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- Katanga Flyover Has Been Postponed To The New Financial Year, There Is No Major Reason Even Then The Process Stalled
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जबलपुर19 मिनट पहले
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टेण्डर टेक्निकल प्रोसेस आगे बढ़कर थमी, 30 करोड़ से बनना है
- टेण्डर टेक्निकल प्रोसेस आगे बढ़कर थमी, 30 करोड़ से बनना है, अभी फिलहाल मंत्रालय में इस पर वर्क नहीं
कटंगा तिराहे से नर्मदा रोड की ओर प्रस्तावित फ्लाई ओवर का नए साल के आरंभ के साथ ही निर्माण शुरू हो जाना था, पर अब इसकी निर्माण प्रक्रिया पर ब्रेक लगा दिया गया है। कोई बड़ी वजह नहीं है तो भी बताया जा रहा है लोक निर्माण मंत्रालय भोपाल से इसको नए फाइनेंशियल ईयर तक रोक दिया गया है। संभावना अब यही बताई जा रही है कि 30 करोड़ से बनने वाला यह फ्लाई ओवर अब नये वित्तीय वर्ष यानी मार्च के बाद ही प्रक्रिया में आयेगा।
गौरतलब है कि आधा किलोमीटर से लंबा यह ब्रिज कुछ माह पहले स्वीकृत हुआ और इसका टेण्डर जारी कर दिया गया। टेण्डर प्रक्रिया भी टेक्निकल स्टेज से कुछ आगे बढ़ी पर अचानक उस पर ब्रेक लग गया है। लोक निर्माण सेतु के अधिकारियों के अनुसार फ्लाई ओवर की निर्माण प्रक्रिया जैसे टेण्डर फाइनल होना, फिर कंपनी तय होना, एग्रीमेंट जैसी कई प्रक्रियाओं से गुजरना है।
कटंगा तिराहे पर फ्लाई ओवर जिस हिस्से से बनना है वहाँ पर नाली निर्माण, विद्युत पोल सहित अन्य बाधाओं को पहले अलग किया जाना है। इसके लिए मूल स्वीकृत बजट से ही कार्य किया जाना है। अभी फिलहाल इसमें कोई गति नहीं है। भोपाल से कोई जानकारी स्थानीय स्तर पर नहीं मिल सकी है। लोक निर्माण सेतु के ईई प्रभाकर सिंह परिहार कहते हैं कि अभी इस फ्लाई ओवर के विषय में कोई आदेश नहीं आये हैं और आगे की कोई जानकारी नहीं है।
निकलने में होगी आसानी
इस टू-लेन फ्लाई ओवर के ऊपर जो सड़क होगी वह 8.4 मीटर यानी करीब 28 फीट चौड़ी होगी। इतनी सड़क से केण्ट एरिया से आ रहे वाहन आसानी से नर्मदा रोड की ओर यानी बंदरिया तिराहे की ओर जा सकते हैं। अभी जो नीचे की सड़क है उसमें इस दौरान आसानी से यातायात संचालित हो सकता है। यह एक हिस्से का फ्लाई ओवर होगा इसको भविष्य के नजरिए से विकसित किया जाएगा।
इस अंदाज में बनना है
- कुल निर्माण एरिया होगा 650 मीटर
- कुल निर्माण लागत है 30 करोड़
- इसमें करीब 12 करोड़ दूसरे कार्यों का खर्च
- 18 माह रखा गया निर्माण का टारगेट
अभी तिराहे पर ट्रैफिक बड़ी समस्या
इस तिराहे पर भी शहर के अन्य तिराहे और चौराहे के जैसे ही शाम के वक्त और ऑफिस के पीक टाइम पर जाम की स्थिति निर्मित होती है। गोरखपुर से जो लोग केण्ट की ओर जाते हैं वे बायें हिस्से में शाम के वक्त जाम में फंस जाते हैं। इसी तरह केण्ट के हिस्से से नर्मदा की ओर जो जाते हैं वे भी जाम में फँस जाते हैं। सिग्नल यहाँ पर लगा जरूर है पर ज्यादातर समय में ट्रैफिक की समस्या से निजात नहीं है। आगे दावा किया जा रहा है कि फ्लाई ओवर निर्माण से तिराहे पर ही नहीं आसपास ट्रैफिक की समस्या से निजात मिलेगी।