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ग्वालियरएक दिन पहले
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प्रतिकात्मक फोटो
- अफसर बोले- बांध को खतरा होगा
जलालपुर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए तिघरा बांध से पानी लेने के लिए निगम ने बांध के स्लूस गेट के पास छेद करने का प्रस्ताव जल संसाधन विभाग काे भेजा था, लेकिन उन्हाेंने नकार दिया है। अधिकारियाें का कहना है कि तिघरा बांध 100 साल पुराना है। ऐसा करने से बांध काे खतरा हाेगा।
जल संसाधन विभाग ने पीएचई के अधिकारियों को सायफन सिस्टम और राइजिंग मैन (पंप हाउस) का विकल्प दिया है। इन दाेनाें विकल्पाें के जरिए प्लांट काे पानी दिया जा सकता है। निगम पीएचई ने अभी इस बारे में अंतिम निर्णय नहीं लिया है।
दरअसल, अमृत योजना के तहत 1600 एमएम की पाइप लाइन तिघरा जलाशय से जलालपुर में बन रहे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए डाली जा रही है, लेकिन इस लाइन के जितना पानी चाहिए उसके लिए बांध के स्लूस गेट के पास छेद कर सीधा पानी लेना जरूरी है। इसके लिए जल संसाधन विभाग ने इनकार कर दिया है। इस कारण अब मामला उलझ गया है। यदि समय रहते फैसला नहीं लिया गया तो मार्च-अप्रैल में नए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से ट्रायल होना मुश्किल हाेगी।
बिना स्वीकृति लिए बना लिया था प्लान: तिघरा का पानी ग्रेविटी से लेकर नए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट काे देना तय हुआ था। पीएचई अधिकारियों ने प्लान बनाकर बांध में 1600 एमएम पाइप लाइन के लिए छेद करना तय कर रखा था। इसके लिए जल संसाधन विभाग से कोई स्वीकृति नहीं ली गई थी।
अभी नया प्रस्ताव नहीं मिला
तिघरा बांध पुराना है। उसकी सुरक्षा देखते हुए 1600 एमएम पानी की लाइन के लिए छेद करना मुश्किल है। हमने सायफन और राइजिंग मैन पाइप लाइन का विकल्प दिया है। उनका प्रस्ताव आते ही बांध सुरक्षा शाखा को भेजकर स्वीकृति दे दी जाएगी।
-एमएल साहू, कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग