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दमोह5 दिन पहले
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दमोह| नए फिल्टर प्लांट में बने कंट्रोल कमांड सेंटर से शहर की टंकियों की निगरानी की जा रही है।
- नए फिल्टर प्लांट पर बना कंट्रोल रूम, बूंद-बूंद पानी का रहेगा हिसाब
शहर में पेयजल सप्लाई करने वाली पानी की टंकियों से व्यर्थ बहने वाले पानी पर अब अंकुश लगेगा। साथ ही कहीं कम कहीं ज्यादा पानी सप्लाई की समस्या भी दूर होगी। दरअसल शहर की पूरा पेयजल व्यवस्था पीएलसी स्काडा ऑनलाइन सिस्टम से जुड़ गई है। इस पर करीब डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। जिसका काम पाइप लाइन बिछाने वाली कंपनी द्वारा किया गया है।
जानकारी के अनुसार 16 पानी की टंकियों से पूरे शहर के 39 वार्डों में पेयजल सप्लाई किया जाता है। अभी तक इन टंकियों को भरने के दौरान कर्मचारियों को टंकी कितनी भरी इसकी जानकारी नहीं रहती थी। जिसकी वजह से कई बार पानी ओवरफ्लो होकर व्यर्थ बहता रहता था। इसके बाद ही सूचना देकर वाल्व को बंद किया जाता था। इससे पानी की बर्बादी होती थी, लेकिन हाल ही में पीएलसी स्काडर (प्रोग्राम लेबल लॉजिक कंट्रोलर) सिस्टम से पूरे शहर की 16 टंकियों को ऑनलाइन सिस्टम से जोड़ दिया गया है। जिसका कंट्रोल रूम नए फिल्टर प्लांट पर बनाया गया है।
राजनगर एवं जुझारघाट पर लगे संपवेल से भी जोड़ा
फिल्टर पर तैनात इंजीनियर आकाश गुरू ने बताया कि सभी टंकियों पर लगे पीएलसी स्काडा सिस्टम में एक बीएसएनएल की सिम लगी हुई है। जिसके नेटवर्क के माध्यम से टंकी भरने का पूरा डाटा ऑनलाइन कंट्रोल रूम में लगी बड़ी स्क्रीन पर दिखाई देता है। इसमें पानी के प्रेशर के अलावा एक-एक बूंद पानी की मॉनीटरिंग होती है। इतना ही नहीं इस सिस्टम को शहर के राजनगर तालाब एवं जुझारघाट पर लगे संपवेल से भी जोड़ा गया है।
जहां पर पानी का लेबल कितना है, इसकी भी पूरी जानकारी स्क्रीन पर नजर आती है। जिससे पूरी टंकियों की पल-पल की जानकारी मिलती है। जब टंकियों में पानी भर जाता है तो ओवरफ्लो होने के पहले ही बंद करा दिया जाता है। इतना ही नहीं इस सिस्टम के माध्यम से पाइप लाइनों में कितने प्रेशर से पानी जा रहा है, उसकी भी जानकारी मिलती है। इतना ही नहीं राजनगर या जुझारघाट से फिल्टर तक कितना पानी गया और फिल्टर से पानी की टंकियों में कितना पानी गया, इसका भी बूंद-बूंद पानी का हिसाब इस सिस्टम में दर्ज हो जाएगा।
यह होगा लाभ
- पानी का अपव्यय कम होगा।
- बिजली की बचत होगी।
- टंकी में पानी की उपलब्धता पर 24 घंटे अधिकारियों की नजर रहेगी।
- टंकियां समय पर ऑटोमेटिक भरी जाएंगी जिससे परेशानी नहीं होगी।
- पानी की निश्चित समय पर आपूर्ति की जा सकेगी।
- मोटर पंप, पेयजल लाइन की खराबी तत्काल पकड़ में आ जाएगी।
ऑनलाइन सिस्टम बूंद-बूंद पानी का रखेगा हिसाब
शहर की सभी पानी टंकियों सहित फिल्टर, जुझारघाट, राजनगर तालाब को पीएलसी स्काडा सिस्टम से जोड़ दिया गया है। इससे पाइप लाइन में प्रेशर, फ्लो और पानी की क्वालिटी की जानकारी मिलेगी। यदि किसी पाइप लाइन में प्रेशर कम जा रहा है या फिर पानी की क्वालिटी सही नहीं है या फिर पाइपलाइन या वॉल्व में लीकेज हो रहा है तो इसकी जानकारी कंट्रोल रूम से मिल जाएगी और तुरंत समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।
– मेघ तिवारी, उपयंत्री नगर पालिका
शहर की ये टंकियां स्काडा सिस्टम से जुड़ीं
किल्लाई नाका, एसपीएम नगर, विवेकानंद नगर, धरमपुरा, ढोर बाजार, उमा मिस्त्री की तलैया, गजानन पहाड़ी पर तीन, नौगजा की दो, सर्किट हाऊस पर दो, मुश्की बाबा, फुटेरा वार्ड रामजानकी टंकी, फिल्टर के पास सीमेंट टंकी को इस सिस्टम से जोड़ दिया गया है।
क्या है टंकियों का ऑनलाइन सिस्टम
स्काडा ऑटोमेटिक ऑनलाइन सिस्टम से शहर की सभी पानी की टंकियां, फिल्टर प्लांट, राजनगर व जुझारघाट के संपवेल को जोड़ दिया गया है। इस सिस्टम में विशेष प्रकार के सेंसर लगे हुए हैं। जो सबसे पहले टंकी में लगे सिस्टम को जानकारी भेजते हैं। वहां से यह जानकारी सीधे नए फिल्टर प्लांट पर लगी स्क्रीन पर दिखती है।