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रहटगांव5 दिन पहले
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- घटना के दूसरे दिन डीएफओ ने किया घटनास्थल का निरीक्षण
रहटगांव| जवारदा में चरवाहे पर बाघ के हमले के दूसरे दिन रविवार काे डीएफओ नरेश दाेहरे ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। जवारदा के करीब 1 किलोमीटर दूर जंगल में यह घटना घटी थी। डीएफओ ने बाघ के पंजे के निशान देखे। कहा यदि मादा है व उसके साथ बच्चे हैं तो वह हमेशा आक्रामक रहती है। बाघिन बच्चों की रक्षा के लिए मनुष्य पर हमला कर देती है। इस घटना में भी शायद ऐसा ही हुआ है। हालांकि यह निश्चित नहीं है कि हमला करने वाला प्राणी बाघ है या तेंदुआ। ग्रामीणों ने कहा घाव देखने से नहीं लगता है कि यह बाघ के द्वारा किए हुए हैं।
घटनास्थल से 1 किलोमीटर दूरी पर बाघ या तेंदुए के पंजे के निशान नाले के किनारे गीली सतह पर मिले हैं। मौके का निरीक्षण कर लिया। पंजों के निशान लिए हैं। वरिष्ठ से मार्गदर्शन लिया जा रहा है। तेंदुए व बाघ के पंजों में बहुत बारीक अंतर होता है। उन्होंने ग्रामीणों से सतर्क रहने ओर अकेले जंगल में बहुत अंदर ना जाने की समझाइश दी। उन्हाेंने बताया चरवाहे का उपचार कराकर सहायता राशि दी है।
कई गांवाें में बाघ और तेंदुए का मूवमेंट
हरदा जिला बाघ काॅरीडोर में आता है। यहां बाघ के मूवमेंट बने रहते हैं। बाघ यहां के क्षेत्र में कुछ दिन बिताकर आगे निकल जाता है। जो क्षेत्र बाघ के प्रति संवेदनशील है। जिले के कई गांवों में बाघ और तेंदुए का मूवमेंट पाया गया है।