशन में डाल दिया है। राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा रोग अनुसंधान प्रयोगशाला (निशाद) भोपाल से आई प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद इंदौर में कलेक्टर मनीष सिंह ने बड़ा फैसला लेते हुए 7 दिन के लिए पूरे इंदौर जिले में चिकन और मुर्गा-मुर्गी के व्यवसाय को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। अन्य जिलों से इंदौर में मुर्गा-मुर्गियों को लाने पर भी प्रतिबंधित लगा दिया गया है। फ्लू के कारण चिकन और अंडे के रेट जमीन पर आ गए हैं। इंदौर में ना तो अब दुकान पर मुर्गे-मुर्गी और चिकन दिख रहा है ना ही अंडे की ट्रे नजर आ रही है। एक दिन पहले तक 7 रुपए बिकने वाला अंडा अब 1 रुपए में भी कोई खरीदने को तैयार नहीं है। वहीं, चिकन 200 से गिरकर 50 रुपए में आ गया है। हालांकि निगम और प्रशासन की टीम दुकानों से चिकन, मुर्गे-मुर्गी और अंडे जब्त कर नष्ट कर रही है।

खजराना क्षेत्र में निगम की टीम चिकन शॉप पर पहुंची।
शासकीय पशु चिकित्सा विभाग इंदौर के उपसंचालक डॉ. प्रमोद शर्मा ने बताया कि कलेक्टर के आदेश पर 7 दिन के लिए पूरे इंदौर जिले में चिकन और मुर्गा-मुर्गी के व्यवसाय को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है। डॉ. शर्मा की माने तो अन्य जिलों से इंदौर में मुर्गा-मुर्गियों को लाने को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। कलेक्टर ने यह निर्णय गुरुवार को आजाद नगर की तीन चिकन दुकानों के चार चाकुओं पर बर्ड फ्लू के वायरस की पुष्टि होने के बाद लिया है। शुक्रवार सुबह निगम की टीम आजाद नगर, मूसाखेड़ी, बंबई बाजार, चंदन नगर, खजराना सहित शहरभर के मीट शॉप पर पहुंची और यहां से मुर्गा-मुर्गी के साथ ही अंडे और चिकन को नष्ट करने के लिए ले गई। टीम सभी चिकन दुकानों को बंद करवाकर पूरे क्षेत्र को सैनिटाइज कर वहां मौजूद सभी मुर्गे-मुर्गियों को दफना रही है।
चिकन के शौकीन बोले – अंडे, चिकन बंद, सब्जी खाना शुरू
चिकन के शौकीन इरफान का कहना है कि पहले कोरोना और अब बर्ड फ्लू, ऐसे में हमने चिकन और अंडा खाना बंद कर दिया है। सब्जी अच्छी, उसे से काम चला रहे हैं। जो बीमारी हमारे सामने खड़ी है, उससे निपटने के लिए यह बहुत जरूरी है। नहीं तो कोराेना जैसा इसका प्रकोप नहीं बढ़ जाए। वैसे भी अपने शहर में कोराेना का नया स्टेन तो आ ही चुका है। बचाव बहुत जरूरी है।

अंड़े को भी नष्ट करने के लिए टीम अपने साथ लेकर गई।
व्यापारी बोले… फ्लू ने कमर तोड़ दी
- व्यापारी शौकत अली ने बताया कि पिछले 8 दिन से बर्ड फ्लू की जो खबरें सामने आई हैं, उससे हमारा धंधा पूरी तरह से ठप हो गया है। अंडे की खपत रुपए में 10 पैसे हो गई है। 550 रुपए के 100 अंडे खरीदकर उसे 650 में बेचते थे, जिसमें 10 पैसे बचते थे अब तो वह भी नहीं बच रहे हैं।
- व्यापारी शब्बीर का कहना है कि पहले कोरोना की मार पड़ी अब बर्ड फ्लू ने कमर तोड़ दी है। ग्राहकी तो नहीं के बराबर हो गई है। कल तक 100 रुपए सैकड़ा बिकने वाला अंडा अब वह 70 रुपए पर आ गया है। माल भी नहीं है।
व्यवसायी बोले – 50 रुपए में भी नहीं मिलने खाने वाले
होटल व्यवसायी विनोद पहाड़िया ने बताया कि कोरोना के बाद जैसे-तैसे व्यापार संभलना शुरू हुआ था, तो अब बर्ड फ्लू आ गया है। खबर सामने आने के बाद ग्राहक नहीं के बराबर हो गए हैं। चिकन और अंडे तो कोई मांग नहीं नहीं रहा है। पिछले साल ठंड के दिनों में इसकी इतनी मांग रहती थी कि ग्राहकी डबल हो जाया करती थी। अब 200 रुपए किलो बिकने वाला चिकन अब 50 रुपए में भी कोई खाने नहीं आ रहा है। वहीं, 7 रुपए का एक अंडा बिकता था, जो अब एक रुपए का हो गया है। हालांकि निगम प्रशासन की कार्रवाई के बाद अब अंडा और चिकन तो मिलने से रहा।

दुकान पर रखे खाली पिंजरे।
कर्ज लेकर व्यापार शुरू किया, अब पड़ रही चौतरफा मार
पोल्ट्री फार्म संचालक तोशिफ खान ने बताया 2006 में भी बर्ल्ड फ्लू ने दस्तक दी थी, लेकिन लोगों ने चिकन नहीं छोड़ा था। मांग बराबर बनी हुई थी। इस बार कोरोना के कारण लोग दहशत में ज्यादा हैं। इसलिए मांग में कमी आई है। प्रशासन ने 10 दिनों तक निर्यात पर पाबंदी लगाई है। 31 दिसंबर को थोक में 110 रुपए किलो चिकन बिक रहा था। दो दिन पहले उसके दाम गिरकर 70 रुपए आ गए थे। बाजार में चिकन की मांग नहीं है। कई लोगों ने कोरोना के बाद कर्ज लेकर व्यवसाय शुरू किया था, लेकिन बर्ड फ्लू के बाद उन पर चौतरफा मार फिर लग रही है। अभी एक चूजा हमें 45 रुपए का पड़ता है, इसका दाना ही 28 रुपए किलो आता है। ऐसे में इसे संक्रमण से बचाए रखने के लिए हमें अलग से दवाई पर खर्च करना पड़ेगा। 10 दिनों तक आवक कुछ नहीं होगी, लेकिन खर्च उतना ही रहेगा।
इंदौर में करीब 42 लाख रुपए प्रतिदिन कारोबार
एच-5 एन-8 एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) का सबसे ज्यादा खतरा पोल्ट्री फॉर्म को होता है। शहर में 500 से ज्यादा छोटे-बड़े पोल्ट्री फॉर्म हैं, जिनमें 10 लाख मुर्गे-मुर्गियों का पालन होता है। इससे करीब 42 लाख रुपए प्रतिदिन का कारोबार होता है।
इंदौर में अब तक 255 कौओं की मौत
मुर्गे-मुर्गियों को नष्ट करने की र्कारवाई शुरू कर दी गई है। पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक प्रमोद शर्मा ने बताया कि अब तक प्रदेश के 19 जिलों में 700 से अधिक पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू से हो चुकी है। फिलहाल जीवित मुर्गियों में यह वायरस नहीं मिला है। विभाग के अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया ने मुर्गियों आदि की असामान्य मृत्यु की तुरंत सूचना देने के निर्देश दिए हैं। उधर डेली कॅालेज, आंबाखेड़ी, बेटमा व आसपास के गांवों से 30 और कौओं के मरने की सूचना है। इंदौर व आसपास अब तक 225 कौए मर चुके हैं। मरे मिले सभी कौओं को सुरक्षित वैज्ञानिक विधि से दफना दिया गया है।