वैक्सीन की बाधा दौड़: वैक्सीन के ट्रायल में सब कुछ ठीक लेकिन काफी सुधार की जरूरत, कुछ सवालों का जवाब नहीं दे पाई नर्स

वैक्सीन की बाधा दौड़: वैक्सीन के ट्रायल में सब कुछ ठीक लेकिन काफी सुधार की जरूरत, कुछ सवालों का जवाब नहीं दे पाई नर्स


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उज्जैन20 घंटे पहले

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ड्राय रन के दौरान कोरोना वैिक्सन को लगाने की प्रक्रिया पूरी करती नर्स।

स्थान- सेंट मेरी स्कूल। समय-सुबह नौ बजे। दिन शुक्रवार। यहां बूथ के बाहर पुष्पा मिशन हॉस्पिटल की स्टाफ नर्सें वैक्सीन के ड्राय रन के लिए बाहर कतार में खड़ी हैं। इनमें से सबसे पहले नंबर पर रजिस्टर्ड नर्स का नाम पुकारा गया।

उसका बूथ में प्रवेश द्वार पर मेडिकल ऑफिसर ने आईडी कार्ड देखा और सूची में नाम का मिलान किया। उसके बाद टेम्प्रेचर और पल्स चेक की। फिर वह टीकाकरण कक्ष में पहुंची। यहां आईपेड में नर्स का नाम चेक किया। यहां भी आईडी देखा गया। उसके बाद टीका लगाने की प्रक्रिया की गई। इस दौरान स्टाफ नर्स को बताया कि आपको दो वैक्सीन लगाए जाएंगे। पहला आज लग रहा है। दूसरे वैक्सीन के लिए आपके मोबाइल पर मैसेज आएगा, जिसमें स्थान व तारीख का उल्लेख रहेगा। इसके बाद स्टाफ नर्स को ऑब्जरवेशन रूम में 30 मिनट तक बैठाया गया। इसी तरह 24 कर्मचारियों के साथ में ड्राय रन किया गया। बीएससी नर्सिंग कॉलेज की बिल्डिंग के पहले फ्लोर पर वैक्सीन का ड्राइ रन रखा गया था।

यहां पर तय समय पर ड्राय रन शुरू नहीं हो पाया। यहां के स्टाफ का कहना था कि हमारी तो साढ़े आठ बजे से तैयारी थी, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आए, उसके बाद सुबह साढ़े नौ बजे से शुरू किया गया। लेटलतीफी की वजह से सुबह साढ़े दस बजे तक केवल सात लोगों पर ही ड्राय रन किया जा सका था। सेंट मेरी स्कूल व बीएससी नर्सिंग कॉलेज के बूथ पर वैक्सीन बॉक्स सुबह साढ़े आठ बजे ही पहुंच गए थे। इन्हें चेक करने के बाद वैक्सीनेशन कक्ष में रखा गया था।

तराना में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने स्थित गर्ल्स स्कूल में बनाए गए बूथ पर ड्राय रन किया गया। सीएमएचओ डॉ. महावीर खंडेलवाल, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. केसी परमार व आरएमओ डॉ. जीएस धवन मॉनिटरिंग के लिए बूथ पर पहुंचे। उन्होंने जो कमियां देखी उन्हें दूर करने के आदेश दिए।

सीएमएचओ ने पूछा- बची वैक्सीन का क्या करोगी, जवाब नहीं दे पाई नर्स
बीएससी नर्सिंग कॉलेज में ड्राय रन के दौरान सीएचएचओ डॉ. खंडेलवाल व्यवस्था देखने पहुंचे। उन्होंने नर्स से पूछा वैक्सीन कैसे लगाना है, मुझे लगाकर बताओ। नर्स ने वैक्सीन से इंजेक्शन भरा और उसे रिहर्सल के तौर पर लगाया। डॉ. खंडेलवाल ने पूछा इसे तो आपने पूरा भर लिया है, आधी बची है, उसका क्या करोगी तो वह जवाब नहीं दे पाई। इस पर डॉ. खंडेलवाल ने कहा बाकी बची हुई दवाई को डिस्ट्रॉय करना है। जबकि जिला टीकाकरण विभाग द्वारा स्टाफ को ट्रेनिंग देने के बाद ही उनकी ड्यूटी ड्राय रन में लगाई थी।

जिस गेट से बाहर जाना था वहीं से प्रवेश दे रहे थे, ली आपत्ति
सेंट मेरी स्कूल में वैक्सीनेशन रूम के जिस गेट से टीका लगाने के बाद बाहर जाने की व्यवस्था की जाना थी वहीं से प्रवेश दिया जा रहा था। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. परमार ने आपत्ति ली। उन्होंने कहा, एक गेट से वैक्सीन लगवाने वाले आएंगे और दूसरे गेट से बाहर जाएंगे।

सोशल डिस्टेंसिंग नहीं होने से कतार फिर से लगाई
सेंट मेरी के बूथ पर ड्रायरन में शामिल होने वाली नर्सों के बीच में सोशल डिस्टेंसिंग नहीं थी। इस पर यहां मौजूद अधिकारियों ने फिर से कतार लगवाई। इसमें सभी को पर्याप्त दूरी पर खड़ा किया। यहां पर केवल स्टाफ नर्स को ही ड्राय रन में शामिल किया गया, पुरुष नहीं थे।

आईपेड में नेटवर्क समस्या आई तो मोबाइल से की एंट्री
बीएससी नर्सिंग कॉलेज में नेटवर्क समस्या रही। यहां पर जिस कर्मचारी को आईपेड दिया गया था। नेटवर्क नहीं मिलने से कोविन-एप में एंट्री नहीं हो पा रही थी। इस वजह से उक्त कर्मचारी ने अपने मोबाइल में एंट्री की तथा वैक्सीन लगने पर डन किया।

पहला वैक्सीन ड्राय रन नर्स अमीया लाकरा पर
पुष्पा मिशन की नर्स अमीया लाकरा (27 साल) पर पहला वैक्सीन का ड्रायरन किया गया। वैक्सीनेशन करने वाले स्टाफ ने उन्हें पहले बताया कि आपको दो वैक्सीन लगेंगे, जिसमें पहला अभी लगेगा। वैक्सीन लगने के बाद 30 मिनट तक ऑब्जरवेशन रूम में रुकना पड़ेगा ताकि आपको वैक्सीनेशन से तकलीफ महसूस होती है तो चिकित्सकीय मदद दी जा सके। जिला टीकाकरण अिधकारी डॉ. केसी परमार ने बताया ड्राय रन के लिए तीन स्थानों पर बूथ बनाए थे। कहीं कोई समस्या नहीं आई। जो भी कमी देखी गई, उसे मौके पर ही दूर करवाया गया।



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