आत्मसम्मान की लड़ाई…: अब हमें भृत्य नहीं, कार्यालय सहायक ही कहा जाए

आत्मसम्मान की लड़ाई…: अब हमें भृत्य नहीं, कार्यालय सहायक ही कहा जाए


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गुना5 दिन पहले

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सरकारी अमले के सबसे अंतिम छोर पर काम करने वाले कर्मचारियों एकजुट होकर अपने आत्मसम्मान की लड़ाई शुरू कर दी है। रविवार को पहली बार यह कर्मचारी लघु वेतन कर्मचारी संघ के बैनर तले एकजुट हुए। इसमें प्रमुख रूप से यही मांग उठाई गई कि उनके पदनाम को बदला जाए। अब तक उन्हें भृत्य आदि पदनाम दिए गए थे। उनका कहना है कि अब उन्हें कार्यालय सहायक कहा जाए। साथ ही सरकारी सिस्टम में उनकी पदोन्नति और आगे बढ़ने की गुंजाइशों को भी बढ़ाया जाए। इस संगठन के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में महेंद्र शर्मा को निर्विरोध रूप से चुना गया है। वहीं जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी चंदन सिंह को दी गई। उनके नेतृत्व में 25 सदस्यीय कार्यकारिणी भी गठित की गई। रविवार को अंबेडकर भवन में हुए संगठन के पहले जिला सम्मेलन में कई अन्य कर्मचारी एवं अधिकारी संगठनों के पदाधिकारी भी आए। इनमें आलोक नायक, अनिल तिवारी आदि प्रमुख थे। ठेका प्रथा पर जताई चिंता : सभी वक्ताओं ने कहा कि सरकार ने धीरे-धीरे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का पूरा कैडर खत्म करने की शुरूआत कर दी है। उनकी जगह ठेका प्रथा को बढ़ावा दिया जा रहा है।



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