India vs Australia: ब्रिस्बेन विवाद पर बोले सुनील गावस्कर, बीसीसीआई को अपने खिलाड़ियों को बचाने का पूरा अधिकार

India vs Australia: ब्रिस्बेन विवाद पर बोले सुनील गावस्कर, बीसीसीआई को अपने खिलाड़ियों को बचाने का पूरा अधिकार


सुनील गावस्कर ने कहा है कि भारतीय टीम की मांग अनुचित नहीं है.

India vs Australia: ब्रिस्बेन में तीन दिन के लॉकडाउन के चलते 15 जनवरी से शुरू होने वाले मैच पर आशंका के बादल मंडरा रहे हैं.

नई दिल्ली. भारत और ऑस्ट्रेलिया (India vs Australia) के बीच टेस्ट सीरीज का चौथा मैच ब्रिस्बेन में खेला जाना है. ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने दावा किया है कि भारतीय टीम ब्रिस्बेन में नहीं खेलना चाहती जिसके बाद विवाद शुरू हो गया है. पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने इस मामले में भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) का पक्ष लिया है. उन्होंने कहा कि बीसीसीआई चौथे टेस्ट से पहले पृथकवास के नियमों में छूट देने की मांग करके केवल ‘अपने खिलाड़ियों को सुरक्षित’ कर रहा है जैसे क्वींसलैंड के स्वास्थ्य अधिकारी ब्रिस्बेन में कोविड-19 के ताजा मामलों को देखते हुए अपने लोगों को बचाने के लिए अधिकृत हैं. बीसीसीआई पहले ही क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) को ब्रिस्बेन में कड़े पृथकवास नियमों में छूट देने के लिए लिख चुका है और घरेलू बोर्ड ने मौखिक आश्वासन दिया है. हालांकि ब्रिस्बेन में तीन दिन के लॉकडाउन के चलते 15 जनवरी से शुरू होने वाले मैच पर आशंका के बादल मंडरा रहे हैं.

गावस्कर ने ‘चैनल 7’ पर कमेंटरी के दौरान कहा, ‘‘क्वींसलैंड सरकार अपने लोगों को बचाने के लिए पूरी तरह अधिकृत है. इसी तरह से मेरा मानना है कि बीसीसीआई भी पूरी तरह से अपनी टीम को सुरक्षित करने के लिए अधिकृत है. मुझे लगता है कि हमें इस चीज को कभी भी नहीं भूलना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘सिडनी में, लोग मैदान में आ रहे हैं और फिर वापस जाकर रेस्तरां में डिनर कर रहे हैं या फिर पब में 20 या 30 लोग इकट्ठे हो रहे हैं. ’’

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गावस्कर ने कहा कि भारतीय टीम का यह मांग करना अनुचित नहीं है कि अगर खिलाड़ी मैदान पर 10 घंटे के लिये एक साथ रहते हैं तो उन्हें कम से कम होटल में एक दूसरे से मिलने की अनुमति दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘वे यही कह रहे हैं कि उन्हें उसी तरह से मिलने की अनुमति भी दी जानी चाहिए. आपके सामने ऐसी भी स्थिति हो सकती है जिसमें गेंद दर्शकों के पास चली जाती है और भीड़ में से कोई गेंद को छू लेता है. यह बात समझी जा सकती है. यह समझा जा सकता है कि वे इस तरह से क्यों महसूस कर रहे हैं.”








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